गोड्डा। कार्यालय संवाददाता सुनील मंडल हत्याकांड के मास्टरमाइंड को पुलिस ने पटना से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस की तत्परता से हत्याकांड में शामिल रहे दो नाबालिग समेत छह नामजद अभियुक्तों को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। घटना का मास्टरमाइंड पुलिस से बचने के लिए बिहार की राजधानी में छिप गया था। लेकिन पुलिस तथा कानून के लंबे हाथ से बच नहीं सका सका।
सदर प्रखंड के पुनसिया गांव निवासी सुनील मंडल की हत्या के मामले में गोड्डा नगर थाना में 23 सितंबर 2022 को कांड संख्या 260/22, भारतीय दंड विधान की धारा 147,148, 149, 341, 342, 323, 325, 307, 302, 504, 506 एवं 12 पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज किया गया था।
मालूम हो कि 22 सितंबर को रात्रि करीब 9 बजे गोड्डा नगर थाना अंतर्गत गोड्डा कॉलेज हटिया मैदान के पास अज्ञात अपराधकर्मियों के द्वारा सुनील मंडल (25), पिता स्व अर्जुन मंडल, ग्राम पुनसिया की हत्या एवं उसके भाई अनिल मंडल (32) को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला कि अपराधियों में से एक मृतक की भतीजी से पिछले एक साल से लगातार संपर्क में था।
मृतक ने जब एतराज जताया तो अपराधियों ने पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। मृतक के भाई अनिल मंडल के साथ भी बेरहमी पूर्वक मारपीट करते हुए रामगढ़ रोड में एक झाड़ी में फेंक दिया गया था। इस कांड में शामिल सभी अपराधी गोड्डा डेविल्स गिरोह के बताए जाते हैं। इस गिरोह द्वारा हाल की कुछ महीनों के दौरान सदर प्रखंड एवं पोड़ैयाहाट प्रखंड में अनेक आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया गया है। गिरोह में काफी कम उम्र के युवा एवं नाबालिग शामिल हैं, जो नशा पान भी करते हैं।
उक्त कोड के उद्भेदन हेतु पुलिस अधीक्षक ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, गोड्डा आनंद मोहन सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया है। विशेष टीम के द्वारा कार्ड में संलिप्त 6 अपराधकर्मियों को पूर्व में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। इस कांड में शामिल प्राथमिकी अभियुक्त विक्रम कुमार महतो उर्फ विक्रम महतो, पिता कालीचरण महतो, साकिन पथरा, थाना गोड्डा नगर, के पटना (बिहार) में छुपे रहने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक नाथू सिंह मीणा के निर्देश पर एक विशेष टीम बनाकर पटना भेजा गया था। टीम ने 25 सितंबर को पटना जिला के पीरबहोर थाना से प्राथमिकी अभियुक्त विक्रम महतो को गिरफ्तार कर गोड्डा लाया, जिसे 26 सितंबर को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। अनुसंधान के लिए विक्रम महतों का मोबाइल जप्त किया गया है।