जामताड़ा/संवाददाता। आर्ट ऑफ लिविंग जामताड़ा इकाई द्वारा स्थानीय राजबाड़ी मोहल्ला स्थित गोराइंर् भिल्ला में पांच दिवसीय आनंद अनुभूति कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें योग, प्राणायाम, ध्यान व सुदर्शन क्रिया का अभ्यास कराया जा रहा है। योग प्रशिक्षक राजेंद्र गोराई एवं नूरुलजी द्वारा बताया गया कि इसके नियमित अभ्यास से मानसिक, शारीरिक व भावनात्मक मजबूती आती है। तनाव से मुक्ति मिलती है। सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जिला मीडिया को-ऑर्डिनेटर विजय भगत ने बताया कि अक्सर हम अपने जीवन पर तनाव से होने वाले प्रभाव से अपरिचित रहते हैं। हमारा मन भूतकाल को लेकर क्रोध या पश्चाताप के जकड़ में जकड़ा रहता है। मन के इस प्रभाव के कारण हमारे आसपास के लोगों पर दुष्प्रभाव तो पड़ता ही है साथ ही हमारे कार्यकुशलता भी प्रभावित होती है। स्वांस हमारे शरीर और मन के बीच की कड़ी है। जिसे आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक रविशंकर के द्वारा दुनिया भर को एक अनमोल उपहार सुदर्शन क्रिया के रूप में दिया गया है। जिसे आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक द्वारा सांस को लयवद्ध तरीका से लेने और छोड़ने की क्रिया के साथ सुदर्शन क्रिया सिखाया जाता है। जिसे अपना कर लाखों लोग अपना जीवनशैली को ठीक कर रहे हैं। कार्यशाला में लगभग दर्जन भर प्रतिभागी भाग लेकर सुदर्शन क्रिया सीख रहे हैं। जिसमें आर्ट ऑफ लिविंग जामताड़ा परिवार के सदस्य इस कार्यक्रम को कराने में बढ़ चढ़कर के सहयोग कर रहे है। मौके पर ओम चौधरी, वर्षा कश्यप, शत्रुघन यादव, ममता गुप्ता, अंजू चौधरी समेत अन्य मौजूद थे।
मांगों के समर्थन में जल सहिया ने किया धरना- प्रदर्शन
-सरकार के विरोध में की जम कर नारेबाजी
जामताड़ा/संवाददाता। मांगों को लेकर जल सहिया संघ ने जामताड़ा समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। जिसमें जिले भर के जल सहियाओं ने भाग लिया। एकता का परिचय दिखाते हुए जोरदार ढंग से अपनी जायज मांगों को रखा। सरकार के विरोध में जम कर नारेबाजी किया। अंत में डीसी को ज्ञापन भी सौंपा।
क्या है इनकी मांगें
जामताड़ा जल सहिया संघ के जिलाध्यक्ष गुलटी चौधरी ने बताया कि पूर्व सरकार के द्वारा एक हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाता था। लेकिन वर्तमान सरकार ने कई माह से उनलोगों का मानदेय नहीं दिया है। बकया मानदेय अविलंब दिया जाए। आगे बताया कि निर्वाचन के पूर्व घोषित न्यूनतम मजदूरी के आधार पर मासिक मानदेय भुगतान का वादा सरकार पूर्ण करे। कार्यकाल में मृत्यु होने पर अनुकम्पा का लाभ एवं 20 लाख का बीमा भुगतान दिया जाए। विभाग के रिक्त पद वरीयता के आधार पर नियुक्ति में प्राथमिकता दे। 65 वर्ष तक सेवा की गांरटी दे। ठेकेदार को कार्य न देकर जल सहिया को स्वच्छता संबंधि कार्य दे। मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए डीसी को ज्ञापन सौंपा है। मौके पर बबीता देवी, शहनाज खातून, यशोदा देवी आदि उपस्थित थीं।
डोभा का पानी पीने को विवश हैं आदिवासी बहुल गांव मिरगी जोड़िया के ग्रामीण
बिंदापाथर/संवाददाता। नाला प्रखंड क्षेत्र के बिंदापाथर थाना क्षेत्र के गेडिया पंचायत के आदिवासी बहुल गांव मिरगी जोड़िया के ग्रामीण सदियों से लेकर आजतक डोभा का पानी पीने को मजबूर हैं। इस आदिवासी बहुल गांव की आबादी लगभग 800 की है। गांव में करीब 10 चापानल लगाया गया है। जिसमें अधिकांश नल खराब होकर बंद पड़ा हुआ है। वहीं एक दो चापानल जो चालू है उसमें पर्याप्त जलस्रोत नहीं होने के कारण एवं कोई वैक्लपिक व्यवस्था नहीं रहने से लोगों को वेबस होकर सदियों से बनी डोभा का पानी पीना पड़ रहा है। इस गांव से होकर अजय नदी मुख्य नहर भी गुजरती है। लेकिन सिकटिया बराज से पानी नहीं छोड़े जाने के कारण पानी के नाम सुखी धरती ग्रामीणों को चिढ़ा रही है।