श्रद्धालुओं ने नदी में लगायी आस्था की डुबकी
नाला। संवाददाता। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर जिला के प्रसिद्ध तीर्थस्थल देवलेश्वर धाम, नाला नीचेपाड़ा स्थित कर्दमेश्वर, गेड़िया स्थित कालिंजर, मोहजुड़ी स्थित गिरीधारी मंदिर, सारेशकुण्डा स्थित बासुदेव मंदिर, मंझलाडीह स्थित शिव मंदिर में मंगलवार सुबह श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से पूजा अर्चना किया। पुरानी परंपरा एवं आस्था के अनुरुप देवी देवता की पूजा -अर्चना कर सुख, समृद्धि, सम्पन्नता, स्वास्थ्य, धन, यश, मान-सम्मान और उन्नति, प्रगति तथा विकास आदि की कामना किया। देवलेश्वर बाबा के दरबार में सूर्योदय से पहले ही महिला पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी तथा हर हर महादेव जैसा मंत्र गूंजते रहे। आसपास का वातावरण भक्तिमय बना रहा। श्रद्धालुओं ने मंदिरों का परिक्रमा करते हुए बाबा से मन्नत मांगी।
सूर्योदय से पहले ही महिला पुरुषों ने हर-हर महादेव का मंत्र के साथ आस्था की डुबकी लगाया। मालूम हो कि शिवगंगा का आंशिक सौंदर्यीकरण होने के उपरांत अब महिला पुरुषों को अलग अलग कुंड में स्नान करने का मौका मिलता है। इतना ही नहीं यहां बिना किसी ऊर्जा के स्वत: मिट्टी के अंदर से निरंतर पानी का प्रवाह होता है। गर्म जल के नाम से प्रसिद्ध इस कुंड में स्नान करने के लिए दूर दूर क्षेत्र से भी लोग पहुंचते हैं। मंगलवार को भी घंटो तक लोगों को इस पवित्र कुंड में कार्तिक पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी लगा कर रस्म निभाते हुए देखा गया।
कार्तिक पूर्णिमा का हिंदू धर्म में काफी धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं तथा स्वास्थ्य एवं समृद्धि में वृद्धि होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है। ऐसा मानना है कि इस दिन जो भी दान किया जाता है उसका पुण्य कई गुना अधिक प्राप्त होता है। इस दिन अन्न, धन और वस्त्र दान का विशेष महत्व है।