जिले में नशामुक्ति केन्द्र बनाने हेतु करें पत्राचार
- एनसीओआरडी की बैठक में जिलास्तरीय समिति को एक्टिव होकर जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता
देवघर/वरीय संवाददाता। शनिवार को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में जिले में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और नशीले पदार्थों के व्यापार को रोकने के उपायों पर चर्चा करने के लिए नार्को समन्वय केंद्र (एनसीओआरडी) के तहत जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि भारत सरकार, गृह मंत्रालय के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी एवं खेती की रोकनाथ तथा विभिन्न स्तर पर समन्वय एवं सहयोग स्थापित करने के उद्देश्य से के कमिटी गठन का आदेश निर्गत किया गया है, जिनमें से जिला स्तर पर जिलास्तरीय कमिटि का गठन कर प्रत्येक माह बैठक कर समीक्षोपरांत कार्यवृत तैयार किया जाना है। ऐसे में देवघर जिला अंतर्गत ऐसे मामलों के रोकथाम को लेकर जिलास्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। जिसके तहत पुलिस अधीक्षक संयोजक सदस्य, अनुमंडल पदाधिकारी, देवघर, अनुमंडल पदाधिकारी मधुपुर सदस्य, असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सदस्य, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सदस्य, जिला शिक्षा अधीक्षक, सदस्य, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सदस्य, वन प्रमंडल पदाधिकारी, सदस्य, जिला कृषि पदाधिकारी, सदस्य, जिला औषधी निरीक्षक को सदस्य के रूप में नामित किया गया है।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने जिले के नशामुक्ति और पुनर्वास परिदृश्य की समीक्षा करते हुए निजी पुनर्वास केंद्रों से जुड़ी जानकारी एकत्रित करने का निदेश दिया। साथ ही जिले में चलाये जा रहे पुनर्वास केन्द्र की जानकारी उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक कार्यालय को देने का निदेश संबंधित संचालकों को दिया गया। आगे उपायुक्त ने जिले में विशेष नशामुक्ति जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया। साथ ही स्कूलों और कॉलेजों में नियमित जागरूकता अभियान चलाने की बात कही। आगे सड़क सुरक्षा अभियान से नशामुक्ति अभियान को जोड़ते हुए युवा छात्रों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के अलावा उन्हें स्वस्थ जीवनशैली चुनने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को शहरी क्षेत्रों में विशेष जागरूकता अभियान चलाने और समाज में नशीली दवाओं के खतरे के नकारात्मक प्रभाव के बारे में जनता को जागरूक करने के उदेश्य से नशामुक्त देवघर अभियान के तहत विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया। साथ ही संबंधित विभाग के साथ पुलिस विभाग को हॉटस्पॉट की सूची की पहचान करने का निर्देश दिया गया, ताकि सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के साथ समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए उचित उपाय किए जा सके। उपायुक्त ने पुलिस विभाग को नशीली दवाओं के प्रसार, खपत के खिलाफ कड़ी निगरानी रखने और इस दिशा मे आवश्यक कड़ी कार्रवाई करने की बात कही गयी, ताकि जिलास्तरीय कमिटि द्वारा इस दिशा में बेहतर तरीके से कार्य किया जा सके।
वहीं वन प्रमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी देवघर व मधुपुर, सिविल सर्जन, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा इस दिशा में किये जाने वाले कार्यों पर विस्तृत चर्चा करते हुए आपसी समन्वय के साथ इस दिशा में बेहतर कार्य करने का निदेश दिया।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र जाट, वन प्रमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, देवघर, अनुमंडल पदाधिकारी मधुपुर, असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सदस्य, गोपनीय प्रभारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, ड्रग इंस्पेक्टर एवं संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित थे।