पटना। संवाददाता। गुलशन कुमार भारत के उन लाखों छात्रों में से एक हैं, जो बेहद साधारण बैकग्राउंड से हैं। उनके पिता पेशे से बुनकर हैं। उनके पास अपने बेटे की शिक्षा के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। लेकिन यह समस्या गुलशन को बड़े सपने देखने और बड़ा लक्ष्य हासिल करने की राह में बाधक नहीं बनी। उन्हें जेईई एडवांस्ड में एआईआर 122 और जेईई मेन एक्जाम में एआईआर 37 हासिल हुए। फिटजी की ‘फॉर्च्यून’40’ योजना में उनका चयन हुआ, जो फिटजी द्वारा समाज के कमजोर वर्ग को जेईई (मैन एवं एडवांस्ड) और अन्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के लिए मदद प्रदान कराती है। अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए, उन्होंने अपना घर छोड़ा और फिटजी पंजाबी बाग दिल्ली आ गए। उन्होंने वहां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की। अपनी तैयारी के बारे में बात करते हुए गुलशन ने कहा, ’10वीं कक्षा पूरी करने के बाद, मैंने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए फिटजी कोचिंग द्वारा संचालित ‘फॉर्च्यून 40’ परीक्षा पास की। तैयारी के दौरान मेरे शिक्षकों और मार्गदर्शकों ने मेरा सही तरीके से मार्गदर्शन किया। स्वयं अध्ययन के अलावा मैंने मोक टेस्ट और टेस्ट सीरीज की प्रैक्टिस की, जिससे मुझे अपनी वैचारिक समझ सुधारने में मदद मिली। गुलशन कुमार फिटजी पंजाबी बाग दिल्ली के दो वर्षीय क्लासरूम प्रोग्राम के छात्र रहे थे और एफ-40 प्रोग्राम के जरिये फिटजी में शामिल हुए। उन्होंने एनटीएसई स्कॉलर हासिल की और फिजिक्स (एनएसईपी) में ओलम्पियाड स्टेज-1 और एस्ट्रोनॉमी (एनएसईए) में भी सफलता हासिल की। उन्होंने केवीपीवाई-एसए के लिए भी क्वालीफाई किया।
प्यास बुझाने के लिए प्रखंड की सीमा पार कर रहे ग्रामीण
पानी के अभाव में रोज नहीं नहा पा रहे ग्रामीण
चंद्रमंडी। संवाददाता। प्यास बुझाने के लिए प्रखंड के ठाड़ी पंचायत के हरियारपुर के ग्रामीण प्रखंड की सीमा पार कर रहे हैं। ठाड़ी पंचायत के सुदूरवर्ती हरिहरपुर के ग्रामीण नदी में गड्ढा खोदकर प्यास बुझा रहे हैं। यह पानी भी इन लोगों को चकाई प्रखंड की सीमा पार कर सोनो प्रखंड के खंजर नदी में एक किलोमीटर का सफर करने पर मिल रहा है। दावा और हकीकत के बीच पेयजल को लेकर ग्रामीणों का दर्द अब टीस बन गया है। आलम यह है कि लोग सुबह से ही उठकर नदी में पानी के लिए दर-दर की खाक छानने लगते हैं। खतरे की बात यह है कि नदी में 10 फीट गड्ढा खोदने के बाद ही ग्रामीणों को पानी मिल रहा है। पानी के अभाव में यहां के ग्रामीण रोज स्नान नहीं कर पा रहे हैं। हरिहरपुर के ग्रामीण बताते हैं कि पिछले एक महीने से गांव की 300 की आबादी सुबह उठते ही पानी के इंतजाम में जुट जाते हैं। सुबह सुबह कुदाल, गईता ले नदी में पहुंचकर गड्ढे बनाकर उसमें से निकलने वाली गन्दे पानी को जमा करते हैं। पानी के लिए भीषण गर्मी और तपती जमीन पर