एयरपोर्ट के डीएसपी के बयान पर मुकदमा
देवघर/संवाददाता। 31अगस्त को देवघर एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल(एटीसी) पर दवाब बनाकर रात में चार्टर प्लेन टेक ऑफ करने के मामले में भाजपा नेताओं समेत 9 लोंगों पर पुलिस उपाधीक्षक देवघर एयरपोर्ट सुमन आनन के बयान पर कुंडा थाना में 2 अगस्त को कांड संख्या 169 में धार 336, 447, 448 आईपीसी,10(2), 11 ए के तहत मामला दर्ज कराया गया है। मामले में चार्टर्ड प्लेन के पायलट, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे, कनिष्क कांत दुबे, सांसद मनोज तिवारी, मुकेश पाठक, देवता पांडेय, पिंटू तिवारी एवं एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढिंगरा को भी आरोपी बनाया गया है। डीएसपी ने कहा है कि 31 अगस्त को दिल्ली से एक चार्टर्ड प्लेन 13.5 बजे देवघर एयरपोर्ट पहुंची। जिसमे सांसद निशिकांत दुबे, कनिष्क कांत दुबे, माहिकान्त दुबे, सांसद मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा, शेषाद्री दुबे, सुनील तिवारी एवं अन्य को रिसीव करने के लिए अत्यधिक संख्या में लोग शामिल थे। शाम को लगभग 17.25 बजे चार्टर्ड प्लेन के यात्री एवं उन्हें सीऑफ करने वाले देवघर एयरपोर्ट पहुंचे। सभी यात्री चार्टर्ड प्लेन के अंदर चले गए एवं प्लेन का दरवाजा बंद किया गया। उसके कुछ देर बाद प्लेन का दरवाजा खुला और उसका पायलट नीचे उतर कर एटीसी की ओर जाने लगा। पायलट के एटीसी की तरफ जाता देख सुरक्षा के दृष्टिकोण से वे भी पायलेट के पीछे पीछे चलने लगे। कहा है कि देवघर एयरपोर्ट में नाइट टेक ऑफ एवं लैंडिंग अथवा आईएफआर फैसिलिटी अभीतक उपलब्ध नहीं है। इस सुविधा की अनुपलब्धता के कारण लो विजिबिलिटी एवं बैड वेदर कंडिशन, आफ्टर सनसेट में एयर क्राफ्ट को एटीसी क्लियरेंस सामान्यत: संभव नहीं था। 31 अगस्त को सूर्यास्त के समय 18.3 बजे था और उसदिन सामान्यत: ऐसी स्थिति में मेरे जानकारी के मुताबिक 17.30 बजे तक ही एयरक्राफ्ट का संचालन किया जाता है। कहा है कि जब वे एटीसी के कंट्रोल रूम पहुंचे तो पहले से ही एयरपोर्ट डायरेक्टर संदीप ढिंगरा और चार्टर्ड प्लेन का पायलट वहां उपस्थित थे। कहा है कि उक्त पायलट के द्वारा एटीसी रूम में उपस्थित एटीसी कर्मियों को दबाव डालकर बोला जा रहा था कि चार्टर्ड प्लेन के यात्रियों को आज ही वापस जाना अतिआवश्यक है इसलिए क्लियरेंस दिया जाय। इसी दौरान एटीसी कर्मियों के द्वारा मोबाइल से क्लियरेंस के लिए बात हो रही थी। कुछ देर बाद गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे उनके दोनों पुत्र कनिष्क कांत दुबे, माहिकान्त दुबे, सांसद मनोज तिवारी, एटीसी रूम पहुंचे। कहा है कि वे एटीसी रूम में यात्रियों को देखकर दंग एवं असहज महसूस किया। पायलट एवं यात्रियों के द्वारा यह दवाब दिया जा रहा था कि जल्दी क्लियरेंस दिया जाय। ततपश्चात इन्हें एटीसी क्लियरेंस मिल गया। उसके बाद पायलट एवं यात्रीगण चार्टर्ड प्लेन के अंदर गए और प्लेन टेकऑफ कर गई। कहा है सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करते हुए चार्टर्ड प्लेन का टेकऑफ कराया गया। कहा है कि जब 1 सितम्बर को 11.30 बजे कंट्रोल रूम अवलोकन करने गए और सीसीटीवी देखा तो एटीसी बिल्डिंग में 31 अगस्त की घटना के वक्त मुकेश पाठक, देवता पांडेय और पिंटू तिवारी भी एटीसी बिल्डिंग में सुरक्षा मापदंडों का उल्लंघन करते हुए प्रवेश किया था।