सिमुलतला/संवाददाता। बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग का जाली लेटर बनाने, सरकार के प्रधान सचिव का फर्जी हस्ताक्षर करने सहित कई फर्जी मुकदमों का आरोपी व अपने को नेशनल प्रेस यूनियन का राष्ट्रीय सचिव, सुनामी न्यूज टीवीडॉटकॉम के संपादक सिंधु स्टेट सिमुलतला के निदेशक प्रमोद कुमार सुमन बताने वाले को सिमुलतला पुलिस ने रविवार शाम गुप्त सूचना के आधार पर धर दबोचा।
उक्त आरोपी अपने आवास से पुलिस को चकमा देते हुए कई सैलानियों की कोठियों में छुपता-भागता रहा। घंटों मशक्कत के बाद सिमुलतला स्थित तारामठ के निकट सैलानी की एक कोठी के पुराने शौचालय की टंकी में दुबके ठग को पुलिस ने धर दबोचा। आरोपी झारखंड के कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया थाना अंतर्गत करमा गांव का निवासी है। वर्तमान में वह प्लॉट नंबर 09, एसबीआइ ऑफिस कालोनी, हनुमान नगर पटना और सिंधु स्टेट, सिमुलतला में रहता था। सिमुलतला थाना कांड संख्या 52/18 में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार उक्त आरोपी ने श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह का फर्जी हस्ताक्षर बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन के पत्र पर कर संस्थान को अपने नाम पर एलॉट कर लिया था। इसके अलावा सिमुलतला थाना कांड संख्या 32/20 में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार सिमुलतला थाना क्षेत्र के खुरंडा गांव निवासी दिलीप कुमार पंडित से संस्था विकास के नाम पर एग्रीमेंट के साथ 9 लाख रुपये लिये थे। पैसे वापसी के लिए सितंबर 2018 में सात लाख रुपये का चेक सुमन ने दिया, जो बैंक में बाउंस कर गया। इसकी जानकारी जब उसे देने गया तो आरोपी ने दिलीप के साथ मारपीट की थी।
पीके सुमन अपने को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भांजा व मंत्री आरसीपी सिंह का मित्र बताकर सबको डराता था। वहीं जदयू के वरिष्ठ नेता और महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद का निजी व्यक्ति बनकर लोगों को भरमाता था। इसके अलावा सिमुलतला थाना कांड संख्या 33/20 के आवेदक डॉ. मरीचि माली रंजन, ग्राम धाना डिहरी, थाना परसबीघा, जिला जहानाबाद के अनुसार आरोपी ने उसके पिता स्व. अवनी भूषण भारतीय से मदद के नाम पर दो-तीन माह के लिए 13,10000 रुपया 2017 में लिया था। दो वर्ष बीत जाने के बाद भी पैसे वापस नहीं करने के कारण सदमे से उनकी मृत्यु हो गई। इन सभी मुकदमों को लेकर सभी आवेदकों ने तत्कालीन एसपी डॉ. इनामुलहक मेगनु सहित प्रदेश के कई वरीय पदाधिकारियों और राजनेताओं से न्याय की गुहार लगाई थी। उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत न्यायायिक हिरासत में भेज दिया गया।