देवघर/वरीय संवाददाता। झारखंड प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय कुमार ने महान भारतीय धावक स्व. मिल्खा सिंह को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने एवं उनके नाम से राष्ट्रीय स्तर के खेल पुरस्कार की घोषणा करने की मांग केंद्र सरकार से की है।
श्री कुमार ने कहा कि मिल्खा सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना तथा उनके नाम से राष्ट्रीय स्तर के खेल पुरस्कार की घोषणा करना निश्चित रूप से युवा धावकों के लिए प्रेरणा का मार्ग प्रशस्त करेगा। खेल प्रेमियों के प्रेरणा स्रोत रहे स्व. मिल्खा सिंह ने कॉमनवेल्थ बनाम एंपायर गेम्स में 1958 में ट्रैक एंड फील्ड का स्वर्ण पदक जीतकर समूचे विश्व में देश का नाम रोशन किया था, इतना ही नहीं अपने जीवन काल में 80 में से 77 दौड़ जीत कर वैश्विक कीर्तिमान स्थापित किया था।
जीएस हाई स्कूल में नशा मुक्ति अभियान का हुआ आयोजन
देवघर/वरीय संवाददाता। इनर व्हील क्लब ऑफ देवघर ने नशा मुक्त अभियान के तहत देवघर शहर के गोवर्धन साहित्य उच्च विद्यालय में जागरूकता अभियान चलाया गया। यह विद्यालय हिन्दी विद्यापीठ के अंदर स्थित है वहां के सभी विद्याथियों को नशा से नुकसान के बारे में बताया गया। जिसे डॉ चेतना भारती ने बच्चों को बताया कि कैसे किशोरावस्था के बच्चे नशीली पदार्थ का सेवन करने लगते हैं और अपने अच्छे भविष्य को हमेशा के लिए बर्बाद कर लेते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं की आज भारत में नशीली पदार्थ ड्रग्स आदि का सेवन बढ़ता जा रहा है जो युवाओं एवं खास कर किशोरावस्था के बालक बालिकाओं को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। इससे दूर एवं बचने के उपाय के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। इसी जागरूकता को बढ़ाते हुए आज इनर व्हील क्लब देवघर द्वारा अध्यक्ष सरिता अग्रवाल के तत्वावधान में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को कराया गया। जिसे डा चेतना द्वारा इसके दुष्परिणाम और बचने के उपाय बताया गया। एवं सभी को नशीली पदार्थों से दूर रहने की शपथ दिलाई गई। विद्यार्थियों के साथ बातचीत कर इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए खुलकर सामने आने की जरूरत है। इस कार्यक्रम में गोवर्धन साहित्य उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक नितेश कुमार को क्लब की अध्यक्ष सरिता अग्रवाल ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। साथ में विद्यालय के शिक्षकगण मौजूद रहे। क्लब की सदस्यों द्वारा डा चेतना भारती का अभिवादन एवं सम्मानित किया गया। इस दौरान वहां मौजूद अध्यक्ष एवं क्लब सचिव अर्पणा सिन्हा, सारिका सिंघानिया रश्मि रंजन झा अर्चना भगत आदि ने विद्यार्थियों को चॉकलेट देते हुए कहा कि क्लब आगे भी नशा विरोधी अभियान जारी रखेगी ।
विश्व कला दिवस के स्थानीय विजयी प्रतिभागी हुए पुरस्कृत
देवघर/वरीय संवाददाता। पिछले दिनों स्थानीय ओमसत्यम इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म, ड्रामा एंड फाइन आर्ट्स तथा विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के युग्म बैनर तले सम्पूर्ण भारत में निबंध लेखन एवं चित्रांकन प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ था। सभी विजयी प्रतिभागियों ओमसत्यम इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव, वेक्सो इंडिया के संरक्षक डॉ. जयचन्द्र राज, समाज सेवी शारदा केशरी, प्रियांशु प्रिया एवं पूनम कुमारी के द्वारा जलसार चिल्ड्रेन पार्क परिसर में पुरस्कृत किया गया। स्वेच्छानुसार चित्रांकन प्रतियोगिता के ग्रुप सी में देवघर जिला स्तरीय में गीता देवी डीएवी पब्लिक स्कूल की आर्या किशोर वर्णवाल को प्रथम, एक शिक्षण संस्थान की रानी कुमारी व देव वैली हाई स्कूल की सुहानी कुमारी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ था। इसी प्रतियोगिता के ग्रुप सी में सतसंग कॉलेज की सुलेखा चौधरी को प्रथम, अन्य शिक्षण संस्थान के रवि कुमार व प्रीति प्रिया को क्रमश: द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त हुआ था। विश्व कला दिवस, शीर्षक निबंध प्रतियोगिता के ग्रुप सी में देवघर जिला स्तरीय में रघुवीर कुमार, श्रीलेखा कुमारी, परशुराम प्रसाद व सुहानी कुमारी को क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ स्थान प्राप्त हुआ था। इसी प्रतियोगिता में दुमका जिला से सेक्रेड हार्ट स्कूल के सौम्य सौर्य को प्रथम जबकि अन्य शिक्षण संस्थान से निकिता व शुभम को क्रमश: द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त हुआ था। भारतीय कलाकारों की देन, शीर्षक निबंध लेखन प्रतियोगिता के ग्रुप डी में सुलेखा, निकिता प्रिया व सारिका कुमारी ने बाजी मारी थी। मौके पर डॉ. देव ने कहा- कला का शब्दिक अर्थ हैं, जो सुन्दर यानि जो आनंद प्रदान करती हो अथवा जिसके द्वारा सुन्दरता आती हैं, वही कला हैं। कला से तात्पर्य रेखा आकृति, रंग, ताल तथा शब्द, जैसे– रेखाचित्र, रंजनकला, मूर्तिकला, नृत्य, संगीत, कविता एवं साहित्य के रूप में मानव की प्रवृत्तियों का बाहारी अभिव्यक्ति हैं। डॉ. राज ने कहा- कला न ज्ञान हैं, न शिल्प हैं, न ही विद्या हैं, बल्कि जिसके द्वारा हमारी आत्म परमानन्द का अनुभव करती हैं, वही कला हैं। कुछ लोग कला शब्द का अर्थ ‘सुन्दर’ ‘कोमल’ ‘मधुर’ या ‘सुख’ लाने वाला मानते हैं। प्रियांशु प्रिया ने कहा- कला का अर्थ एक ऐसी कलात्मक शिल्प या कौशल की प्रक्रिया से युक्त अनुभूति से हैं जो सृजनात्मक, सुन्दर एवं सुख प्रदान करने वाली हो, वही कला हैं।