पाकुड़िया। संवाददाता। चिरप्रतीक्षित शारदीय पावन नवरात्र सोमवार को पाकुड़िया प्रखंड क्षेत्र समेत पूरे जिले भर में भव्य कलश स्थापना के साथ ही शुरू हो गया, जो अगले नौ दिनों तक चलेगा। इस दौरान कलश स्थापना कर नवरात्र के पहले दिन देवी मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा अर्चना की गई। मां शैलपुत्री की आराधना से मनोवांछित फल और कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है। देवी शैलपुत्री चंद्रमा के समान उज्ज्वल हैं। इनके मस्तक पर सोने का मुकुट और अधचंद्र है। इनका वाहन वृष है। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। मां शैलपुत्री का संबंध चंद्रमा से है। कुंडली में चंद्रमा का संबंध चौथे भाव से होता है। इसलिए मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और स्थिरता आती है। साथ ही, सुख-सुविधा, पैतृक संपत्ति, वाहन, जायदाद, मनपसंद जीवनसाथी और अच्छी कामधाम की प्राप्ति होती है।
नवरात्र के प्रथम दिन निकली भव्य कलश यात्रा
हिरणपुर। संवाददाता। मुख्यालय के समीप रविंद्र चौक सदरपुर में इस वर्ष पहली बार सार्वजनिक दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इसी के निमित्त शारदीय नवरात्र की शुरुआत के पहले दिन सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति हिरणपुर की ओर से भव्य कलश यात्रा निकली गई। कलश यात्रा में आदिवासी सांस्कृतिक दसाई दोन नृत्य भी की गई। जहां आदिवासी सांस्कृतिक नृत्य की झलक देखने को मिली। भव्य कलश यात्रा में दर्जनों कुंवारी कन्याएं, महिलाएं व पुरुष शामिल हुए। कलश यात्रा सुंदरपुर स्थित पूजा स्थल से शुरू होकर हिरणपुर बाजार होते हुए छठ घाट पहुंची। जहां से कलश में जल भरकर फिर से पूजा स्थल तक पहुंची। इस दौरान पूरा इलाका जय माता दी के नारे से गुंजायमान रहा। जगह जगह फूलों की वर्षा की गई। भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहा। वहीं नवरात्र के पहले दिन मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। जहां यजमान बादल यादव, भानु साहा की धर्मपत्नी को पुरोहित सुजय पाण्डे ने पूजा अर्चना कराए। मौके पर समिति के अध्यक्ष दीपक साहा, जिला परिषद उपाध्यक्ष अशोक भगत, अजय यादव, रविंद्र भगत, रंजीत भगत, जय किशन भगत, चंदन भगत, उत्तम साहा, रामू भगत, लड्डू भगत, राजेश पंडित, अमित सिन्हा, विकास, बापिन, मिलन, बल्ले मौजूद थे