तीर-घनुष, लाठी-डंडा लेकर शहर में घुमती रही बंद समर्थकों को टोली
बंद रहे हाट-बाजार और दुकानें, सड़कों पर जगह-जगह लगाया जाम
दुमका/वरीय संवाददाता। आदिवासी किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर उसके शव को पेड़ से लटकाने की घटना के विरोध में सोमवार को दुमका में अभूतपूर्व बंदी देखी गयी। एक दर्जन से अधिक आदिवासी संगठनों के आह्वान एवं भाजपा व कुछ अन्य राजनीतिक दलों के साथ ही मुस्लिम नेताओं के समर्थन के कारण शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी अभूतपूर्व बंदी रही। बंद के कारण शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूलों में आयोजित कार्यक्रम या तो रद्द कर दिया गया फिर वह प्रभावित हो गया। विभिन्न संगठनों के सदस्य डूगडूगी बजाते हुए लाठी-डण्डे, पाइप व हॉकी स्टीक से लैस होकर दिनभर सड़कों और बाजार में घुमते देखे गये जिस कारण चाय, नाश्ता और पानें दुकानें भी बंद हो गयी जबकि ठेले वाले भी घर लौट गये। शहर के टीन बाजार, दुधानी टावर चौक, अंबेडकर चौक, शिवपहाड़ चौक, एसपी कालेज चौक समेत विभिन्न इलाकों के सड़कों को बांस-बल्ली और झांड़ियां लगा कर या फिर वाहनों को बीच सड़क पर सीधा खड़ा करवाकर लगभग सभी सड़कों को जाम कर दिया गया जहां से दो पहिया वाहनों को भी जाने की इजाजत नहीं थी। कई जगह सड़क पर टायर भी जलाये गये। पैट्रोल पंप, मॉल, डिजनीलैण्ड, व्यापारिक प्रतिष्ठान और छोटे बड़े सभी दुकानें बंद रही। सरकारी कार्यालय, बैंक और कचहरी खुले रहे पर वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप रहने के कारण वहां का कामकाज प्रभावित हुआ। बंद समर्थक नाबालिग आदिवासी छात्रा के हत्यारे को फांसी की सजा देने, परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने के साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व दुमका विधायक बसंत सोरेन के अलावा पहली बार शिबू सोरेन हाय-हाय के नारे भी लगाते देखे गये। सुबह आठ बजे छात्र समन्वय समिति के सदस्यों ने एसपी कालेज के मार्ग जाम कर बंदी शुरू की। इसके बाद छात्रों की आधा दर्जन टुकड़ी तीर घनुष, लाठी व डंडा लेकर शहर में उतरी। हर चौक चौराहों को जाम कर प्रदर्शन किया। बंद समर्थकों की इस भीड़ के आगे-आगे पुलिस भी चल रही थी। बंदी को लेकर एक दिन पहले सूचना जारी होने के कारण सुबह से एक भी दुकान का शटर नहीं खुला। बाइक को छोड़कर एक भी वाहन नहीं चला। बंद समर्थकों ने सप्ताहिक हाट को भी बंद करवा दिया। पूरे शहर में घूमकर एक भी दुकान को खुलने नहीं दी। न तो बस चली और न ही पेट्रोल पंप खुले। मार्ग जाम की वजह से श्रीअमड़ा में ट्रकों की लंबी कतार लगी रही। सुरक्षा के लिए हर चौक चौराहों पर पुलिस के साथ दंडाधिकारी के साथ मुस्तैद थे। शहर का ऐसा कोई मार्ग नहीं था, जो जाम से बचा हो। शाम चार बजे तक आदिवासी संगठन के सदस्य बाइक से घूमते रहे। शाम में जब बंद समर्थक लौट गये तो पैट्रोल पंप और एक्के-दुक्के दुकान खुले हुए दिखे।
शिकारीपाड़ा बाजार पूरी तरह से रहा बंद
शिकारीपाड़ा/निज संवाददाता। दुमका में एक के बाद एक दो नाबालिगो की नृशंस हत्या के विरोध में सोमवार को कई समाजिक संगठनों के दुमका बंद के आह्वान पर दुमका रामपुरहाट के मुख्य मार्ग पत्ताबाड़ी, शिकारीपाड़ा सहित कई स्थानों पर अवरूद्ध कर आवागमन को आदिवासी समुदाय के लोगों ने बंद कर दिया। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भी बंद कराया। वैसे प्रदर्शनकारियों को बाजार बंद कराने में ज्यादा मशक्कत नहीं करना पड़ा। लोगों ने इस घटना के विरोध में स्वत: अपनी व्यवसायिक प्रतिष्ठान को बंद रखा है। लोगों की मांग है कि इन नाबालिक के हत्यारों को फास्ट ट्रेक कोर्ट के माध्यम से जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए। साथ ही पीड़िता के परिजनों को उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए। बंद के समर्थन में जनप्रतिनिधि भी शामिल रहे।
