दुमका/निज संवाददाता। संताल परगना महाविद्यालय में सैकड़ों आदिवासी युवाओं की भीड़ जुटी। मांदर के साथ पुरूष और महिलाएं एक दूसरे से जुड़कर नृत्य कर रही थी। समय बीतने के साथ ही संताल परगना महाविद्यालय के पूरा परिसर आदिवासियों से भर गया। संताल परगना क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से मांदर और बासंुरी के साथ आदिवासियों का जत्था पहुंच रहा था। महाविद्यालय परिसर में पहुंचने के साथ ही आदिवासी महिला-पुरूषों पूजा स्थल पर श्रद्धा अर्पित करने के बाद नृत्य में जुट गये। मांदर की थाप से महाविद्यालय परिसर गूंज उठा है। महाविद्यालय परिसर संगीतमय हो गया है।