जनता और जनसेवा मेरे लिए सर्वोपरि: बादल
देवघर/नगर संवाददाता। आज के जमाने में सभी लोग अपने में व्यस्त रहते हैं, लेकिन इस सबसे इतर सूबे के कृषि मंत्री सह जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के विधायक बादल पत्रलेख अपनों से ज्यादा जनता की सेवा में व्यस्त रहते हैं। इसी उद्देश्य को लेकर वह आज से लगभग 12 साल पूर्व घर से निकले तो अब तक घर नहीं गये हैं। अपने मकसद को हासिल करने के लिए उन्होंने जनसेवा को सर्वोपरि मना और दूसरी चुनावी दंगल में जीत हासिल कर विधायक बने। उस वक्त उन्होंने कांग्रेस को टूटने से बचाया था और कई आफर को ठुकरा दिया था। दूसरी बार विधायक बनने के बाद बादल मंत्री भी बने और जरमुंडी सहित सूबे के विकास करने के साथ जनसेवा को सर्वोपरि मना। अभी हाल ही में तीन दिन पहले उनके चाचा कामेश्वर पत्रलेख का निधन हुआ है। चाचा के निधन के दिन कृषि मंत्री बादल क्षेत्र भ्रमण पर थे। जैसे ही उन्हें चाचा के निधन की खबर मिली तो वह सभी तय कार्यक्रम को रद्द कर घर जाने के बजाय सबसे पहले दासडीह अजय नदी सतीघाट पहुंचे। चाचा का अंतिम दर्शन करने के बाद वह पुन: विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला की व्यवस्था का जायजा लेने के साथ जनसेवा के कार्य में जूट गये। इस प्रकार कृषि मंत्री बादल ने जनसेवा के साथ परिवारिक दायित्व को निभाने में भी पीछे नहीं रहे। इस बाबत पूछे जाने पर कृषि मंत्री बादल ने कहा कि अब मेरे जीवन का मकसद जनसेवा से ही है। लेकिन मेरा भी परिवार है और जनसेवा के साथ परिवार की भूमिका निभाने की भी जिम्मेदारी है। जनता और जनसेवा मेरे लिए सर्वोपरि है।
दो माह तक चलेगा रूपा फाउंडेशन का कांवरिया सेवा शिविर: कुंजबिहारी
देवघर/नगर संवाददाता। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में कांवरियों की सेवा करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के लोग व संस्था जुटे रहते हैं, लेकिन इस बार अधिमास पड़ने के कारण सावन 2 माह तक चलेगा और कांवरियों की सेवा अनवरत रूपा फाउंडेशन के कांवरिया सेवा शिविर में जारी रहेगी। उक्त बातें रूपा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रबंध निदेशक कुंज बिहारी अग्रवाल ने फव्वारा चौक के समीप स्थित कांवरिया सेवा शिविर के उद्घाटन अवसर पर कही। शिविर में उत्तरवाहिनी गंगा सुल्तानगंज से 105 किमी की यात्रा पूरी कर बाबाधाम पहुंचने वाले कांवरिया बंधुओं के लिए नि:शुल्क खिचड़ी, घी की हलवा, पूड़ी, सब्जी और फलाहार के साथ चिकित्सकीय व मालिश के साथ अन्य प्रकार की सेवा भी उपलब्ध रहेगी। शिविर का उद्घाटन उपस्थित अतिथियों ने फीता काटकर व दीप प्रज्वलित कर की। मौके पर पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर, प्रो रामनंदन सिंह, बिनोद सुल्तानिया, अमित गुप्ता, अरूणानंद झा, समाजसेवी अभय सर्राफ, आलोक मल्लिक, सुरेश साह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
कांवरियों की सेवा में आगे आये डीएवी के बच्चे
देवघर /वरीय संवाददाता। देवों के देव महादेव की नगरी देवघर में श्रावण मास के पहले सोमवार को गीता देवी डीएवी पब्लिक स्कूल, भंडारकोला के 36 झारखंड बटालियन, एनसीसी के बच्चों ने कांवड़िया पथ में जाकर जलार्पण करने आए श्रद्धालुओं की सेवा की। बच्चों ने कतार में खड़े भक्तों को शर्बत, शीतल जल आदि पिलाया। प्राचार्य डॉ विजय कुमार ने कहा कि सेवा भाव ही जीवन का मूल मंत्र होता है। सेवा भाव ना केवल मनुष्य को कामयाबी के शिखर पर पहुँचाता है बल्कि यह एक दूसरे के बीच संपर्क स्थापित कर आत्मिक सुख प्रदान करता है,और इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए लोग एक दूसरे के सहयोग के लिए आगे आते हैं। सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है और नि:स्वार्थ भाव से किया गया सेवा मनुष्य को आत्मिक सुख प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हमारा स्कूल कांवरियों की सहायता में सदैव तत्पर रहेगा। एएनओ परेश ब्रह्मा, सत्यवीर यादव, अभिषेक सूर्य, रश्मि भारद्वाज, नीलम चौधरी के निर्देशन में और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की मदद से शिव भक्तों की सेवा की गई।
पुण्यतिथि पर स्व भिखारी ठाकुर को श्रद्धांजलि
देवघर/वरीय संवाददाता। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के पूर्व प्रवक्ता अजय कुमार ने पुण्यतिथि पर स्वर्गीय भिखारी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर ने न सिर्फ लोकनाट्यशैली के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया बल्कि सामाजिक रूढ़ियों के प्रति लोगों को जागरूक भी किया। भोजपुरी भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्ठापित करने के लिए उनके योगदानों को भुलाया नहीं जा सकता है। भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करना ही स्वर्गीय भिखारी ठाकुर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर को दी श्रद्धांजलि
देवघर/वरीय संवाददाता। झारखंड प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय कुमार ने पुण्यतिथि पर संयुक्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अब्दुल गफूर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे एक कुशल प्रशासक व अनुशासन प्रिय राजनीतिज्ञ थे। मुख्यमंत्री का पद हो या केंद्रीय मंत्री का अपने कार्यकलापों से इन्होंने पद की गरिमा तो बढ़ाई ही, साथ ही अपनी कार्य संस्कृति की एक अमिट छाप भी छोड़ी। स्वतंत्रता आंदोलन में भी इन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी। कर्मठता, राजनीतिक शुचिता एवं मर्यादा षइनमें कूट-कूट कर भरी हुई थी।