अभिभावकों का आरोप रामदेव केशरी के प्रधानाध्यापक बनने पर शुरू हुई गड़बड़ी
गोपीकांदर/निज संवाददाता। अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय गोपीकांदर में छात्रों द्वारा शिक्षक, लिपिक और अनुसेवक से मारपीट मामले में गुरुवार को शिक्षक, पदाधिकारी और अभिभावकों की एक बैठक बुलाई गई। बैठक करीब 5 पांच घंटे चली। बैठक में एलआरडीसी विनय मनीष लकड़ा, बीडीओ अनन्त कुमार झा भी शामिल हुए। बैठक से सभी मीडियाकर्मियों को दूर रखा गया, ताकि कमरे के अंदर चल रहे गुप्तगु को राज रखा जा सके। पदाधिकारी भी मीडिया से दूरी बनाकर रखी। कुछ भी बोलने से बचते रहे। अभिभावकों की माने तो बैठक में छात्रों के द्वारा किये गए मारपीट के बारे में कोई बात नहीं उठी। अभिभावकों को बताया गया कि अपने बच्चे को सही शिक्षा के बारे में बताए। प्रत्येक माह शिक्षक और अभिभावकों के बीच बैठक रखने की बात कही। बैठक के बाद बच्चों के अभिभावकों ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि मारपीट में छात्रों का कोई गलती नहीं है। यह तत्कालीन प्रधानाध्यापक रामदेव केशरी ने सहायक शिक्षक कुमार सुमन से अपनी निजी दुश्मनी निकाली है। बताया कि छात्रों को रामदेव केशरी समझा-बुझाकर शांत कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया बल्कि छात्रों को ओर उकसाकर मारपीट करने को कहा। जब मारपीट हो रही थी उस समय रामदेव केशरी सामने खड़े थे ओर मजा ले रहे थे। उन्होंने पुलिस या बचाव करने का कोई विकल्प नहीं निकाला। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य रामदेव केशरी के आने के बाद ही स्कूल गड़बड़ा गया है। भोजन से लेकर पढ़ाई तक कमी की गई है। अनुसासन नाम कोई नियम नहीं है। रामदेव केशरी अप्रेल माह में योगदान किया तब अभी तक कोई बैठक अभिभावकों के बीच नहीं बुलाई गई है। थाना प्रभारी नित्यानंद भोक्ता ने बताया कि दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक 11 छात्र और प्रधानाध्यापक रामदेव केशरी को अभियुक्त बनाया गया है। सभी को पहला नोटिश दिया गया। नोटिस के जरिये 12 अभियुक्तों को अपना-अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया। चार दिनों के बाद दूसरा नोटिश भी दिया जाएगा, जिसके बाद गिरफ्तारी वारंट निकाला जाएगा और गिरफ्तारी की जाएगी।