कांटे नुमा झाड़ियों के बीच पैदल चलते छोटे छोटे बच्चों सहित महिला और पुरुषों के पांव में छाले उभर गए हैं। हरिहरपुर गांव में एक भी चापाकल एवं कुंआ नहीं है। गांव से आधा किलोमीटर दूर झांझी नदी सुख गया है और जलस्तर काफी नीचे चला गया है। जिस कारण अब लोगों को अपने चकाई प्रखंड को छोड़कर एक से डेढ़ किलोमीटर दूर सोनो प्रखंड अंतर्गत दहियारी पंचायत के खांजेर गांव में सुख चुके जोरिया में गड्ढे बनाकर थोड़ी थोड़ी पानी निकाल कर उपयोग करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि उमस भरी गर्मी और तपती जमीन के कारण जल स्तर काफी नीचे चल गया है। जिस कारण अब खांजेर गांव में स्थित जोरिया भी पुरी तरह सुख चुकी है। उसने बताया कि पानी का स्तर काफी नीचे चले जाने की वजह से अब गड्ढों ने भी पानी देना बंद कर दिया है। लिहाजा यही हाल रहा तो कुछ ही दिनों में पानी के कारण यहां के लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल मुहैया कराने के लिए पदाधिकारियों, जन प्रतिनिधियों से भी गुहार लगाया गया है लेकिन किसी ने भी हम गरीबों को पेयजल आपुर्ति कराना मुनासिब नहीं समझा। ग्रामीण तालो हेंब्रम, पानो बेसरा, अनीता हेंब्रम, ढेना बेसरा, मौनिका शौरेन, मनाली टुड्डू, रीना मुर्मू, मंझली सोरेन, छोटकी किस्कु, सबीना टुड्डू, तालो टुड्डू, मंझली टुड्डू, चुडका हेंब्रम, झुमरा हेंब्रम, मुन्सी हेंब्रम, डेगा हेंब्रम, तालो मरांडी, बड़कु मरांडी, मुन्ना हेंब्रम, बोका हेंब्रम, संतोष हेंब्रम, जगना हेंब्रम, साहब मरांडी, लखन हेंब्रम को एक किलोमीटर दूर सोनो प्रखंड के खांजेर गांव स्थित जोरिया के समीप गड्ढे बनाकर गन्दा पानी निकालकर लाते देखा जा सकता है।
बासुकीटाड़ और माधोपुर चौक पर शौचालय नहीं रहने से यात्री परेशान
डीएम से दोनों स्थानों पर शौचालय बनवाने की मांग
चंद्रमंडी। संवाददाता। चकाई प्रखंड अंतर्गत नेशनल हाईवे 333 चकाई देवघर मुख्य मार्ग पर बासुकीटाड़ और माधोपुर चौक पर शौचालय नहीं रहने से यात्री को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। चौक वासी पूर्व पैक्स अध्यक्ष लक्ष्मण दयाल, वीरेंद्र वर्मा, सुजीत साह, रवि कुमार, विजय ठाकुर, मनोज झा, पंचानंद झा, प्रदीप यादव, विश्व मोहन राय, विनोद कुमार, वीरेंद्र साह ने बताया कि इस चौक पर सुबह से लेकर दिन भर और देर रात तक यात्री का आवागमन होता रहता है लेकिन इस दोनों महत्वपूर्ण चौक पर एक भी शौचालय नहीं है। शौचालय नहीं रहने से खासकर महिला यात्री को शौच करने के लिए काफी दिक्कत झेलना पड़ता है। कुछ समय बाद प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू होने वाला है। तब बड़ी संख्या में लोग बाबाधाम से पूजा अर्चना कर माधोपुर और बासकीटांड़ में रुकते हैं। तब महिला श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत होती है। पूर्व पैक्स अध्यक्ष लक्ष्मण दयाल ने जमुई के डीएम से दोनों स्थानों पर शौचालय बनवाने की मांग की है।