फतेहपुर। संवाददाता। फतेहपुर प्रखंड के बांदरनाचा पंचायत के अंतर्गत बाघमारा ग्राम में आयोजित चार दिवसीय अखंड हरिनाम कीर्तन का कुंज विलास वर्णन के साथ संपन्न हो गया। चार दिवसीय दिवा, रात्रि, अखंड हरिनाम संकीर्तन से वातावरण भक्तिमय हो गया था। लीला कीर्तन गान परिवेशन कर्ता सुरंजीत भट्टाचार्य ने भगवान के शयन कक्ष का वर्णन धार्मिक ग्रंथों के अनुरूप तथा स असाधारण व्यक्तित्व के धनी साधु वैष्णव के द्वारा छन्द अलंकार युक्त रचना को वर्णित किया। कहा कि भगवान के शयन कक्ष में किसी प्रकार विघटन, अशांति का बोध ना हो यह देखते हुए पशु पक्षी भी आपस में वार्तालाप मृदु एवं धीरे से बोलने के लिए बाध्य हो गए थे। कुंज बिलास का वर्णन करते हुए कहां धीरे – धीरे कथा राय जेन जागे ना, पूर्ण रुप से जैसे कि राधा कृष्ण के मिलन उत्सव में किसी प्रकार अशांति महसूस नहीं हो। इसी के साथ कुंज विलास संपन्न होने के पश्चात श्रोता वृन्द से अनुरोध किया गया कि भगवान के निमित्त में जो प्रसाद का आयोजन किया गया है उसमें सभी भक्तों व श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करके अपने घर की ओर जाएं।