श्रावणी मेले में वीआईपी दर्शन पर पूरी तरह से रहेगा रोक
- उपायुक्त की अध्यक्षता में राजकीय श्रावणी मेला की तैयारियों को लेकर हुई समीक्षा बैठक
- संपूर्ण मेला क्षेत्र में ओपी वाइज की जाने वाले कार्यो को लेकर उपायुक्त ने प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों को दिए निर्देश
देवघर/वरीय संवाददाता। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में आयोजित आगामी राजकीय श्रावणी मेला- 2023 की तैयारियों को लेकर किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा बैठक का आयोजन समाहरणालय सभागार में किया गया। इस दौरान उपायुक्त ने विभागवार मेला क्षेत्र में किये जाने वाले विभिन्न कार्यों की बिन्दुआर समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों के आवंटन स्वीकृति से जुड़े कार्यों पर चर्चा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया। बैठक के दौरान उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि तीन जुलाई को राजकीय श्रावणी मेला के उद्घाटन पश्चात 4 जुलाई से 17 जुलाई तक पहले चरण के मेला के बाद 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास के बाद पुन: 17 अगस्त से 31 अगस्त तक दूसरे चरण का श्रावणी मेला की तिथि निर्धारित है। ऐसे में संपूर्ण मेला क्षेत्र में की जाने वाली तैयारियों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष रूप से इंतजाम करने की आवश्यकता है, ताकि बाहर से आने देवतुल्य श्रद्धालु सुलभ व सुरक्षित जलार्पण के साथ एक अच्छी अनुभूति प्राप्त कर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो। साथ ही उपायुक्त ने राजकीय श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा को लेकर (आउट ऑफ टर्न दर्शन) वीआईपी, वीवीआईपी दर्शन पर पूर्ण रूप से बंद रहने की बात कही, ताकि श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। आगे उपायुक्त ने मेला के दौरान पेड़ा बनाने हेतु खोवा के साथ अन्य खाद्य पदार्थों पर विशेष निगरानी करने के अलावा मिलावट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया। साथ ही बाहर से देवघर आने वाले खोवा पर निगरानी हेतु रेलवे के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्य करने का निर्देश उपायुक्त ने संबंधित अधिकारी को दिया।
इसके अलावा बैठक के दौरान उपायुक्त ने राजकीय श्रावणी मेला के दौरान की जाने वाली तैयारियों की विभगार समीक्षा के क्रम में पथ निर्माण विभाग, जिला जनसम्पर्क विभाग, ऊर्जा विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, पर्यटन, कला संस्कृति खेल कूद एवं युवा कार्य विभाग, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, नगर विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, भवन प्रमंडल एवं पुलिस विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्यों पर विस्तृत चर्चा करते हुए ससमय सभी कार्यों को पूर्ण करने का निदेश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया गया। आगे उपायुक्त ने सम्पूर्ण मेला क्षेत्र अन्तर्गत आवंटित 21 ओपी क्षेत्र का भ्रमण कर वहां मेला के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं यथा पंडाल, पथ निर्माण, पथ प्रकाश, कांवरियों के लिए पेयजल, शौचालय, वैकल्पिक प्रकाश व्यवस्था आदि की अद्यतन स्थिति की जांच करने पश्चात की जाने वाली तैयारियां पर चर्चा करते वस्तुस्थिति से अवगत हुए।
समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त ने अपने अपने आवंटित कार्यों के अलावा किये जाने वाले कार्यों को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं कार्यपालक अभियंता को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिया। विधि व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण एवं अपराध नियंत्रण के साथ साथ यातायात की सुव्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को सीसीटीवी से कनेक्टेड करने की बात कही, ताकि सम्पूर्ण मेला क्षेत्र की सभी ओपी की गतिविधियों एक दूसरे से जुड़ी रहे। साथ ही उपायुक्त ने वरीय प्रभारी दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्ति अधिकारियों द्वारा आवंटित अपने अपने क्षेत्रों में निरीक्षण कर की जाने वाली व्यवस्थाओं, श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर किए जाने वाले कार्यों, पेयजल, शौचालय, आवासन, स्नानागार, सुरक्षात्मक उपायों, रुट लाइन की सुव्यवस्था के अलावा किए जाने वाले विभिन्न कार्यों की वस्तुस्थिति से अवगत हुए। उपायुक्त ने एक-एक कर विभिन्न विभागों द्वारा दुम्मा से खिजुरिया रूटलाईन, बीएन झा पथ मोड़ शिवगंगा घाट, बाबा मंदिर से फुट ओवरब्रिज तक, क्यू कॉम्प्लेक्स, तिवारी चौक से बीएड कॉलेज व बरमसिया चौक, नंदन पहाड़ से सिंघवा कालीबाड़ी मोड़ तक, शिल्पग्राम मोड़ से सर्किल से नंदन पहाड़ वाटर फिल्टर पॉइंट, सिंघवा से कुमैठा क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर किए जाने वाले कार्यों पर चर्चा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिया। साथ इस दिशा में किये जाने वाले कार्यों की सूची उपायुक्त कार्यालय को समर्पित करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया, ताकि आवयश्कता सभी कार्यों ससमय दुरुस्त किया जा सके। साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर किए जाने वाले विभिन्न कार्यों की बिंदुबार समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को आगामी राजकीय श्रावणी मेला के दौरान टीम भावना और समन्वय के साथ कार्य करने का निर्देश वरीय अधिकारियों, दंडाधिकारियों, कार्यपालक अभियंता की टीम व पदाधिकारियों को दिया।
बैठक में कौन-कौन अधिकारी थे उपस्थित : बैठक में पुलिस अधीक्षक सुभाष चन्द्र जाट, वन प्रबंधन पदाधिकारी राजकुमार साह, उप विकास आयुक्त डॉ. कुमार ताराचंद, नगर आयुक्त शैलेन्द्र कुमार लाल, अपर समाहर्ता, जिला नजारत उप समाहर्ता, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, सभी कार्यपालक पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला खेल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय), साइबर पुलिस उपाधीक्षक, सीसीआर, जिला खनन कार्य, जिला पशुपालन पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, पथ प्रमंडल, कार्यपालक अभियंता, राउ पथ प्रमंडल, कार्यपालक अभियन्ता विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, कार्यपालक अभियांत्रिकी विद्युत प्रमंडल धनबाद, कार्यपालक अभियन्ता, ग्रामीण कार्य प्रमंडल, कार्य अभियंता एनआरईपी, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, डीपीएम, जेएसएलपीएस, डीसी सेल के प्रतिनियुक्त पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, भवन प्रमंडल, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, कार्यपालक अभियांता, भवन निर्माण निगम, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण विकास विशेष प्रमण्डल, प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत कई अधिकारी मौजूद थे।