उपराजधानी में कुत्तों के झुण्ड से दहशत का माहौल
आवारा कुत्तों की नसबंदी नहीं करवा रही नगर परिषद
मोहल्लों में लोग आवारा कुत्तों को अब नहीं देते है खाना
दुमका/निज संवाददाता। नगर परिषद द्वारा आवारा कुत्तों का नसबंदी नहीं करवाये जाने के कारण पिछले कुछ वर्षों में दुमका शहर में आवारा कुत्तों की आबादी खासी बढ़ गयी है। दुमका के सदर अस्पताल इलाके, दुधानी चौक से मसलिया मोड़, कुम्हारपाड़ा इलाका, बस स्टैण्ड आदि ऐसे इलाके हैं जहां कुत्तों के इतने बड़े झूंड घुमते रहते हैं कि उन्हें देखकर कोई भी डर सकता है। टाटा शोरूम में काम करनेवाला एक कर्मी कुत्तों के भय से रात में घर नहीं जाता बल्कि पंप पर ही सो जाता है। आवारा कुत्तों के खौफ और उसके हमलों की कई कहानियां है। विशेषज्ञ बताते हैं कि दरअसल पर्याप्त खाना नहीं मिलने के कारण कुत्ते चिड़चिड़े और आक्रामक हो गए हैं। आवारा कुत्तों के बीच झगड़े, आम दिनों से अधिक भौंकने की प्रवृत्ति काफी बढ़ गई है। आवश्यक सेवा वाले जो लोग नाइट ड्यूटी कर घर लौटते हैं, उनपर भी ये अटैक कर रहे हैं। जिले में अगस्त-सितंबर माह से लेकर अक्टूबर में अबतक कुत्तों से काटने के तकरीबन 325 से अधिक मामले आए हैं। जिन्हें फूलोझानो मेडिकल कालेज एवं अस्पताल से लेकर विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी रैबीज वैक्सीन लेना पड़ा है। आवारा कुत्तों से परेशान लोग कुत्तों को पकड़ने, जंगल में छोड़ने से लेकर उन्हें मार देने को कह रहे हैं। दरअसल पहले मोहल्लों में लोग आवारा कुत्तों को खाना दिया करते थे, लेकिन कोरोना काल से ही यह परंपरा खत्म हो गयी है। कुत्तों को कम भोजन मिल रहा है। इस कारण मोहल्ले में घरों के सामने बैठने-घूमने वाले कुत्ते आक्रामक हो गये हैं। कोरोना काल में रांची नगर निगम के तत्कालीन नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने रांची के 80 हजार आवारा कुत्तों को खाना देने की मुहिम शुरू की थी, तो जबतक नगर परिषद प्रशासन आवारा कुत्तों की नसबंदी और बेहतरी का काम नहीं शुरू करती तबतक वैसा ही मुहिम दुमका शहर में भी चलाने की जरूरत है।
पत्नी ही निकली हत्यारिन, प्रेमी के साथ मिलकर की थी हत्या
पत्नी ने पकड़ रखे थे पति के दोनों हाथ, प्रेमी ने पिस्तौल से सीने में मार दी गोली
पत्नी टुवा देवी व प्रेमी विकास यादव गिरफ्तार, हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल भी बरामद
बासुकीनाथ/निज संवाददाता। 15 अक्टूबर की सुबह दुमका के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर पति दिलीप कुमार साह की लाश से लिपटकर दहाड़ मारकर रोनेवाली पत्नी टुवा देवी ने ही अपने पति की हत्या करवायी थी। उसने अपने प्रेमी को 20 हजार रुपये भेजकर पहले उससे पिस्तौल और गोली खरीदवायी। फिर दोनों ने मिलकर हत्या की साजिश रची। प्रेमी पिस्तौल में गोली लोड कर उसके घर के बाहर झांड़ियों में छिप कर बैठ गया। उसने बड़े बेटे को दूसरे के घर में सोने के लिए भेज दिया। टुवा देवी ने पति के खाना में नींद की गोलियां मिला दी थी और उसके सोने का इंतजार कर रही थी। जैसे ही पति सो गया, उसने प्रेमी को सिग्नल दे दिया और दरवाजा खोल दिया। पिस्तौल लिये प्रेमी घर में घुसा। टुवा देवी ने पति के दोनों हाथ पकड़ लिये और प्रेमी ने दिलीप कुमार साह के सीने में पिस्तौल सटा कर गोली दाग दी। हत्या की वारदात को अंजाम देकर प्रेमी चुपके से वहां से भाग गया। थोड़ी देर इंतजार करने के बाद टुवा देवी पुलिस के पीसीआर वैन तक पहुंची और अज्ञात अपराधियों द्वारा उसके पति की गोली मारकर हत्या करने की गढ़ी हुई कहानी सुनायी। पर इस पूरी कहानी में एक पेंच फंसा हुआ था। वह यह कि गोली