फतेहपुर/संवाददाता। फतेहपुर प्रखंड के विभिन्न बूथों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोदी के मन की बात सुनी। इसी क्रम में भाजपा फतेहपुर मंडल अध्यक्ष प्रमोद गोस्वामी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मन की बात का 101 एपिसोड बूथ नंबर-03 में मन लगा कर सुना। मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने युवा संगम देश की युवा शक्ति, नया मंच का जिक्र किया। एक भारत,श्रेष्ठ भारत का जिक्र किया। बताया कि जन भागीदारी सबसे बड़ी शक्ति है। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष प्रमोद गोस्वामी, चिंतामणि भंडारी, मानिक रजक, दिगंबर मंडल, कुंदन रजक, निताई मंडल, पुरण पंडित आदि मौजूद थे।
मध्यस्थता के माध्यम से किया जायेगा वादों का निष्पादन
-मन का मिलन पखवाड़ा 29 मई से 14 जून तक
जामताड़ा/संवाददाता। झालसा के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार जामताड़ा की ओर से मध्यस्थता पर आधारित विशेष अभियान मन का मिलन पखवाड़ा का आयोजन 29 मई से 14 जून तक किया जाएगा। इस विशेष अभियान का आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डीएलएस अध्यक्ष रंजीत कुमार के मार्गदर्शन में व डीएलएस सचिव अभिनव के नेतृत्व में आयोजित किया जाएगा। इस संबंध में जानकारी देते डीएलएस सचिव अभिनव ने बताया कि इस विशेष अभियान के तहत पूरे जिले में मध्यस्थता से संबंधित विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आमलोगों को मध्यस्थता के माध्यम से वादों को निष्पादित किए जाने के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए जागरूक किया जाएगा। इस पूरे अभियान के दौरान जागरूकता कार्यक्रम, परामर्श सेवाएं, दृश्य श्रव्य से मध्यथता, लोक अदालत पर सफल कहानियों का प्रदर्शन, लंबित अथवा मुकदमा पूर्व स्तर के मामलों का आवेदन एवं सुझाव आदि प्राप्त किये जायेंगे। इस दौरान मध्यस्थता के माध्यम से वादों का निष्पादन किया जायेगा। वहीं उन्होंने बताया कि इस पखवाड़ा के दौरान परामर्श के लिए मध्यस्थ, पुलिस पदाधिकारी एवं डीएलएस सचिव से प्रात: 07 बजे से दोपहर 12 बजे तक मिल सकते हैं। उन्होंने बताया कि मन का मिलन पखवाड़ा मध्यस्थता के माध्यम से वादों के निष्पादन की अनूठी पहल है जो आम जनमानस के लिए काफी लाभकारी व कल्याणकारी साबित होगा। इस अभियान को पूर्णत: सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी गई है। इस अभियान में विवाद पूर्व निस्तारण योग्य मामले का भी निष्पादन किया जाएगा। इस अभियान की विशेषताओं पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसमें मध्यस्थता में भाग लेने वाले दोनों पक्षकारों की बातंेे पूर्णत: गोपनीय रहती हैं। मध्यस्थता में भाग लेना पूर्णत: पक्षकारों की सहमति पर निर्भर है। दोनों पक्ष मिल कर विवाद का समाधान ढूंढ़ते हैं और दोनों के समय धन व व्यक्तिगत संबंधों की रक्षा होती है। डीएलएस सचिव ने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा कि वे इस विशेष अभियान का अधिक से अधिक लाभ उठायें तथा मध्यस्थता के माध्यम से अधिक से अधिक वादों का निष्पादन किये जाने में अपनी अहम भागीदारी सुनिश्चित करें।