देवघर/वरीय संवाददाता। सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी, जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ आलोक कुमार सिंह एवं जिला भीबीडी सलाहकार डॉ गणेश कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाएगा। इस वर्ष आठवां राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाना है जिसका थीम- “हार्नेस पार्टनरशिप टू डिफीट डेंगू” अर्थात “डेंगू को हराने के लिए साझेदारी का उपयोग करें” है। इसके लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर गोष्ठी का आयोजन, रैली एवं प्रभात फेरी निकालना, विद्यालय जागरूकता कार्यक्रम के तहत बच्चों को जागरूक करना, प्रिंट मीडिया द्वारा जन जागरुकता करना तथा आईपीसी के तहत घर-घर भ्रमण कर डेंगू रोग से बचाव संबंधी जन जागरूकता एवं प्रचार प्रसार जैसे क्रियाकलापों को किया जा रहा है। साथ ही वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत देवघर शहरी क्षेत्रों में राज्य मुख्यालय द्वारा आवंटित कम्युनिटी वोलेंटियर्स द्वारा जुलाई से लेकर 100 दिनों तक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सहिया, एमपीडब्ल्यू एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जुलाई से लेकर दिसंबर माह तक एक टीम बनाकर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी। इसके लिए शहरी क्षेत्रों में फाइलेरिया नियंत्रण इकाई के साथ देवघर नगर निगम एवं मधुपुर नगर पालिका के छिड़काव दलों आदि का सहयोग लिया जाना है। उन्होंने कहा कि जनहित में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर के अंदर निगरानी खोज के लिए जाएं, तो उन्हें सहयोग करें। उन्होंने बताया कि मलेरिया, डेंगू/चिकनगुनिया के रोकथाम में जन-जागरूकता के साथ जन-सहभागिता होनी चाहिए, तभी सफलता मिलती है। आगे कहा कि गांव या मोहल्ले में किसी व्यक्ति को यदि मलेरिया, डेंगू/चिकनगुनिया हो गया हो तो उसे छुपाना नहीं है। इसकी जानकारी उसके घरवाले या पड़ोसी या इलाज करने वाले चिकित्सक अथवा जांच घर के संचालक द्वारा सिविल सर्जन/जिला मलेरिया कार्यालय या संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्राधीक्षक को जनहित में अनिवार्य रूप से दिया जाना है। ताकि उक्त रोगी के घर तथा आसपास के क्षेत्रों में त्वरित डेंगू/चिकनगुनिया रोधी निरोधात्मक कार्रवाई किया जा सके और इसे अन्यत्र फैलने से अविलंब रोका जा सके, यदि ऐसा नहीं करते हैं तो डेंगू रोगी की जानकारी को छुपाने के आरोप में संबंधित पर भादंसं 188 प्रावधान के तहत् कानूनी कार्रवाई किया जाएगा। साथ ही 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सूचना उनके अभिभावकों द्वारा दिया जाना अनिवार्य है।
डेंगू चिकनगुनिया के लक्षण : सिविल सर्जन ने कहा कि डेंगू चिकनगुनिया के लक्षण है कि अचानक तेज बुखार आना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जोड़ों एवं मांसपेशियों में दर्द होना, पहचान खो देना, त्वचा, छाती और हाथों में खसरा जैसे चकते दाने निकल आना, पेट दर्द और थकान तथा आराम न मिलना, साथ ही मसूड़ों से खून आना, भोजन से अरुचि, भूख ना लगना आदि। उन्होंने बताया कि इससे बचने का सबसे सरल उपाय है मच्छरों के काटने से बचना, घर के आसपास साफ-सफाई रखें, सभी पुराने टायरों, बर्तनों तथा बिना उपयोगी अथवा उपयोग में नहीं आने वाली वस्तुओं को अपने ऑफिस एवं घरों से हटा दें, नष्ट कर दें। ताकि इनमें पानी का जमाव ना हो। उन्होंने बताया कि पानी के बर्तनों को हमेशा ढक कर रखें, क्योंकि एसिड मच्छर हमारे घर तथा आसपास में जमा हुए स्वच्छ जल में ही पनपते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए सप्ताह में कम से कम एक बार पानी की टंकी, गमलों, फूलदान और फ्रिज के ट्रे के साथ छत पर या बगीचे या गली आदि में बेकार पड़े मग, बॉल्टी, डब्बा, प्लास्टिक कप आदि को सफाई कर उसे सूखने दें। साथ ही पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने, हमेशा मच्छरदानी के अंदर सोएं, संभव हो तो कीटनाशीयुक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि बुखार आने पर खूब पानी पिए और आराम करें।
जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ आलोक कुमार ने बताया कि बताया कि डेंगू चिकनगुनिया संक्रमित मादा एसिड मच्छर को काटने से होता है। जो प्राय: दिन में काटती है। यह हमारे घरों और कार्यालयों में लगे पर्दों के पीछे, मेज-टेबल, सोफे, प्लंग आदि के नीचे छिपे रहतीं हैं, जिसे समय-समय पर साफ करके इसके डंक से बचा जा सकता है। ज्यादातर एडिस मच्छर हमारे शरीर के निचले हिस्से में काटती है, इसलिए यथासंभव इन अंगों को ढककर रखना ज्यादा जरूरी है।