सेवा शिविर लगाने का दिया जाय आदेश
देवघर/वरीय संवाददाता। द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ में विश्वस्तरीय सावन महोत्सव का शुभारंभ हो गया है। इस बार अधिक मास होने के कारण यह मेला 30 दिनों के बजाय 59 दिनों का होगा। इस मेले में दुनियाभर से देवाधिदेव महादेव के भक्त आते हैं। देवघर में एयरपोर्ट शुरू होने के बाद इनकी संख्या में वृद्धि होना स्वभाविक है। अंतरराष्ट्रीय स्तर का मेला होने के बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक भी बैठक नहीं की। इससे समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री इस मामले पर कितने गंभीर हैं। उक्त बातें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने प्रेस बयान जारी कर कही। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक बाबा बैद्यनाथ में लगनेवाले श्रावणी मेले से राज्य की छवि पूरी दुनिया में बनती-बिगड़ती है। जितनी बेहतर तैयारी होगी, उतना ही लोगों की सुविधा मिलेगी। लोगों को असुविधा नहीं होगी, तो राज्य की छवि सकारात्मक बनेगी। इतने संवेदनशील मामले पर भी मुख्यमंत्री गंभीर नहीं हैं।
राजकीय मेला होने के कारण स्वयं मुख्यमंत्री को इसका उद्घाटन करना चाहिए था, लेकिन उद्घाटन की उम्मीद करना बेकार है, जब मुख्यमंत्री ने तैयारियों की समीक्षा करना ही जरूरी नहीं समझा। देवघर का श्रावणी मेला झारखंड राज्य की शान है, लेकिन सत्ताधारी दलों के लिए यह केवल एक इवेंट भर है। श्रावणी मेले को लेकर मुख्यमंत्री का रवैया बहुत ही निंदनीय है। साथ ही इतने बड़े मेले में वर्षों से कई संगठन वहां अपने सेवा शिविर लगाते आये हैं। मुझे मिली जानकारी के अनुसार सरकार के आदेश के बाद जिला प्रशासन भाजपा समर्थित कई संगठन एवं अन्य कई स्वयंसेवी लोगों को शिविर लगाने की मंजूरी नहीं दे रहा है। यह रवैया बिल्कुल सही नहीं है। इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सेवा शिविर के मामले में ऐसी राजनीति नही हो। यह सेवा का मामला है। राजनीति करने के लिए कई और क्षेत्र हैं। धार्मिक स्थलों पर राजनीति उचित नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सभी को शिविर लगाने की अनुमति देने के संबंध में आदेश जारी किया जाना चाहिए।