-सिर्फ विभाग और सप्लायर हुए मालामाल
फतेहपुर/संवाददाता। आदिम जनजाति पहाड़िया के उत्थान के लिए और इन लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजना चला रही है। लेकिन इसकी धरातल पर क्या स्थिति है आज उस वास्तविकता से अवगत करा रहे हैं। आज वह तस्वीर दिखा रहे हैं जिससे पता चलेगा कि पहाड़िया समुदाय को किस तरह आत्मनिर्भर बनाने के नाम पर ठगा जा रहा है। यह मामला जामताड़ा के फतेहपुर प्रखंड के डुमरिया पंचायत अंतर्गत पड़ासी गांव की है। जहां 15 पहाड़िया लाभुकों के बीच 2022 में जेटीडीएस संस्था द्वारा 75 सूअर वितरण किया गया था। उद्देश्य था आदिम जनजाति पहाड़िया लाभुकों को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का। लेकिन इस योजना से भले ही 15 लाभुक आत्मनिर्भर तो नहीं बन पाए लेकिन विभाग और सप्लायर मालामाल हो गए। पड़ासी गांव के माणिक पहाड़िया, सुफल पहाड़िया, नन्दलाल पहाड़िया, शिवकिंकर पुजहर, हेमंत पुजहर, प्रशान्त पुजहर, आरती देवी, बामापद पहाड़िया, गोपाल पहाड़िया, बादल पहाड़िया, राधिका देवी, कालीदास देवी, संजय पहाड़िया, विभीषण पहाड़िया और रानी देवी को पांच-पांच सुअर मिले थे। लेकिन महज चंद दिनों में ही सुअर मरने लगे और सब मर गए। जिस वजह सभी लाभुकों में निराशा छा गई। चर्चा है कि वितरण किए गए सुअर कमजोर और उन्नत नस्ल का नहीं था। इधर इस मामले को देखते हुए विधायक प्रतिनिधि सह 20 सूत्री अध्यक्ष परेश प्रसाद यादव ने भी जेटीडीएस के कार्यों पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह जेटीडीएस संस्था द्वारा पड़ासी गांव में सूअर बांटा गया और जल्द ही सूअर मर भी गया यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रावधान के अनुसार लगता है कि ऐसे पशुधन के मरने के बाद बीमा का लाभ भी लाभुकों को मिलना चाहिए, जो यहां नही मिला है। पड़ासी गांव के लाभुकों को न्याय दिलाएं। अन्यथा मामले को बीस सूत्री और जिला के बैठक में रखने को बाध्य होंगे।
नोडल लैम्प्स सिमलडुबी में धान बीज पहुंचने से किसानों में खुशी
-33 लैम्पस और पैक्स में बांटे जायेंगे खरीफ धान बीज
बिंदापाथर/संवाददाता। जामताड़ा जिला में भी रोहिणी नक्षत्र आगमन के पूर्व धान की बीज पहुंचने से किसानों में खुशी छा गई है। सूखे की मार झेल रहे किसानों को इस साल राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा बीज मुहैया कराने में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत जिला के किसानों को समय पर बीज, खाद उपलब्ध कराई जा रही है। योजनाओं के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी जिला के पदाधिकारियों पर है। बिरसा बीज उत्पादन विनिमय तथा फसल विस्तार योजनान्तर्गत जामताड़ा जिला में एक हजार क्विंटल धान बीज आवंटित हुआ है। प्राप्त आवंटन के अनुरुप जिला के सदर प्रखंड जामताड़ा के अलावा नारायणपुर, करमाटांड,़ कुण्डहित, नाला एवं फतेहपुर प्रखंड अंतर्गत कुल 33 लैम्पस एवं पैक्स के माध्यम से किसानों को धान बीज उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार का एक मात्र उद्देश्य है कि किसानों की आर्थिक सहायता करना है। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा किसानों को खरीफ फसलों के बीज 50 फीसदी अनुदान पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। यह योजना किसानों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए कारगर साबित होगी। इस बारे में सिमलडूबी नोडल लैम्पस के प्रबंधक नोनी गोपाल घोष ने कहा है कि राष्ट्रीय बीज निगम नई दिल्ली से पहली खेप में 250 क्विंटल धान बीज नोडल लैम्पस सिमलडूबी पहुंच चुका है। उन्होंने बताया कि किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित