देवघर/वरीय संवाददाता। झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच द्वारा वेबीनार के माध्यम से साइबर अपराध सुरक्षा हेतु जागरूकता पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें युवा साथियों को साइबर अपराध से संबंधित जानकारी दी गई। वेबिनार का संचालन प्रांतीय महामंत्री युवा सार्थक अग्रवाल द्वारा किया गया। वेबिनार की शुरुआत प्रांतीय अध्यक्ष युवा अरुण गुप्ता के उद्बोधन से हुई। जिसमंे उन्होंने बताया कि आज के डिजिटलीकरण युग में जहां एक ओर लोग टेक्नोलॉजी का प्रयोग जीवन को सुगम बनाने, रोचक एवं जरूरी अविष्कार करने में कर रहे है वहीं कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर अपराध को अंजाम दे रहे है और एक बड़ा वर्ग जाने-अनजाने में साइबर अपराध के चपेट में आ रहे हैं। इसी क्रम में प्रांत द्वारा वेबिनार के माध्यम से आमजनों तक जागरूकता फैलाने हेतु इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
वेबिनार के मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय पुलिस सेवा के अनुराग गुप्ता डीजी, सीआईडी, झारखंड, कार्तिक एस, पुलिस अधीक्षक, सीआईडी, झारखंड वशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित थे। वेबिनार में प्रवक्ता के रूप में नेहा बाला उपाधीक्षक, सीआइडी झारखंड रांची साइबर थाना एवं सुमित प्रसाद उपाधीक्षक, देवघर साइबर थाना ने बहुत ही सरलता से साइबर अपराध के तरीके एवं उससे बचने के तरीके बताए। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे लोग जानकारी के आभाव में साइबर अपराध का शिकार होते है और उन्हें सही मार्गदर्शन ना मिलने से मानसिक रूप से भी परेशान हो जाते है। सभी साथियों ने अपनी जिज्ञासाएं, समस्याएं और सुझाव रखे जिसका पैनल में उपस्थित सीआईडी की टीम ने जल्द ही निवारण करने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से कई युवा साथी प्रतिनिधि के रूप जुड़े रहे और उन्होंने यह विश्वास दिलाया कि अपने क्षेत्र में लोगों को साइबर अपराध को लेकर जागरूक करेंगे। झारखंड प्रांत की इस मुहिम से कम से कम 4000 युवा साथी लाभान्वित होंगे और इसे जारी रखते हुए आने वाले दिनों में झारखंड प्रांत के साथ साथ पूरे राष्ट्र को साइबर अपराध मुक्त बनाने में इस तरह की कार्यशाला की अहम भूमिका रहेगी।
झारखंड प्रांत मारवाड़ी युवा मंच एक बार पुन: सीआईडी के सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करता हैं।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से राष्ट्रीय सहायक मंत्री जोन-2 युवा विकास खंडेलिया, प्रांत अध्यक्ष युवा अरुण गुप्ता, महामंत्री युवा सार्थक अग्रवाल, मंडलीय उपाध्यक्ष युवा नीलकमल भरतीया व युवा विनीता सिंघानिया, प्रांत संयुक्त मंत्री युवा आशुतोष काबरा, संगठन विस्तार संयोजक युवा रोहित मित्तल सहित अन्य कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे। देवघर शाखा के सहयोग के लिए
अनुज धानुका, अमित छावछरिया, आलोक अग्रवाल, रोहित सुल्तानिया, अनुसु बंका, ध्रुव सिंघानिया, सर्वेश मोदी, श्रवण बथवाल शामिल रहे।
- 12 दिवसीय संस्कृत शिविर में पहंुचे विधायक
सभी को संस्कृत में वार्तालाप करते देख देवलोक की हो रही है अनुभूति : नारायण
देवघर/नगर संवाददाता। स्थानीय मॉडर्न पब्लिक स्कूल, सरसा दर्दमारा में संस्कृत भारती झारखंड प्रांत द्वारा आयोजित 12 दिवसीय आवासीय भाषाबोधन वर्ग एवं शिविर चालक प्रशिक्षण वर्ग के नौंवें दिन वर्ग का अवलोकन करने देवघर के भाजपा विधायक सह जिला अध्यक्ष नारायण दास पहुंचे और सभी कार्यकर्ताओं एवं प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर विधायक श्री दास ने कहा कि सभीं प्रतिभागियों को आपस में संस्कृत सम्भाषण करते देख मन आनंदित हो उठा है। यहां का माहौल देवलोक जैसा प्रतीत होता है।इस अवसर पर वर्ग प्रशिक्षण प्रमुख सर्वेश मिश्र, जिला संयोजक डॉ अजित नारायण पांडेय, जिला प्रशिक्षण प्रमुख डॉ गौतम कुमार राजहंस, संपर्क प्रमुख आचार्य विकास शाण्डिल्य, नगर शिक्षण प्रमुख आचार्य गणेश वत्स, नगर उपाध्यक्ष डॉ भारती प्रसाद, प्रशिक्षक जगदम्बा प्रसाद सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
बच्चों के अधिकारों की रक्षा के साथ दुग्ध की आवश्यकता : डॉ. प्रदीप
देवघर/वरीय संवाददाता। गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस एवं विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया। मौके पर स्थानीय विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस प्रत्येक वर्ष 1 जून को मनाया जाता है। यह दिवस सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय उत्सव है जो 1950 से मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना है। रूस में आज के दिन अनाथ, विकलांग और ग़रीब बच्चों की समस्याओं की ओर विशेष रूप से लोगों का ध्यान खींचा जाता है। बच्चों को तोहफ़े दिए जाते हैं और उनके लिए विशेष समारोहों का आयोजन किया जाता है। इस दिवस की शुरुआत पहली बार सन 1949 में रूस में मनाया गया था। इसका निर्णय मॉस्को में अंतर्राष्ट्रीय महिला लोकतांत्रिक संघ की एक विशेष बैठक में किया गया था। 1 जून सन 1950 को दुनिया भर के 51 देशों में ‘अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस’ पहली बार मनाया गया था। डॉ. देव ने विश्व दुग्ध दिवस के संदर्भ में आगे कहा- विश्व दुग्ध दिवस संपूर्ण विश्व में 1 जून को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दूध के संबंध में ध्यान आकर्षित करना एवं दूध उद्योग से जुड़ी गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए अवसर प्रदान करना है। प्रथम विश्व दुग्ध दिवस 1 जून, 2001 को मनाया गया था। दूध, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी फायदों के प्रचार के लिये बाज़ार आदि को लक्ष्य बनाने के लिये संप्रेषण कार्यक्रम, एसएएमपीआरओ के द्वारा दूध के स्क्रीन उपभोक्ता शिक्षा प्रोजेक्ट सहित एनजीओ, नीजि और सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं के द्वारा उत्सव के विषय-वस्तु से संबंधित संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।