एक बार फिर खतरे के निशान को पार करने की ओर जल स्तर
साहिबगंज। संवाददाता। अब ग्लोबल वामिंर्ग का असर गंगा पर भी पड़ने लगा है। बरसात के महीनों में बारिश के नहीं होने से सुखाड़ की स्थिति बनी। लेकिन इस दौरान गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ता रहा। वहीं दूसरी तरफ ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक ही महीने में 20 दिनों के अंतराल पर साहिबगंज में गंगा के जल स्तर में गिरावट के बाद एकबार फिर से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। मौसम व पयार्वरण के जानकार भी प्रकृति के इस रुख से हैरान हैं। जानकार बताते हैं कि एक ही बार बरसात में बाढ़ की स्थिति बनती थी। पिछले 40 वर्षों में ऐसा कभी नहीं हुआ कि गंगा का जल स्तर खतरे के निशान को पार करने के बाद चेतावनी रेखा से नीचे उतरा हो और फिर 20 दिनों में जल स्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा हो। आपको बता दें कि इस वर्ष गंगा के जल स्तर ने 25 अगस्त को चेतावनी रेखा 26.25 मीटर को पार किया था। 05 सितंबर तक महज 10 दिनों में जल स्तर खतरे के निशान 27.25 मीटर को पार करता हुआ 28.13 मीटर तक जा पहुंचा था। ठीक इसके दूसरे दिन से जल स्तर में गिरावट शुरू हो गयी। 15 सितंबर तक जल स्तर चेतावनी रेखा 26.25 मीटर से नीचे चला गया। 19 सितंबर को जल स्तर 26.20 मीटर पर था। 20 सितंबर को अचानक इसमें बढ़ोत्तरी हुई। और जल स्तर फिर एक बार चेतावनी रेखा को पार कर 26.33 मीटर पर पहुंच गया जो अब खतरे के निशान की ओर गामजन है। रविवार को जल स्तर 27.23 मीटर पर था। केंद्रीय जल आयोग ने सोमवार को इसके खतरे के निशान को पार कर 27.30 मीटर पर पहुंचने का अनुमान जताया है। पर्यावरणविद् डॉ. रणजीत कुमार सिंह बताते हैं कि पिछले 40 वर्षों में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। एक ही बार बाढ़ की स्थिति बनती थी। लेकिन इस बार महज एक महीने में दो बार जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। जो चिंता का विषय है। गंगा पार ग्लोबल वामिंर्ग का असर अब पड़ने लगा है।