चलने की आवाज आसपास के लोगों या पास में मौजूद पीसीआर वैन के पुलिस कर्मियों को क्यों नहीं सुनायी दी। यहीं से पुलिस ने अपना अनुसंधान शुरू किया और 10 दिनों के अंदर ही इस कांड का उद्भेदन करते हुए मृतका की पत्नी टुवा देवी के साथ ही उसके प्रेमी विकास यादव को गिरफ्तार कर लिया। जरमुण्डी एसडीपीओ शिवेन्द्र ठाकुर ने बताया कि 15 अक्टूबर के डेढ़ बजे सुबह तालझारी थाना क्षेत्र के चंदनपहाड़ी सहारा गांव में दिलीप साह की हत्या उसकी पत्नी टुवा देवी और उसके कतिथ प्रेमी विकास यादव ने ही मिलकर किया था। दोनों भागने के फेर में थे पर उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। पत्नी टुवा देवी ने पैसा देकर पिस्तौल और गोली खरीदवाया था। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल (देसी कट्टा), गोली और मोबाइल सिम नंबर 7827500441 भी बरामद कर ली है। इसी पिस्तौल से दिलीप कुमार साह की हत्या किये जाने की जांच में पुष्टि भी हो गयी है। पिस्तौल एवं गोली की बरामदगी पर तालझारी थाना कांड संख्या 67/22 धारा 25(1इ)ं 26/35 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत एक और प्राथमिकी दर्ज की गयी है। प्रेमी विकास यादव बिहार के बांका जिला के बौंसी थाना क्षेत्र के कुशमाहा गांव का रहनेवाला है। दोनों को बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।
तीन मिस कॉल कर हत्या का दिया संकेत
दुमका/निज संवाददाता। एसडीपीओ शिवेन्द्र ठाकुर ने बताया कि हत्या के इस वारदात के बाद जब शव को पोस्टमार्टम के लिए दुमका भेजा गया तो पत्नी टुवा देवी ने अपने मोबाईल का वह सिम तोड़कर और दांत से चबाकर फेंक दिया जिसका इस्तेमाल इस अपराध को अंजाम देने के लिए किया गया था। उसने अपनी मोबाईल को जला दिया है ताकि वह पकड़ी न जा सके। योजना के मुताबिक उसका प्रेमी 14/15 अक्टूबर की रात घर के बाहर झांड़ियों में छिप कर बैठ गया था। पति के सो जाने पर टुवा देवी ने अपने इसी मोबाईल से तीन बार मिस कॉल दिया। तीसरे मिस कॉल पर ही विकास यादव पिस्तौल लिये झांडियों से बाहर आया और टुवा देवी ने घर का दरवाजा खोल दिया। टुवा देवी ने पति का हाथ पकड़ रखा थी और प्रेमी विकास यादव ने सीने में सटा कर पिस्तौल से एक गोली सीने में उतार कर दिलीप कुमार साह का काम तमाम कर दिया। गोली चलने से आवाज तो हुई पर चुंकि गोली सीने में सटा कर मारी गयी, इसलिए कम आवाज हुआ। प्रेमी के मोबाईल का लोकेशन भी दो घंटे तक उसी इलाके में था।
मिस कॉल से हुई थी विकास यादव से दोस्ती
दुमका/निज संवाददाता। टुवा देवी को पति दिलीप कुमार साह से तीन बेटी और दो जुड़वा बेटे हैं। बिहार के बांका जिला के रजौन थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर गांव का रहनेवाला दिलीप कुमार साह पिछले 20 साल से सहारा में स्थित अपने ससुराल में रहता था पर उसका अधिकांश समय दिल्ली में गुजरता था जहां वह रंग-पेंट काम का ठेकेदार था। ननद की शादी के दौरान जब टुवा देवी मोबाइल में एक नंबर लगा रही थी तो इसी दौरान रॉन्ग नंबर लग गया। यह नंबर विकास यादव का था। विकास ने उससे बड़े ही प्यार से बात की। फिर दोनों ने एक-दूसरे का नंबर मोबाइल में सेव कर लिया और आपस में घंटों बातें करने लगे। पति घर में रहता नहीं था लिहाजा दोनों एक-दूसरे से मिलने लगे और पांच बच्चों की 36 वर्षीय इस मां को 27 साल के युवक विकास यादव से प्यार हो गया। जैसे ही पति ने घर आने की बात फोन पर बतायी, दोनों ने उसे रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया। इसी प्लान के तहत टुवा देवी ने सीएसपी के माध्यम से विकास यादव को 20 हजार रुपये भेजे जिससे उसने देसी कट्टा और गोली खरीदी।