बिंदापाथर। संवाददाता। मानसून की बेरुखी से किसानों की चिंता बढ़ गई है। बारिश न होने व आसमान से आग बरसने से खेती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है। बिंदापाथर सहित संपूर्ण जिले में प्रकृति की इस बेरुखी ने किसानों की कमर तोड़ दी है। जिस कारण किसान काफी चिंतित है और खेती से मोहभंग होते देखा जा रहा है। लोग अब खेती-बाड़ी छोड़कर दूसरे धंधे में अपना भविष्य तलाशने लगे हैं। वहीं प्रकृति ने भी किसानों की लगातार परीक्षा ले रही है। पिछले साल भी किसान सुखाड़ की मार झेल चुके हैं। इस साल भी खरीफ की फसल सुखाड़ की भेंट चढ़ सकता है। क्षेत्र के किसान मलय कुमार मंडल, मोहन लाला सिंह, खकन घोष, अजित मंडल, राम किस्कू, सरोज सोरेन, नरेश यादव आदि ने बताया कि अब तक खेतों की जुताई पूरी हो चुकी होती है और धान के बिचड़े लगाने का काम शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार मौसम की बेरुखी ने उनके माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। वर्तमान समय सावन के महीने में खेतों में चहल-पहल देखने को मिलता है चारों ओर हरियाली छाई रहती थी। किसान खेतों की जुताई से लेकर धान के बिचड़े की रोपाई की कार्य में व्यस्त रहते थे। वहीं इस साल मानसून की बेरुखी से ना सिर्फ उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है, बल्कि किसानों की कमर तोड़ दी है। अपने खेतों में फसल लगाने के लिए उनकी इंतजार की घड़ियां लंबी होती जा रही है। आसमान में काले बादल तो रोज उनके आशा के दीप जला रहे हैं। लेकिन इन बादलों से गिर रही वर्षा की चंद बूंदें धरती की प्यास बुझाने में सफल नहीं हो पा रही है। यही हाल नदी, जोड़िया और तालाबों का भी है। नदियां, जोड़िया और यहां के तालाब अभी तक सूखे पड़े हैं। आम लोगों की प्यास बुझाने वाला यह जल स्रोत स्वयं अपनी प्यास बुझाने को तरस रहा है। अनावृष्टि से साग-सब्जी लगाने वाले किसानों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं भूमिगत जल का स्रोत काफी नीचे चला गया है, जिससे क्षेत्र के अधिकांश चापाकल दम तोड़ चुके हैं। जिस कारण चारों दिशाओं के खेतों में भी पूरी तरह सुनसान नजर आ रहा है। क्षेत्र के किसान सिंचाई के लिए पूरी तरह मानसूनी वर्षा पर ही निर्भर है। सिंचाई का कोई और वैकल्पिक स्रोत नहीं होने के कारण अब धीरे-धीरे खेती से मोहभंग हो गया है। लोग अब खेती-बाड़ी छोड़कर दूसरे धंधे में अपना भविष्य तलाशने लगे हैं। कई किसानों ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से प्रतिदिन अगले दो-तीन घंटों में भारी बारिश होने की सूचना प्रसारित की जाती है। लेकिन इस साल यह सूचना भी सही साबित नहीं हो पा रही है।
स्वास्थ्य पखवाड़ा का हुआ शुभारंभ
नाला। संवाददाता। मंगलवार को प्रखंड प्रमुख कलावती मुर्मू ने दीप प्रज्ज्वलित कर सीएचसी नाला परिसर में परिवार स्वास्थ्य मेला पखवाड़ा का शुभारंभ किया। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर आयोजित इस स्वास्थ्य मेला पखवाड़ा में स्टॉल भी लगाए गए। मेला के प्रथम दिन दो महिला बंध्याकरण एवं दो पुरुषों का नसबंदी किया गया तथा कुल पंजीकृत 72 मरीजों के इलाज कर आवश्यक दवा दी गई। पिछले दिनों परिवार नियोजन कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया है। इस मौके पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रामकृष्ण बाबू ने कहा कि 26 जुलाई तक चलने वाला इस स्वास्थ्य मेला में परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी विधि के साथ-साथ अन्य बीमारी का भी इलाज किया जाएगा। मौके पर डॉ गुनीता डॉ देवेंद्र शाह, बीपीएम जेके पप्पू जग्यासुद्दीन, अंजू कुमारी सहित अन्य उपस्थित थे।