देवघर/वरीय संवाददाता। बाबा नगरी में कांवर यात्रा अपने परवान पर है। भोले को खुश करने के लिए कांवरिया तरह-तरह के कांवर लेकर आ रहे हैं। गुरुवार को पश्चिम बंगाल के कांवरियों ने एक अनोखा कांवर लाया। यह कांवरिया मां दुर्गा की प्रतिमा को कंधे में लेकर आये हैं। देवघर शक्ति पीठ है और यहां मां और भगवान शिव एक साथ विराजमान हैं। पूर्व के साल में इन लोगों ने रावण की प्रतिमा को लाकर यह दिखाने की कोशिश की थी कि भोलेनाथ की स्थापना के पीछे रावण का बहुत बड़ा योगदान था। इस वर्ष शक्तिपीठ में मां और बाबा भोलेनाथ का मिलन कराने के लिए यह सभी मां की मूर्ति को लेकर आ रहे हैं।
300 कांवरियों को लेकर बाबाधाम आते हैं कैलाश बम
देवघर/वरीय संवाददाता। गुरुवार को गिरिडीह से कांवरियों का एक जत्था पहुंचा। इस जत्था में 300 कांवरिया शामिल हैं, जिसे गिरिडीह के कैलाश प्रसाद साव लेकर आते हैं। इनका वजन काफी है ऐसे में इनके साथ के कुछ शिवभक्त इन्हें गमछा के सहारे खींचते हुए लाते हैं। बैंड बाजा के साथ कैलाश पूरे जत्था के साथ नाचते-झूमते बाबाधाम आ रहे हैं। कैलाश गिरिडीह झारखंड के रहने वाले हैं और कपड़े का छोटा सा व्यवसाय करते हैं। पिछले छह सालों से यह इसी तरह से बाबा मंदिर बैंड बाजों के साथ पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि भोलेनाथ की कृपा से वे यहां आ रहे हैं। उन्हें शिव के भक्तों को यहां लाने में काफी सुखद अनुभूति होती है।
महिला कांवरिया को एनडीआरएफ व स्वास्थ्य विभाग ने दिया चिकित्सीय लाभ
देवघर/वरीय संवाददाता। राजकीय श्रावणी मेला के अवसर पर श्रद्धालु बाबा नगरी पहुंच रहे हैं और सुरक्षित एवं सुगम रूप से जलार्पण कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा श्रावणी मेला को लेकर सुविधाओं व व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को सहूलियत महसूस हो। इसी क्रम में गुरुवार को बाबा मंदिर परिसर में बिहार के गया जिले से आई श्रद्धालु गुड्डी देवी चक्कर आने से बेहोश हो गई थी, जिसे एनडीआरएफ की महिला टीम की मदद से श्रद्धालु गुड्डी देवी को मेडिकल टीम द्वारा त्वरित चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराया गया। गौरतलब है कि बाबा नगरी आने वाले श्रद्धालुओं की सुगमता और सुरक्षित तरीके से दर्शन/जलार्पण करने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा एनडीआरएफ टीम को बचावकर्मियों, गोताखोर, डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट व अन्य बचाव उपकरणों के साथ शिवगंगा सरोवर, मंदिर प्रांगण व आसपास के क्षेत्रों में तैनात किया गया हैं। साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा को ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र में कई मेडिकल टीम को तैनात किया गया है, ताकि श्रद्धालु को आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके। श्रद्धालुओं को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, इसे दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम 24़7 पूरे मेला क्षेत्र में कार्यरत हैं।