मधुपुर/संवाददाता। स्थानीय भेड़वा स्थित राहुल अध्ययन केन्द्र मे मंगलवार को मातृ दिवस मनाया गया और जयंती पर गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर व महाराणा प्रताप याद किये गये। दोनों विभूतियों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
मौके पर मौजूद लोगों ने विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुये कहा कि मां से बढ़कर कोई नेमत इस दुनियां में नहीं है। उन्होने कहा रवीन्द्रनाथ ठाकुर आधुनिक भारत जागरण के अग्रदूत थे। वे दुनिया के एक मात्र कवि है, जिनकी गीत दो राष्ट्रों की राष्ट्र गान है। उनकी सृजनशीलता बलवती रही। उन्होंने तीन हजार से अधिक गीत की रचना की, जो आज भी जनमानस में रवीन्द्र संगीत के रूप में मौजूद है। इसके अलावा वे कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार, चित्रकार, मूर्तिकार व गीतकार थे। उनकी गीति रचना गीतांजलि को दुनिया कि सबसे बड़ा सम्मान नोबल पुस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में शांति निकेतन विश्वविद्यालय खोलकर अनुपम योगदान दिये। वे बहुमुखी प्रतिभा संपन्न व्यक्तित्व के धनी थे। वे अपनी कृतियों के बल पर देश का नाम विश्व पटल पर रौशन किये।