-प्राप्त सूचना के आधार पर डीएफओ ने किया दो गश्ती दल का गठन
अमड़ापाड़ा/संवाददाता। लकड़ी तस्करी पर रोक लगाने को लेकर वन विभाग की टीम मुस्तैदी के साथ लगातार ताबड़ तोड़ छापामारी कर रही है। वन विभाग की टीम ने एक बार फिर बहादुरी का परिचय देते हुए विषम परिस्थिति के बावजूद चार मोटरसाइकिलों में लदे 5 बोटा लकड़ी को जब्त किया। लकड़ी तस्करों का पीछा करते हुए वन विभाग टीम का गश्ती वाहन इस दौरान दुर्घटना ग्रस्त हो गया। इसके बावजूद टीम में शामिल सदस्यों ने लकड़ी को जब्त किया। डीएफओ रजनीश कुमार ने सूचना के आधार पर रेंजर आरबी प्रसाद के नेतृत्व में दो गश्ती दल का गठन करते हुए प्रखंड के बोहरा व रोलडीह में तैनात कर दिया। टीम में शामिल सभी लोग पूरी तरह से मुस्तैद थे। इसी बीच देर रात सिंगारसी-फतेहपुर रोड पर चार मोटरसाइकिल जिस पर लकड़ी का बोटा लोड था तेजी से लेकर भागने लगे। इसी बीच गश्ती वाहन पीछा करने के क्रम में मालीपाड़ा गांव के तीखे मोड़ के पास दुर्घटना ग्रस्त हो गया। वाहन में बैठे वन कर्मी नीलू निकुदिमुस किस्कू, स्टीफन हेंब्रम, दिनेश मालतो, साहिब राम मड़ैया, गौरांगो मंडल घायल हो गये। घायल होने के बावजूद भी कर्मियों ने बहादुरी का परिचय देते हुए चार मोटरसाइकिल समेत 5 बोटा लकड़ी को जब्त कर लिया। पकड़े गए मोटरसाइकिल व लकड़ी को रेंजर कार्यालय में रखा गया है। डीएफओ रजनीश कुमार ने कहा कि लकड़ी तस्करी करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। वहीं घायल वन कर्मियों का इलाज किया जा रहा है।
पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू होने से सरकारी कर्मचारियों को मिली सामाजिक सुरक्षा : दिलीप
-एनपीएस में जमा रुपये कर्मचारियों को लौटाने की हो रही कोशिश
पाकुड़/संवाददाता। झारखंड सरकार ने फिर से पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर झारखंड राज्य में कार्यरत सरकारी कर्मियों के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उक्त बातें एकीकृत गृह जिला स्थानांतरण शिक्षक संघ के प्रदेश प्रभारी सह पुरानी पेंशन बाहली आंदोलन के मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार राय ने कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के आम लोगों के साथ सरकारी कर्मचारियों को भी सामाजिक सुरक्षा देने का काम किया है। इस निर्णय से पूरे राज्य के पेंशन विहीन कर्मचारियों में नई उम्मीद जगी है जो एसओपी झारखंड में अपनाई गई है वह पुरानी पेंशन लागू करने वाले अन्य दो राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ से भी बेहतर है। इसमें अब तक कर्मचारियों का जो रुपया एनपीएस में जमा किया गया है वह कर्मचारियों को लौटाने की कोशिश की जा रही है। केंद्र अगर यह रुपया अभी नहीं लौटाती है तो सेवानिवृत्ति के समय वह रुपया वापस मिल जाएगा और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन सही तरीके से मिलेगी। कहा कि पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन सफल आंदोलन है। जिसमें सभी कार्यक्रम छुट्टी के दिन आयोजित किया गया। कहीं किसी भी कर्मचारी पर एक लाठी तक नहीं चली। इस निर्णय ने साबित किया कि सरकार जायज मांगों पर विचार करती है। पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू होने का असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा। युवाओं में सरकारी नौकरी के प्रति रूझान बढ़ेगा। वहीं झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव बीरेंद्र सिंह ने भी पुरानी पेंशन योजना के लागू किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन योजना 01 सितंबर, 2022 से लागू कर देने से सारे शिक्षकों, कर्मचारियों में खुशी का माहौल है।