ड्रोन से कराएं क्रशर ध्वस्त कार्रवाई की निगरानी : डीसी
-खनन टास्क फोर्स की बैठक
साहिबगंज। संवाददाता । समाहरणालय स्थित सभागार में शनिवार को डीसी राम निवास की अध्यक्षता में जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक हुई। डीसी ने पदाधिकारियों को एनजीटी के निर्देश का 15 दिनों में अनुपालन सुनिश्चित कराने व इसका अनुपालन नहीं करने वाले क्रशर यूनिट एवं माइनिंग पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। डीसी ने कहा कि किसी भी सोर्स से अवैध खनन की शिकायत प्राप्त होती है तो पुलिस पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर उक्त स्थल पर जाकर छापेमारी करें। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों से संबंधित चेकनाका पर सीसीटीवी की स्थिति की जानकारी लेते हुए उसे दुरुस्त रखने व निगरानी रखने का निर्देश दिया। डीसी राम ने विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग को अवैध खनन में प्रयुक्त डीजी सेट को तत्काल सीज करने का निर्देश दिया। कहा कि जब भी छापेमारी या क्रशर ध्वस्त करने की प्रक्रिया हो रही हो तो इसकी निगरानी ड्रोन से कराएं। बैठक में बताया गया कि एनजीटी न्यायालय से 23 अगस्त को पारित आदेश के अनुपालन में कई पत्थर व्यवसाईयों को डीसी के स्तर से नोटिस निर्गत की गई है। मौके पर एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, डीएफओ मनीष तिवारी, डीडीसी प्रभात कुमार बरदियार, राजमहल एसडीओ रोशन साह, नजारत उपसमाहर्ता मिथिलेश झा, सदर एसडीओ राहुल जी आनंद जी, एसडीपीओ राजेंद्र दुबे, बरहरवा एसडीपीओ प्रदीप उरांव, जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार संबंधित अंचलाधिकारी संबंधित थाना प्रभारी एवं अन्य उपस्थित थे।
एनजीटी के कड़े रुख से पत्थर कारोबारियों में हड़कंप
सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर की दायर याचिका पर 23 अगस्त को एनजीटी के प्रधान बेंच नई दिल्ली में सुनवाई हुई थी। सैयद अरशद नसर ने बताया कि एनजीटी ने हाल ही में 21 पन्ने में आदेश पारित किया है। पूर्व में एनजीटी ने अपने आदेश का पालन नहीं होने पर डीसी, एसपी व डीएमओ पर दो-दो लाख का जुर्माना लगाते हुए पचास-पचास हजार रुपए का जमानतीय वारंट भी निर्गत किया था। वहीं पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए जिले के 106 पत्थर कारोबारियों पर 06 करोड़, 33 लाख, 57 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। अरशद नसर में बताया कि अब एनजीटी की प्रधान बेंच नई दिल्ली ने 23 अगस्त की सुनवाई में सख्त आदेश पारित करते हुए ईडी को मामला सौंपते हुए समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। वहीं एनजीटी ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निगरानी कमेटी गठित करें जो वायु प्रदूषण दूर करने लिए कार्य योजना तैयार कर पर्यावरण बहाली के लिए पत्थर कारोबारियों से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति वसूली करे। तय मानक पर खरा नहीं उतरने वाले सभी खनन पट्टा लीज को रद्द करने व प्राथमीकि दर्ज करने का भी आदेश पारित किया है। अरशद ने बताया कि एनजीटी ने अगली सुनवाई 10 जनवरी, 2023 निर्धारित की है। फिलहाल एनजीटी के कड़े रुख से पत्थर कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
पत्थर व्यवसाई परेशान
एनजीटी के आदेश के बाद पत्थर व्यवसाई परेशान हैं। पिछले दिनों सीएम के आगमन पर जिला पत्थर व्यवसाई संघ ने उनसे मुलाकात कर उन्हें अपना दुखड़ा सुनाया। सीएम ने सांसद विजय हांसदा को मामले की जानकारी लेने का जिम्मा दिया। इधर पत्थर व्यवसाईयों ने सांसद से भी मुलाकात कर व्यवसाय की बड़े यूनिट होने के नाते उन्हें व्यवसाय को अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिए समय दिलाने की मांग की। सांसद ने मामला एनजीटी के आदेश का होने के चलते किसी सहयोग में असमर्थता जताई। अब पत्थर व्यवसाई परेशान हैं। डीसी से निर्गत नोटिस में 15 दिनों में साजो समान हटा लेने का निर्देश जारी हुआ है। कई पत्थर व्यवसाई और अधिक समय की मांग कर रहे हैं।