हर माह के तीसरे शनिवार को होती है बुजुर्गों की स्वास्थ्य जांच
गोड्डा। कार्यालय संवाददाता। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, गोड्डा के तत्वावधान में शनिवार को मासिक बुजुर्ग दिवस के मौके पर गोड्डा शहर के वार्ड नंबर-13 के शांति नगर में संचालित अटल क्लीनिक में 45 बुजुर्गों का स्वास्थ्य जांच की गई। वहीं उनके बीच नि:शुल्क दवाओं का भी वितरण किया गया। इस मौके पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अजयनन्द पाठक के द्वारा सभी बुजुर्ग महिला व पुरुषों के स्वास्थ्य की जांच की गई। मौके पर बुजुर्गों के ब्लड प्रेशर व शुगर सहित अन्य बीमारियों की जांच की गई। साथ ही साथ सभी बुजुर्गों को आवश्यक दवाओं का भी वितरण किया गया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह के तीसरे शनिवार को बुजुर्गों के लिए शहर के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर गोढ़ी तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रौतारा एवं शहर के सभी अटल क्लीनिक में भी कैंप लगाया जाता है। जिसमें नि:शुल्क जांच एवं नि:शुल्क इलाज की पूरी व्यवस्था रहती है। इस दौरान एएनएम सिंपू कुमारी ने बताया कि अटल क्लीनिक में बुजुर्ग दिवस के मौके पर सभी बुजुर्गों को बुला कर उनके स्वास्थ्य की जांच की जाती है। वहीं नि:शुल्क दवाओं का वितरण किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस कार्य के शुरू होने के बाद से बुजुर्गों को अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए सदर अस्पताल नहीं जाना पड़ता है। वह नजदीक के अटल क्लीनिक में जाकर अपने स्वास्थ्य की जांच करा सकते हैं। यह सारी व्यवस्था नि:शुल्क है।
इस मौके पर बीटीटी प्रह्लाद कुमार, बेबी कुमारी, एएनएम जयमाला कुमारी, मनीता भारती, रूपम कुमारी, सोनम कुमारी, सिंपू कुमारी, सहिया ज्योति कुमारी, अंजू कुमारी सहित कई लोग मौजूद थे।
बच्चों को स्वतंत्र और गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार : डालसा
-चिलकारा गोविंद पंचायत भवन में चलंत लोक अदालत का आयोजन
गोड्डा। विधि संवाददाता। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार पाठक के मार्गदर्शन में शनिवार को पथरगामा प्रखंड के चिलकारा गोविंद पंचायत भवन में चलंत लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान डालसा की ओर से गठित टीम में शामिल अधिवक्ता कुंदन ठाकुर, पीएलवी अजय टुडू, जोबाती मुर्मू, रामविलास महतो, चुनका मुर्मू आदि ने ग्रामीणों को विविध जानकारी दी। कहा कि बच्चों से मजदूरी कराना कानूनन अपराध है। बच्चों को एक ऐसे परिवेश में बड़ा होने की जरूरत है। जिसमें वे एक स्वतंत्र एवं गरिमापूर्ण जिंदगी जीने योग्य बन सकें। उन्हें शिक्षा एवं प्रशिक्षण का अवसर दिया जाना चाहिए, ताकि वे बड़े होकर जिम्मेवार एवं जवाबदेह नागरिक बन सकें। दुर्भाग्यवश बच्चों की एक बड़ी आबादी अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित है। वे खास कर असंगठित क्षेत्र में काम करते हुए पाये जाते हैं। उनमें से कुछ को कैद भी रखा जाता है तथा मारपीट की जाती है। इन बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार से पूर्णत: वंचित रखा जाता है। इस दिशा में समुदाय को सोचने की जरूरत है। बच्चों को काम पर लगाने की यही प्रक्रिया मानव तस्करी का रूप ले लेती है। टीम के सदस्यों ने कहा कि जागरूक होने से ही समाज से कुप्रथा समाप्त हो सकेगी। इसके लिए शिक्षा की बहुत जरूरत है। शिक्षित समाज से ही विकास संभव है। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल जरूर भेजें। कम उम्र के बच्चों से मजदूरी नहीं करायें।