-वन विभाग ने जिले में हरियाली लाने की कोशिश की शुरू
रब नवाज आलम। साहिबगंज। अंग्रेजों ने कभी शहर को खूबसूरत बनाने व पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से साहिबगंज में हजारों पौधे लगाए थे। बाद में उन पौधों ने वृक्षों का रूप लिया जो आज भी मौजूद हैं। अंग्रेजों के समय पौधों के संरक्षण व संवर्धन की पूरी व्यवस्था थी। इसका नमूना आज भी नार्थ कॉलोनी व अन्य रेलवे के इलाकों में देख सकते हैं। सलीके से एक कतार में लगाए गए अशोक के पेड़ों की तब गिनती भी कराई गयी थी। हर पेड़ के तना पर उसका नंबर अंकित किया गया था। बाद के दिनों में शहर में आबादी बढ़ने के साथ ही मकानों का विस्तार शुरू हुआ। इसके साथ ही शहर में वृक्षों की कमी होने लगी। इधर वर्षों बाद वन विभाग ने इसकी सुध लेते हुए साहिबगंज की हरियाली वापस लाने की कोशिश शुरू कर दी है। जिसका नतीजा भी अब सामने आने लगा है। खाली पड़े व चटियल जमीन पर अब वन विभाग के लगाए पौधों की हरियाली परवान चढ़ने लगी है। 9 जुलाई, 2021 को 72वां वन महोत्सव के अवसर पर जिला प्रशासन एवं वन विभाग के सहयोग से रेलवे के लोको शेड में 10,000 पौधे लगाए गए थे। वनपाल राणा रंजीत चौधरी की निगरानी में इसके बाद यहां कुल 27,000 पौधे लगाए गए। अब पौधों की जवानी परवान चढ़ने लगी है। मौजूदा समय में इसकी देखभाल की जा रही है ताकि पौधे वृक्ष बनने की ओर अग्रसर हो सकें।
कहां-कहां कब लगाए गए पौधे
वन विभाग ने 2017-18 में तेलियागढ़ी, रक्सी स्थान में 36,000, संकरीगली, गंगा पंप नहर इलाके में 5,000 पौधे सहित शहर के शकुंतला सहाय घाट व पुलिस लाइन में आम, अमरूद, शरीफा, कटहल सहित सागवान, शीशम, वन नीम सहित अन्य पौधे लगाए गए थे।
क्या कहते हैं डीएफओ
डीएफओ मनीष तिवारी ने बताया कि पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन को अभियान के रूप में लिया गया है। विभाग की ओर से लगाये गए पौधे अब बड़े हो रहे हैं। लोगों को भी पेड़-पौधों का संरक्षण व संवर्धन करना चाहिए।