जामताड़ा। संवाददाता। देश अपनी आजादी का 75वां वर्षगांठ अमृत महोत्सव के रूप में मना रही है। इस अमृत काल में शासकीय कार्य में शासन और सेवा में फर्क को भी समझना जरूरी हो गया है। लोक भाषा में जब देश परतंत्र हो वहां शासन होता है और जब देश में शासन भूमि पुत्रों की हो, वहां शासन नहीं, सेवा ही हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेवा को देश में सत्ता चलाने के लिए हथियार बनाया है जिसका सुखद परिणाम देखने को मिल रहा है। उपरोक्त वक्तव्य जामताड़ा भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिला अध्यक्ष रंजीत प्रसाद यादव ने अपने लेख के माध्यम से दी है। उन्होंने लिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सार्वजनिक जीवन के 20 वर्ष को देखें तो गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 12 वर्ष एवं प्रधानमंत्री के रूप में 8 वर्ष सबसे अधिक किसी बात पर जोर दिया है तो सेवा को ही दिया है। पहले सत्ताधारी लोग दशकों तक शासकीय भाव से देश चलाते रहे यही कारण है कि देश पिछड़ता रहा और राजनेता, नौकरशाह मालामाल होते गए। यह बात सभी जानते हैं कि नरेंद्र मोदी ने जब गुजरात की सत्ता संभाली, गुजरात कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा था, भूकंप के कारण गुजरात को भारी नुकसान उठाना पड़ा। गुजरात में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल था। इस कठिन परिस्थिति में मोदी ने गुजरात का सत्ता संभाली और एक पिछड़े हुए गुजरात को देश में सबसे अधिक विकसित राज्य की श्रेणी में लाकर खड़ा किया। राज्य के नागरिकों का विश्वास जीतने में सफल रहे। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के जगह प्रधान सेवक कहलाना पसंद किया। सरकारी कामों में लगे अधिकारियों कर्मचारियों के मन में सेवा भाव से काम करने के लिए निरंतर प्रेरित किया जा रहा है जिसका परिणाम भी देखा जा सकता है। सरकारी योजनाओं में बीपीएल परिवारों को मुफ्त में अनाज, परिवारों को रसोई गैस, हर घर नल से जल, प्रधानमंत्री आवास, किसान समृद्धि योजना, पीएम किसान, जैसे अनेक योजनाएं लोगों के छोटे-छोटे आवश्यकता के अनुसार बनाई गई है। इन सभी योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है जिससे लोगों के मन में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।