तालझारी थाना क्षेत्र में हुई थी घटना, 31 अगस्त को मिला था महिला का अधजला शव
हत्या में इस्तेमाल चॉपर व वीवो मोबाईल जप्त, हत्या में शामिल भाई सुलेमान मियां फरार
दुमका/निज संवाददाता। मुन्ना मियां ने समेली देवी उर्फ पूजा कुमारी को बहाने से तालझारी थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव में पहाड़ी के पास ले गया और मांस काटने वाले चॉपर से गर्दन रेतने के बाद बाइक से पैट्रोल निकाल कर उसके शरीर पर छिड़क कर उसे आग लगा दी। यह घटना 30 अगस्त की है। यह वह समय था जब दुमका शहर में हुए पैट्रोल हत्याकाण्ड को लेकर सुलग रहा था। विरोध-प्रदर्शन और बंदी का दौर जारी था और घटना की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीमें दुमका आयी हुई थी। 31 अगस्त की सुबह तालझारी थाना पुलिस ने महिला का अधजला शव बरामद किया था और पुलिस ने चौकीदार कासिम मियां के बयान पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या एवं साक्ष्य छिपाने का मामला दर्ज किया था। इस घटना को अंजाम देकर बेफिक्री से अपने घर पर रह रहे मुन्ना मियां को पुलिस ने 02 नवम्बर की रात गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके निशानदेही पर घटनास्थल के पास स्थित कलवर्ट के पास से जमीन में गाड़ कर रखे हुए लोहे का चापट (चॉपर) बरामद कर लिया है। पुलिस ने उसका वीवो मोबाईल फोन भी जप्त कर लिया है। 62 दिनों के अंदर इस ब्लाईण्ड केश का उदभेदन करने के बावजूद पुलिस ने अपने इस सफलता पर कोई प्रेस कान्फरेंस नहीं किया बल्कि 03 नवम्बर की शाम उसे चुपचाप अदालत में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया। पुलिस के मुताबिक मृतका और अभियुक्त दोनों शादीशुदा और बाल बच्चेदार हैं। समेली देवी उर्फ पूजा कुमारी मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रानीगंज की रहनेवाली थी। उसकी शादी हंसडीहा थाना क्षेत्र के नोनीहाट के चंपातरी गांव के समर चालक से हुई थी जिससे उसे एक बेटा है। वहीं मुन्ना मियां की पत्नी पकीजा बीबी से चार बच्चे हैं। इस हत्याकांड में शामिल भाई सुलेमान मियां फरार बताया जा रहा है।
दूसरी पत्नी के रूप में रखा था पूजा को
दुमका। तालझारी थाने की पुलिस ने 31 अगस्त की सुबह पहाड़पुर जंगल से एक महिला का अधजला शव बरामद किया था पर उसकी शिनाख्त नहीं हो पायी। अनुसंधान के क्रम में पुलिस को पता चला कि महिला की दोस्ती सकटिया गांव में 30 वर्षीय मुन्ना मियां के साथ थी। पुलिस ने मुन्ना मियां के मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसे 02 नवंबर की रात धर दबोचा। पुलिस ने जब उपलब्ध साक्ष्यों को दिखाते हुए उससे कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया। उसने स्वीकार किया कि वह समेली देवी उर्फ पूजा कुमारी से प्यार करता था। वह उसे दूसरी पत्नी के तरह बैंगलोर में अपने साथ रखे हुए था। एक दिन उसने समेली देवी उर्फ पूजा कुमारी को गैर मर्द के साथ शारिक संबंध बनाते देखा तो उससे झगड़ा कर वापस सहारा आ गया। यहां आने के बाद वह इतना टेंशन में था कि उसने समेली देवी उर्फ पूजा कुमारी की हत्या करने का इरादा कर लिया। भाई सुलेमान मियां और पिता जुमरति मियां के साथ मिलकर उसने समेली देवी की हत्या की योजना बनायी और अंतत भाई के साथ मिलकर उसकी हत्या कर पैट्रोल डाल कर उसे जला दिया।
गैर मर्द के साथ हमबिस्तर देखकर आया गुस्सा
