- मंत्री ने सरकारी और निजी चिकित्सकों के साथ की समीक्षा बैठक
- फीस बढ़ाकर मरीजों को अतिरिक्त बोझ नहीं बढ़ायें निजी अस्पताल
- क्लीनिक के बाहर टांगे फीस चार्ट
मधुपुर/संवाददाता। सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण, निबंधन, पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद व युवा मामले के मंत्री हफीजुल हसन ने शनिवार को स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हेतु शनिवार को शहर के निजी और सरकारी चिकित्सकों, पैथोलॉजी क्लिनिक, जांच घर व टेक्नीशियन आदि के साथ समीक्षा बैठक की।
अनुमंडल अस्पताल के सभागार में आयोजित बैठक में मंत्री ने कहा की शिक्षा, स्वस्थ, पानी, बिजली व सड़क की व्यवस्था ठीक है तो क्षेत्र विकासित है। क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं तो विकास अधूरा है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों मे मरीज की मृत्यु के बाद परिजनों द्वारा हंगामा करने की लगातार मिल रही शिकायतों पर व्यवस्था सुधारने की पहल है। ऐसी घटनाओं पर कई बार सुलह समझौता कराया गया है। मंत्री ने कहा यहां एक बड़ा अस्पताल खोलने की जरूरत है। कई छोटी-बड़ी बीमारियों को रेफर कर दिया जाता है। उन्होंने निजी क्लीनिक के चिकित्सकों को बड़े पैमाने पर अस्पताल खोलने को कहा। उन्होंने चिकित्सकों को कहा क्षेत्र गरीब है। आप धरती के भगवान कहे जाते हैं। आप से लोगों को बड़ी उम्मीदें रहती है। खानपान में गड़बड़ी के कारण कई बीमारियां बढ़ रही है। किडनी और कैंसर की बीमारी में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। उन्होंने चिकित्सकों को कहा कि एकाएक मरीज को जवाब देकर रेफर नहीं करें। स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार कर क्षेत्र के लोगों का सहयोग करें। फीस में बढ़ोतरी कर मरीजों पर दबाव नहीं डाले। प्रतिष्ठित कंपनी की दवा लिखें। क्लीनिक के बाहर फीस चार्ट लगाएं। उन्होंने कहा कि पैथोलॉजी जांच घर के संचालक प्रत्येक जांच की सूची और फीस चार्ट टांग कर रखें। कहा जांच का फाल्स रिपोर्ट नहीं दें। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि शहर में 200 मरीज प्रतिदिन देखने वाले जगदंबा नर्सिंग होम का लाइसेंस फेल है। मंत्री ने चिकित्सकों और पैथोलॉजी जांच के संचालकों को कहा कि व्यवस्था में सुधार लाएं। कहा जरूरत पड़ने हर संभव सहयोग किया जाएगा। कहा क्षेत्र में नशा मुक्त अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। निजी क्लीनिक और पैथोलॉजी जांच घर के संचालकों को लाइसेंस नवीकरण के लिए एक सप्ताह के अंदर कागजात जमा करने को कहा। इसके पूर्व सभी चिकित्सकों से कई बारी-बारी से कई सुझाव और समस्याएं सुनी गई। मौके पर एसडीओ आशीष अग्रवाल, सीएस जुगल किशोर चौधरी, वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ रंजन सिन्हा, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. मोहम्मद शाहिद, कार्यपालक दंडाधिकारी विनय कुमार पांडे, विधायक प्रतिनिधि मोहम्मद शाहिद उर्फ फेकू, समेत डॉक्टर गोपाल प्रसाद, डॉ मोहम्मद आरिफ, डॉ एस आर बैद्य, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. सादब अनवर, मीडिया प्रभारी मोहम्मद समीर आलम आदि कई लोग मौजूद थे।
मणिपुर घटना के विरोध में आदिवासी, किशोरी व महिलाओं ने निकाला प्रतिवाद मार्च
मधुपुर/संवाददाता। मणिपुर में आदिवासी बेटियों को आवरण विहीन कर परेड कराने की मानवता को शर्मसार करने वाली घटना के विरोध में शहर के पथरचपटी स्थित स्वयंसेवी संस्था प्रेरणा भारती की आदिवासी किशोरी समूह व महिला मंडल द्वारा शनिवार को ‘मणिपुर हिंसा मानवता के लिए कलंक है’, ‘मणिपुर हिंसा के दोषियों को अविलंब गिरफ्तार करो’ आदि गगनभेदी नारों के साथ प्रतिवाद मार्च निकाला। यह प्रतिवाद मार्च प्रेरणा भारती परिसर से निकल कर शहर के नया बाजार, ग्लास फैक्ट्री मोड़, केला बगान, थाना मोड़ आदि विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए पुन: संस्था कार्यालय पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया। इस प्रतिवाद मार्च में महिलाओं और किशोरियों ने विभिन्न स्लोगन लिखी तख्तियां भी थाम रखी थी। मौके पर मार्च का नेतृत्व कर रही रिबिका मुर्मू, सिमोति मुर्मू, सुष्मिता व आंगनबाड़ी सेविका बसंती मरांडी ने कहा कि आज लोकतंत्र के 70 से अधिक वर्ष बीत जाने के बाद भी इस देश की सामंतवादी मानसिकता में खास तौर पर दलितों और आदिवासियों के प्रति कोई बदलाव नहीं आया है। आए दिन इनके उत्पीड़न की घटनाएं अखबारों की सुर्खियां बनती रहती है। जिस पर रोक लगाने व जन-जागरूकता पैदा करने के लिए हमने यह प्रतिवाद मार्च निकाला है। इस अवसर पर अरुण निर्झर, विष्णु टुडू, बसंती किस्कू, मित्तल हांसदा, संगीता टुडू, सुनीता मरांडी, पूजा मरांडी व मिताली सहित दर्जनों किशोरी व महिलाएं मौजूद थीं।