- आग लगने पर कैसे करें बचाव के तरीकों से कराया अवगत
जसीडीह/संवाददाता। औद्योगिकी क्षेत्र जसीडीह स्थित आईओसीएल के सौजन्य से बुधवार को जसीडीह टर्मिनल न्यू टैंक ट्रक पार्किंग क्षेत्र के समीप आपातकालीन प्रतिक्रिया मॉकड्रिल कार्य आयोजित कर सुरक्षा आदि संबंधित अहम जानकारियां दी गई। मॉकड्रिल कार्यक्रम आईओसीएल जसीडीह के वरिष्ठ प्रबंधक उपेंद्र कुमार के देखरेख अधिकारी राशिद अनवर, उत्तम वर्मा, सहायक सुरक्षा अधिकारी अमित कुमार, विजीत चौधुरी, संखा सरकार, अप्रेंटिस राहुल कुमार, कमल राज, रवि भूषण रजक, निकेश सिंह, साकेत आदि सहित निरंजन दूबे, गौरीशंकर वर्मा, सुरक्षा सुपर वाइजर राम सेवक सिंह आदि कर्मी ने मॉकड्रिल कार्यक्रम को सफल बनाया। वहीं जिला प्रशासन देवघर के जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी देवघर राजीव राजन एवं जिला अग्नि शमन पदाधिकारी देवघर गोपाल यादव, विरेन्द्र मुंडा एवं दिनकर कुमार देव की उपस्थिति में माकड्रिल कार्यक्रम को अंजाम दिया गया। मॉकड्रिल कार्यक्रम के दौरान दर्शाया गया कि टैंकर नंबर जेएच-12डी/1044 में तेल लोड लोडिंग के बाद डिलीवरी के लिए जाने के दौरान रास्ते में तेल रिसाव होने से अचानक आग लग गई। जिसकी सूचना आईओसीएल टर्मिनल एवं आपातकालीन नंबर -112 पर कॉल कर दिया गया। वहीं सूचना पाकर देवघर जिला अग्निशमन पदाधिकारी गोपाल यादव भी टीम एवं अग्निशमन वाहन के साथ घटनास्थल पहुंच गए। इसके बाद आईओसीएल जसीडीह के वरिष्ठ प्रबंधक उपेंद्र कुमार एवं पदाधिकारियों, कर्मियों के साथ अग्नि शमन पदाधिकारी श्री यादव एवं टीम ने मिलकर जल सह फोम मॉनिटरिंग कर आग पर काबू पाने में सफल रहे। इस दौरान एक व्यक्ति के कैजुअल्टी हो जाने से एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया जाया गया। अंत में जिला प्रशासन के राजीव राजन, जिला अग्नि शमन पदाधिकारी देवघर गोपाल यादव एवं आईओसीएल जसीडीह के वरिष्ठ प्रबंधक उपेंद्र कुमार ने मॉकड्रिल कार्यक्रम की सफलता की सराहना की।
स्वीप के तहत युवा मतदाताओं को किया गया जागरूक
- – जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त फर्स्ट टाइम के साथ युवा मतदाताओं को जागरूक करने के उद्देश्य से संकल्प जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन
- कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की बच्चियों के बैंड ग्रुप ने मतदान हेतु अपने परिजनों को जागरूक करने का लिया शपथ
देवघर/वरीय संवाददाता। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त विशाल सागर के निर्देशानुसार विधानसभा आम चुनाव, 2024 में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से देवघर जिला अंतर्गत स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाताओं को जागरूक करने हेतु जिले के तीनों विधानसभाओं क्षेत्रों (सारठ, मधुपुर व देवघर) में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज बुधवार को केकेएन स्टेडियम में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय देवीपुर, सारवां, मधुपुर एवं पालोजोरी की बच्चियों के बैंड ग्रुप ने अपने परिजनों को जागरूक करने का शपथ लिया। साथ ही कार्यक्रम के दौरान बच्चियों द्वारा भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की मर्यादा को बनाये रखने तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुए, निर्भीक होकर, धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने हेतु अपने परिजनों और अपने युवा साथियों को जागरूक करने का संकल्प लिया। आगे सभी को बताया गया कि कार्यक्रम आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने 20 नवंबर को मतदान के प्रति जागरुक करना और निष्पक्ष होकर मतदान करने को लेकर प्रेरित करना है।
इस दौरान उपरोक्त के अलावे जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी, जिला खेल पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक एवं संबंधित कोषांग के अधिकारी, कस्तुरबा विद्यालय के शिक्षक आदि उपस्थित थे।
पाथरौल मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर में पूर्ण होती है भक्तों की मनोकामनाएं
-दीपावली पर होती है मां की विशेष पूजा
- मां की प्रतिमा के सामने गाढ़ा हुआ है नरमुंड जहां संगमरमर का बना हुआ है आसन
- कहीं से बलि नहीं आने पर मंदिर प्रबंधन की ओर दी जाती है बलि
- पाथरौल मां काली का 24 घंटे में बदलता है तीन रूप
- मां के परम भक्त राजा दिग्विजय सिंह ने स्वपन आने पर 16वीं शताब्दी में कोलकाता से पालकी से लाए थे मां की प्रतिमा
