-खतियान आधारित नियोजन नीति व अन्य मांगों को लेकर साहिबगंज बंद रहा असरदार
-मांगें पूरी नहीं हुईं तो साहिबगंज से रांची पैदल जाकर घेरेंगे राजभवन : चंदन
साहिबगंज। संवाददाता। हेमंत सरकार 60:40 नियोजन नीति वापस ले और खतियान आधारित नियोजन नीति को लागू करके झारखंड के स्थायी निवासियों को नौकरी प्रदान करे, वरना प्रदेश के युवा और प्रदेश की जनता 2024 में इसका मुंह तोड़ जवाब बैलेट बॉक्स में बटन दबा कर देगी। ये नियोजन नीति नहीं बल्कि दमनकारी नीति है। उक्त बातें छात्र नेता चंदन मुर्मू ने बंद के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि आंदोलन, झारखंड में रहने वाले हर वर्ग के झारखंडी लोगों के लिए है। प्रदेश सरकार झारखंड में झारखंडियों का हक छीन कर बाहरी को बसाने का काम कर रही है। छात्र व युवा ऐसा होने नहीं देंगे। हम सबको को 90:10 वाली खतियान आधारित नियोजन नीति चाहिए। 31 दिनों से लगातार चरणबद्ध आंदोलन चल रहा है। फिर भी प्रदेश सरकार सोई हुई है। अगर जल्द से जल्द इस नियोजन नीति को रद्द नहीं किया गया तो युवा साथी राजभवन तक पैदल मार्च कर राजभवन का घेराव करेंगे। इसके पूर्व झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के आह्वान पर दो दिवसीय झारखंड बंद के दूसरे दिन रविवार को अहले सुबह से ही बंद समर्थक साहिबगंज कॉलेज से हाथों में बैनर, तख्ती, पोस्टर, पारंपरिक हथियार, ढ़ोल, मांदर लेकर निकले और शहर की मुख्य सड़कों को आधा दर्जन से ज्यादा जगहों पर जाम कर दिया। छात्रों ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। छात्रों के अलग-अलग गुट ने सुबह से शाम चार बजे तक पूरे शहर में घूम-घूम कर इक्का-दुक्का खुली दुकानों को बंद कराया और माइकिंग कर बंद को सफल बनाने में सहयोग करने की अपील करते नजर आए। दूसरे दिन बंद समर्थक काफी सख्त दिखे। एनएच-80 सहित मुख्य सड़कों की हर जगह नाकाबंदी कर रखी थी। जिससे कई जगहों पर लोगों व प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच बहस भी हुई। छात्रों ने सहयोग की अपील कर सबको चलता किया। इधर शहर सहित जिला के कई इलाकों में दुकानें स्वत: बंद रहीं। सड़कें वीरान रहीं। बंदी के दौरान आवश्यक सेवाएं जारी रहीं। शहर का साप्ताहिक हाट भी नहीं लगा। इक्का-दुक्का दुकानदार और ग्राहक ही हटिया में दिखे। वाहनों का परिचालन भी बंद रहा। जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। साक्षरता चौक समीप बोरियो और मदनशाही मार्ग में वाहनों की लंबी कतार लगी रही। लंबी दूरी की बस व वाहन नहीं चले। दो दिवसीय बंद से करोड़ों रुपए के नुकसान का अनुमान है। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे।
छात्रों ने जताया आभार
नाश्ते में मूढ़ी-चूड़ा व खाने में सादा खाना खा कर छात्रों ने दो दिवसीय झारखंड बंद को सफल बनाया। छात्र नेताओं ने सहयोग के लिए सभी छात्रों व जिले वासियों का आभार व्यक्त किया। छात्र नेताओं ने दो दिवसीय झारखंड व जिला बंद को असरदार बताया। कहा कि दुकानदारों ने स्वत: दुकान बंद करके उन्हें पूरी तरह से स्पोर्ट किया। कहा कि इसका फल उनके बच्चों को आने वाले समय में मिलेगा।
छात्रों ने फूंका सीएम और डीसी का पुतला
साहिबगंज/संवाददाता। दो दिवसीय बंद के दूसरे दिन सदर एसडीओ के बॉडीगार्ड के साथ प्रदर्शनकारी छात्रों की हल्की नोंकझोंक हुई। वहीं अपराह्न लगभग 02 बजे ग्रीन होटल चौक पर डीसी के बॉडीगार्ड के बांस-बल्ली हटाने से छात्रों में नाराजगी फैल गई। जिसके बाद छात्रों ने कॉलेज के सामने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व साहिबगंज डीसी का पुतला फूंका। छात्रों ने सीएम के विरोध में जम कर नारेबाजी की। छात्रों ने डीसी के बॉडीगार्ड पर हाथ उठाने का आरोप लगाया। जबकि बॉडीगार्ड ने समझाने के दृष्टिकोण से पीछे से थपकी देने की बात कही। इधर शहर में सुरक्षा के मद्देनजर सदर बीडीओ सुबोध कुमार समेत पुलिस की तैनाती थी।
बरहरवा में 60:40 गो बैक के लगे नारे
बरहरवा। संवाददाता। विभिन्न छात्र संगठनों के आयोजित झारखंड बंद का असर बरहरवा व पतना में दूसरे दिन भी देखने को मिला। रविवार को छात्रों ने एक स्वर में 60:40 गो बैक के नारे लगाए। इसके पूर्व बीएसके कॉलेज छात्रसंघ के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज परिसर से जुलुस निकाल कर बरहरवा बिंदुधाम पथ, राजमहल रोड़, मेन रोड़, सब्जी मंडी रोड़, रतनपुर व अन्य स्थानों में घूम-घूम कर दुकानों को बंद करवाया तथा बरहरवा रेलवे स्टेशन चौक में मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद आंदोलन कर रहे छात्रों की टोली पतना चौक पहुंची। छात्रों ने पतना चौक को पूरी तरह से बांस बल्ली लगा कर जाम कर दिया। इस दौरान उक्त पथ पर वाहनों का आवगमन पूरी तरह से बाधित रहा। आंदोलन कर रहे छात्रों ने 60:40 गो बैक, हेमंत सोरेन इस्तीफा दो, हमारी नौकरी बेचना बंद करो, झारखंड सरकार होश में आओ सहित कई अन्य नारे भी लगाए। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रांगा थाना प्रभारी अमन कुमार सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी मुस्तैद दिखे।
राजमहल में नहीं रहा असर
राजमहल। संवाददाता। झारखंड में 60:40 आधारित नियोजन नीति के विरोध में छात्र संगठनों के संपूर्ण झारखंड बंद के दूसरे दिन भी राजमहल में कोई असर नहीं दिखा। सभी दुकानें प्रतिदिन की भांति खुली रहीं। वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से चला। पूरा शहर सामान्य दिनों की तरह ही अपने कामकाज में लगा रहा। हालांकि बंद को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में था। सभी चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती थी। थाना प्रभारी कुंदन कांत विमल लगातार गश्त करते दिखे।