दुमका। पुलिस को दिये अपने स्वीकारोक्ति बयान में चौथी क्लास तक पढ़े मुन्ना मियां ने बताया है कि वह सहारा के चित्रानंद साह का ऑटो 250 रुपये प्रतिदिन के मजदूरी पर चलाता था। चित्रानंद साह के घर में एक महिला अपने बच्चे के साथ रहती थी और साफ सफाई का काम करती थी। एक दिन उसके बच्चे की तबीयत खराब हो गयी तो चित्रानंद साह ने कहा कि जोगिया मोड़ ले जाकर उसका इलाज करवा दें। ले जाने के क्रम में महिला ने अपना नाम पूजा कुमारी उर्फ समेली देवी और ससुराल नोनीहाट के चंपातरी बताया। उसने पूजा कुमारी का मोबाइल नंबर ले लिया और उससे बात करने लगा। दोनों के बीच प्रेम संबंध हो गया। कुछ दिनों बाद उसके घर रानीगंज (पश्चिम बंगाल) में उसे व बच्चे को लेने उसके ससुराल वाले आये पर वह उनके साथ नहीं गयी। ससुराल वालों से झगड़ा कर वह हावड़ा चली गयी। वहां से फोन कर उसने मुन्ना मियां को कहा कि उसके पास पैसे नहीं है। मुन्ना मियां हावड़ा पहुंचा और पूजा कुमारी को लेकर गुजरात चले गये। कुछ दिनों बाद वह अकेले वापस लौट गया। एक दिन पूजा ने फोन कर उसे बताया कि वह गुजरात से बैंगलोर चली गयची है। वह भी बैंगलोर पूजा कुमारी के पास चला गया। दोनों वहां काम करने लगे। बीच-बीच में दोनों गांव जाते और 8-10 दिन रहकर लौट जाते थे। बैंगलोर में उसे पता चला कि समेली का कई लोगों से संबंध है। एक दिन उसने समेली को अन्य पुरूष के साथ शारीरकि संबंध बनाते हुए देख लिया जिससे उसे काफी गुस्सा आया। वह समेली से झगड़ा कर वापस सहारा आ गया।
आधार कार्ड बनवाने के नाम पर बुलाया था देवघर
दुमका। मुन्ना मियां ने आधार कार्ड बनवाने के नाम पर पूजा कुमारी को देवघर बुलाया। 27/28 अगस्त को वह अपने बेटे करण कुमार के साथ देवघर आ गयी। उसने देवघर कालेज के पास अजीत महथा के भाड़े के मकान में दोनों को रख दिया। 29 अगस्त को वह देवघर गया और रात में उसके साथ रहा। 30 अगस्त की सुबह वह सहारा आया और भाई सुलेमान मियां के साथ पूरी योजना बनाकर खरीदे गये लोहे के चापट एवं माचिस को घटनास्थल के पास झांड़ियों में छिपाकर रख दिया। बाइक से वह देवघर गया और आधार कार्ड बनवाने के नाम पर पूजा को लेकर शाम 4 बजे देवघर से दुमका चला। आधार वाले को फोन करने के नाम पर वह उसे इधर-उधर घुमाते रहा। फिर बोला कि आधार कार्ड बनाने वाला आफिस चला गया है। देरी होगी। पूजा को लेकर आधार कार्ड बनाने वाले का घर ले जाने का बहाना बनाकर उसे बाइक से पहाड़पुर के पहाड़ी के तरफ ले गया।
पहले गला रेता फिर पैट्रोल छिड़क जलाया
दुमका। 30 अगस्त की रात मुन्ना मियां ने अपने भाई सुलेमान मियां को फोन कर पहाड़ी के पास बुला लिया। भाई ने मौका देखकर चुपचाप झांड़ियों से चापट निकाल कर मुन्ना मियां के हाथ में दे दिया। भाई सुलेमान ने पूजा को पीछे से कसकर पकड़ लिया और उसका मुंह दबा दिया। मुन्ना मियां चापट से पूजा के गले पर वार करने लगा। पूजा को मरा समझकर बाइक में लादकर उसे कुछ दूर ले जाकर सड़क किनारे झांड़ी में फेंक दिया। खून लगा अपना गंजी निकाल कर पूजा के शरीर पर डाल दिया। बाइक से पैट्रोल निकाल कर पूजा के शरीर में चारों ओर छिड़क दिया और माचिस मार दिया ताकि कोई साक्ष्य नहीं रह जाये। भाई को वहीं छोड़ कर वह चापट लेकर कुछ दूरी पर स्थित कलवर्ट में गया और पानी में चापट को अच्छी तरह से धोकर उसे साफ कर वहीं मिट्टी में गाड़ दिया। इसके बाद वह देवघर के मोहनपुर चला गया।
पुलिस की हर गतिविधि पर नजर रखे था मुन्ना मियां
दुमका। हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद मुन्ना मियां पुलिस की हर गतिविधि पर नजर रखे हुआ था। देवघर से 31 अगस्त की सुबह वह सहारा आया तो उसे पता चला कि पुलिस शव को उठा कर ले गयी है। शव की पहचान नहीं हो पायी है। दूसरे दिन देवघर गया और पूजा के बच्चे को अपने साढ़ु के घर देवघर के दुगार्पुर में रख दिया। एक सप्ताह बाद वह करण कुमार को जशवंतपुर का टिकट कटवा कर उसे जसीडीह से ट्रेन से भेज दिया। इसके बाद भी वह लगातार पुलिस के गतिविधियों पर नजर रखे हुए था। जब वह आश्वस्त हो गया कि घटना खत्म हो गया है तो अपने घर में आराम से रहने लगा। 02 नवम्बर की रात पुलिस उसके घर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर तालझारी थाना ले गयी।