दर 50 प्रतिशत सब्सिडी यानी 1780 रुपये प्रति क्विंटल के दर से धान बीज वितरण किया जाएगा। इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी चन्द्रजीत खलको ने कहा है कि जामताड़ा जिला में किसानों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने किसानों को धान की बेहतर फसल उत्पादन करने के लिए समय के साथ ही धान बीज उपलब्ध करा दिया है। जिले में कुल एक हजार क्विंटल धान बीज आवंटित हुआ है। इसके तहत राष्ट्रीय बीज निगम नई दिल्ली से पहली खेप में 250 क्विंटल धान बीज नोडल लैम्पस सिमलडूबी पहुंच चुका है। उन्होने नोडल लैम्पस सिमलडूबी को जिले के कुल 33 लैम्पस एवं पैक्स को नियमानुसार धान बीज उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है।
पंचायत मेरा, पानी मेरा फिर भी लोगों को नहीं मिल रहा है पानी : सोमेन
जामताड़ा/संवाददाता। पंचायत मेरा, पानी मेरा लेकिन यहां के लोगों को नहीं मिल रहा है पानी ऐसा क्यों। उक्त बातें समाजसेवी सोमेन दत्ता ने कहीं। उन्होंने कहा कि अजय नदी से शहरी क्षेत्र में पानी का सप्लाय किया जाता है। कहा कि गर्मी का समय आ गया है। यहां के अधिकतर चापानल दम तोड़ चुका है। लोगों को पानी की समस्या से जुझना पड़ रहा है। लेकिन जिला प्रशासन को इससे कुछ लेना देना नहीं है। आखिर गांव के लोगों के साथ ऐसा क्यों किया जाता है।
विवाहिता ने पेड़ के सहारे लगाई फांसी, जांच में जुटी पुलिस
कुंडहित/संवाददाता। कुंडहित थाना क्षेत्र अंतर्गत भेलुवा गांव के समीप एक विवाहिता ने गुरुवार को पेड़ से झूल कर आत्महत्या कर ली। मामले की सूचना मिलते ही भेलुवा गांव से कुछ दूरी पर स्थित घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने करंज के पेड़ से झूलते हुए शव को कब्जे में लेते हुए अंत्यपरीक्षण के लिए जामताड़ा भेज दिया। वहीं पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के सौराकी के निवासी महादेव मुर्मू के 38 वर्षीय पत्नी चुड़की हेंब्रम 02 दिन पहले अपने मायके बनियाडंगाल आई थी। गुरुवार की सुबह करीब 04 बजे चुड़की अपने मायके से हाथ में टॉर्च लेकर निकली थी। जिसके बाद दोपहर में भेलुवा गांव के समीप करंज पेड़ से साड़ी के फंदे से झुलती हालत में उसका शव बरामद हुआ।
एक लाख रुपये की मांग को लेकर बहू को किया प्रताड़ित, प्राथमिकी दर्ज
कुंडहित/संवाददाता। मायके से एक लाख नकद मांग कर लाने की बात को लेकर 08 वर्ष पूर्व ब्याही विवाहिता के साथ मारपीट करने और प्रताड़ित करने का मामला प्रकाश में आया है। मामला कुंडहित थाना क्षेत्र अंतर्गत भेलाडीहा गांव का है। मामले के संबंध में गुरुवार को कुंडहित थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस को दिये बयान में मामले की पीड़िता पीयाली मान्ना ने पति बबलू मंडल, सास करुणा मंडल तथा ससुर मानिक मंडल के विरुद्ध दहेज को लेकर मारपीट करने, धमकी देने तथा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि ससुराल वाले उससे मायके से 01 लाख रुपये मांग कर लाने की बात कह कर प्रताड़ित कर रहे हैं। उसने बताया कि पिछले कई वर्षों से चल रही प्रताड़ना को लेकर कई बार पंचायती भी हुई पर निराकरण नहीं हुआ। ससुराल वालों की मांग बंद नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि पीड़िता के ससुर राजस्व ग्राम प्रधान है। वहीं पीड़िता के पिता भी राजस्व ग्राम प्रधान ही है। पीड़िता ने आरोपी बबलू के साथ 08 वर्ष पूर्व लव मैरेज किया था। दोनों का सात साल का एक बच्चा भी है। फिलहाल मामला दर्ज करने के बाद पुलिस छानबीन में जुट गई है। वहीं दहेज प्रताड़ना का यह मामला फिलहाल क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।