भाजपा कार्यकताअरं ने गोपीकांदर चौक किया जाम
गोपीकांदर/निज संवाददाता। गोपीकांदर चौक में भाजपा कार्यकताअरं ने दुमका-पाकुड़ मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। मंडल अध्यक्ष नकुल साह और भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता सत्य शिक्षानंद मुर्मू के नेतृत्व में सड़क को जाम किया गया। कार्यकताअरं ने हेमन्त सोरेन हाय-हाय और दोनों कांडों के दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। सूचना पर गोपीकांदर थाना प्रभारी नित्यानंद भोक्ता और बीडीओ सह सीओ अनन्त कुमार झा ने जाम स्थल का निरीक्षण कर जायजा लिया। जाम में छोटी-बड़ी वाहन और कोयला ढुलाई कर रहे वाहन भी फंसे रहें। अध्यक्ष नकुल साह ने बताया कि आदिवासी बेटी की हत्या नहीं बल्कि दुमका जिले की बेटी की हत्या हुई है। दोषी को फांसी से कम की सजा नहीं होनी चाहिए। यह एक जघन्य अपराध है। सत्य शिक्षानंद मुर्मू ने बताया कि राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री है बावजूद इसके दुमका में ही ज्यादा घटना हो रही है। किसी बेटी को पेट्रोल छिड़कर मार दिया जाता है तो किसी को गर्भवती कर फांसी से झुलाकर हत्या कर दी जाती है। पीड़ित परिवार को एक करोड़ की सरकार सहायता राशि दें और दोषी को फांसी की सजा दिया जाए। मौके पर कैलास मंडल, राजेश मिर्धा, भुनेश्वर राय, आसमान मुर्मू, बिशु मंडल, जतन मरांडी आदि कार्यकर्ता शामिल थे।
जामा में बंद का मिलाजुला असर
जामा/निज संवाददाता। दुमका में हो रहे लगातार हत्या के खिलाफ सोमवार को आदिवासी संगठनों द्वारा बंद का आहवान किया गया था। जिसके तहत जामा थाना क्षेत्र के विभिन्न मार्गों पर गाड़ियों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद था। लेकिन महारो चौक को छोड़ जामा, बारापलासी, कैराबनी आदि चौक पर दुकानें खुली पायी गयी। महारो में आदिवासी संगठनों द्वारा दुमका देवघर और भागलपुर मार्ग को पूर्ण रूप से बंद रखा गया। इस दौरान गाड़ियों की लंबी लंबी कतारें लगी पायी गयी। यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। महारो में बाइक को भी रोका जा रहा था जिससे सरकारी कर्मियों को भी ड्यूटी जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शिक्षक दिवस होने के कारण लगभग सभी विद्यालयों में कार्यक्रम रखा गया था लेकिन बंदी के कारण बहुत शिक्षक विद्यालय या तो देर से पहुंचे या फिर नहीं पहुंच पाये जिससे शिक्षक दिवस के कार्यक्रमों पर भी बंदी का असर देखा गया।
रानिश्वर बाजार में बंदी का असर नही
रानीश्वर/निज संवाददाता। 14 वर्षीय नाबालिक आदिबासी युवती को प्रेम जाल में फसाकर गर्ववती कर हत्या करने एवं पेट्रोल हत्याकांड में दोषियों की फांसी की सजा का मांग को लेकर दुमका बंदी का असर रानिश्वर प्रखंड में नही दिखा जबकि दूसरी घटना की शिकार नाबालिग मूल रूप से यहीं की रहनेवाली है। यहां रानिश्वर बाजार, रघुनाथपुर बाजार, आसनबनी बाजार आदि जगहों पर सामान्य दिन के तरह सभी दुकान खुला हुआ देखने को मिला है। रोड कंस्ट्रक्शन का कार्य संचालित दिखा। वाहनों का आवागमन देखा गया है। हालांकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा चौक-चौराहे पर दंडाधिकारी नियुक्त कर पुलिस जवान को तैनात कर दिया था। रानीश्वर थाना प्रभारी संजय कुमार द्वारा पेट्रोलिंग कर विधि व्यवस्था का जायजा लेते हुए देखा गया है। मृतका के घर के समीप काफी संख्या में पुलिस बल के जवान तैनात थे। प्रखंड झामुमो अध्यक्ष नोशाद सेख, सुरेंद्र टुडू, महेंद्र सोरेन, लिखन मुर्मू, बिकास साहा को मृतका के घर के समीप उपस्थित थे। नोशाद ने बताया कि हमलोगों के द्वारा पीड़ित परिवार के सदस्य के लिए खाने पीने का सामान मुहैया कराया जा रहा है। उधर आसनबनी पंचायत के मुखिया सूरज मरांडी ने बताया कि मंगलवार को आसनबनी बाजार बंद रखने का आह्वान किया है।