सुनील झा/देवघर। जिले के करौं प्रखंड के पाथरौल में स्थित मां दक्षिणा काली मंदिर ऐतिहासिक और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में प्रत्येक साल दीपावली के मौके पर मां काली की विशेष पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में पूजा से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर ऐतिहासिक और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। संताल परगना के अलावा दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु काफी संख्या में यहां पर मां का दर्शन और पूजा करने पहुंचते हैं। इस मंदिर में श्रद्धालुओं के द्वारा मां काली की विशेष पूजा भी की जाती है और साल में एक बार इस मंदिर परिसर में मेला का आयोजन किया जाता है। कहा जाता है कि मां के इस मंदिर को राजा दिग्विजय सिंह ने बनाया था। पाथरोल काली मंदिर का ऐतिहासिसक दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। पाथरोल काली मंदिर की स्थापना 16वीं शताब्दी में तत्कालीन राजा दिग्विजय सिंह ने स्थापित की थी। बताया जाता है कि उस समय राजा मां काली के परम भक्त थे और पूजा अर्चना किया करते थे। एक दिन राजा को सपना में मां काली आयी और आदेश दिया कि कोलकाता कालीघाट में जो प्रतिमा है और जिससे पसीना निकलता है उसे लाकर पाथरौल में स्थापित करें। राजा सपने को मां काली का आदेश मानकर कालीघाट गए और वहां से पालकी के माध्यम से 105 दिन में पैदल यात्रा कर प्रतिमा लाकर यहां स्थापित की। कोलकाता से पैदल पाथरौल आने के क्रम में मां की प्रतिमा को जहां रखा जाता था वहां बलि दी जाती थी। तभी से यह मंदिर दक्षिणेश्वर काली मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। पाथरोल मां काली मंदिर में अक्टूबर माह कार्तिक मास के महीना में साल में एक बार विशेष पूजा व मेला का आयोजन किया जाता है। जिसमें दूरदराज से काफी संख्या में तीर्थयात्री श्रद्धालु भक्त यहां पहुंचते हैं और पूजा अर्चना कर मेले का भी आनंद लेते हैं। ऐसा कहा जाता है कि पाथरौल का दक्षिणेश्वर मां काली मंदिर एक जागृत मंदिर है, जो भक्त सच्चे हृदय और मन से मां के सामने मन्नते मांगते हैं उनकी मांग पूरी होती है। मंदिर में पूजा पाठ आदि का संचालन घटवाल व पंडा समाज द्वारा किया जाता है। मंदिर के पूजारी आचार्य आलोक, जीवन आचार्य, अरविंद सिंह व मां के सेवक विनय मुखर्जी बताते हैं कि पथरौल काली में मां की प्रतिमा के सामने नरमुंड गढ़ा हुआ है जहां यह गोल सा संगमरमर का आसन बना हुआ है जिसे मां को प्रणाम करने के बाद भक्त इस स्थान पर भी माता देखते हैं इस स्थान पर बैठने का अधिकार सिर्फ मुख्य पुजारी को होता है। इसके अलावा इस स्थान पर कोई फटक भी नहीं सकता है। कोलकाता की रानी रसमणि और राजा दिग्विजय सिंह में बहुत ही घनिष्ठता थी इसलिए प्रतिमा लाने में राजा दिग्विजय सिंह को ज्यादा परेशानी नहीं हुई थी। प्रत्येक मंगलवार को कहीं से बलि नहीं आने पर मंदिर संचालन समिति की ओर से बलि दिया जाना जरूरी है। दीपावली, दुर्गा पूजा, चैती दुर्गा पूजा में भव्य और विशेष तरीके से मां की आराधना की जाती है। मां के साथ 52 शक्तिपीठों में से पाथरौल मां काली मंदिर भी एक शक्तिपीठ है। जिसका वर्णन प्रजलिका काली में मिलता है। यहां अंग-बंग और कालिंग देश से भक्ति मां की आराधना करने आते हैं। इसके अलावा नेपाल, भूटान व यूएसए के भक्त मां के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। इस जागृत काली मंदिर के पहले मुख्य पुजारी आचार्य सखी चरण चट्टोपाध्याय थे। आज उनकी नौवीं पीढ़ी मां की आराधना में जुटा हुआ है। मंदिर के पीछे एक तालाब भी है जहां प्रत्येक रात को मां स्नान करने के लिए निकलती है। इस दौरान मां के पैरों के पायल की छम-छम आवाज भी सुनाई देती है, लेकिन जनप्रतिनिधियों व सरकार की उदासीनता के कारण इस प्रसिद्ध काली मंदिर परिसर के तालाब व काली मंदिर परिसर में बने स्नानागार व शौचालय जलकुंभी व गंदगी से भरा हुआ है। कहा जाता है कि 24 घंटे में मां का तीन रूप बदलता है। जिसमें से एक रूप दोपहर को पसीना बहने वाला होता है। इसके अलावा यहां राजसी विधि से मां की पूजा प्रत्येक दिन की जाती है।
एक प्रत्याशी ने खरीदा नामांकन पत्र
देवघर/वरीय संवाददाता। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त विशाल सागर ने जानकारी दी कि विधानसभा चुनाव-2024 के तहत 23 अक्टूबर को देवघर विधानसभा सीट के लिए कुल दो नामांकन फॉर्म खरीदा गया है।
ज्ञात हो कि नामांकन पत्रों को दाखिल करने एवं क्रय करने के लिए समय पूर्वाह्न 11 बजे से 3 बजे अपराह्न तक निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित किया गया है। इसके अलावे सरकारी अवकाश के दिन नामांकन की प्रक्रिया नहीं की जा सकेगी। जिला अंतर्गत दूसरे चरण के तहत 20 नवम्बर को सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान का समय निर्धारित किया गया है।