छह घंटा जाम रखा गया गोविंदपुर-साहेबगंज हाइवे
मसलिया /निज संवाददाता। दुमका में आदिवासी लड़की शारीरिक शोषण के बाद फांसी लगाकर मार देने की घटना को लेकर गोविंदपुर-साहेबगंज हाइवे को आदिवासी समुदाय द्वारा करीब छह घंटा जाम रखा गया। जाम काफी असरदार रहा। इस दौरान सड़क के दोनों ओर छोटी बड़ी वाहनों का जाम लग गया। आदिवासी समुदाय के महिला पुरुष स्वत सड़क पर उतरकर आरोपी अरमान अंसारी के फांसी देने की मांग करने लगे। मौके पर मासलिया थाना पुलिस मौजूद थी। थाना प्रभारी ईश्वर दयाल मुंडा ने बताया कि कही कोई तोड़फोड़ नही हो, इसलिए हम लगातार नजर बनाए हुए है। मौके पर शिलाष बेसरा के नेतृत्व में उपयुक्त दुमका के नाम आवेदन पत्र प्रशासन को सौपा गया। दिए गए आवेदन पत्र के अनुसार पीड़ित परिवार को मुआवजा देने, आरोपी को फांसी देने की मांग किया गया है।
काठीकुंड मे बन्द रहा असरदार
काठीकुंड/निज संवाददाता। दुमका बंद के आह्वान का काठीकुण्ड में भी खासा असर दिखा। आदिवासी संगठनो ने काठीकुंड बाजार और दुकानें बंद करवा दिया और रोड को पूरी तरह जाम कर दिया। आदिवासी नेता एमानुअल ने कहा की श्री आमडा में जो आदिवासी बेटी की हत्या हुई है उसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है। अपराधी को कम से कम फाँसी की सजा जरुर होना चाहिये। काठीकुण्ड में किये गये जाम के कारण पाकुड़ और साहेबगंज से दुमका जा रहे लोगों को पैदल दुमका जाना पड़ा।
कडबिंधा बाजार में निकाला गया कैण्डल मार्च
रामगढ़/निज संवाददाता। दुमका में आदिवासी नाबालिग की रेप व हत्या करने के मामले में हत्यारे को फांसी देने की मांग तथा बच्ची को श्रद्धांजलि हेतु कडबिंधा बाजार में सोमवार को कैंडल मार्च निकाला गया। कड़बिन्धा बजार से काली मंदिर तक रैली निकाली कर दो मिनट मौन रखा गया तथा मुख्य आरोपी अरमान अंसारी को अविलंब फांसी पर लटकाने की मांग की गयी। प्रदर्शन में समाज सेवी रंजीत कुमार, चुण्डा मरांडी, दिलीप भंडारी, बुधराई हेम्बरम, जोगेन्दर कुमर, प्रेम चन्द्र गुप्ता, मुरारी मोर, रूबीलाल किस्कू, सुनील कुंवर, राजीम मरांडी, प्रकार हेम्बरम, मुनका नाग, धर्मेन्द्र हेम्बरम, सिलठा बी पंचायत के मुखिया रामलाल हांस्दा उपस्थित थे।
लव जिहाद के एंगल से भी हो जांच: पारितोष
दुमका/नगर संवाददाता। भाजपा जिला अध्यक्ष परितोष सोरेन ने कहा कि सोमवार को आदिवासी संगठनो के अलावा दुमका की जनता ने भी दुमका बन्द का आह्वान किया था जिसे अभूतपूर्व समर्थन मिला। इस बंद से जनता ने झारखंड सरकार को रानीश्वर एवं दुमका की मृत नाबालिग पीड़िता को अविलंब न्याय दिलाने का कड़ा संदेश दिया है। दोनों के निर्मम हत्या के दोषियों को फास्ट ट्रेक कोर्ट के द्वारा सुनवाई पूरी करा कर कठोर से कठोर दंड दिलाने के लिए सरकार को अविलंब ठोस कदम उठाने चाहिए। रानीश्श्वर की बेटी के निर्मम हत्या में और लोगों की संलिप्तता की जांच गंभीरता से होनी चाहिए। इस हत्या में लव जिहाद के एंगल और इसमें शामिल लोग अथवा गिरोह का पदार्फाश हो। भाजपा ने इस बंद को अभूतपूर्व सफल बनाने के लिए दुमका के प्रबुद्धजन, व्यवसायीयो वाहन मालिकों और आम नागरिकों का आभार जताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के उस बयान की घोर निंदा कि जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसी घटनाएं घटती रहती है। उन्होंने कहा कि राज्य के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठकर ऐसी बयानबाजी से अपराधियों पर कानून का डर कैसे होगा और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति मुख्यमंत्री कैसे रोकेंगे, यह गहरी चिंता का विषय है।