नाला/संवाददाता। रविवार अपराह्न करीब 04 बजे वन क्षेत्र पदाधिकारी रामचंद्र पासवान के निर्देश पर वनरक्षी जाफर मियां के नेतृत्व में वन विभाग की रेस्क्यू टीम की ओर से पिछले दिन फुटबेड़िया पंचायत अंतर्गत बादुरमारा गांव से पेड़ से गिर कर घायल लंगूर का रेस्क्यू किया गया था। आज रविवार को रेस्क्यू टीम की मौजूदगी में चिकित्सकों ने समुचित इलाज के बाद सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ गया। मालूम हो कि पिछले दिन रेस्क्यू टीम ने घायल लंगूर को नाला प्रखंड मुख्यालय स्थित चतुर्थ वर्गीय पशु चिकित्सालय नाला में इलाज कराया था। घायल लंगूर को पशु चिकित्सालय के चिकित्सकों के ऑब्जर्वेशन में रखा गया था। वहीं समुचित इलाज के बाद घायल लंगूर स्वस्थ हो गया और वन कर्मियों ने उसे आज सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ा। इस अवसर पर वनरक्षी जफर मियां, राजकुमार दास,लाइट हेम्ब्रम, संजीव माजी, रामकृष्ण बाउरी, हेमंत सोरेन, उत्पल वाद्यकर, विभीषण मुर्मू, छीमंत घोष सहित अन्य कर्मी मौजूद थे।
श्मशान काली मंदिर में वार्षिक पूजनोत्सव का हुआ आयोजन
नाला/संवाददाता। नाला-गोपालपुर स्थित अगहनी 12 फुट श्मशान काली मंदिर में वार्षिक पूजनोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परंपरागत पुरोहित जितेन चक्रवर्ती, सशधर भट्टाचार्य के सानिध्य में देर रात को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन यज्ञ,आरती तथा विभिन्न वैदिक कर्मकांड संपन्न किए गए। मालूम हो कि इस अवसर पर दूर-दराज से काफी संख्या में श्रद्धालु तथा उपासक माता काली की पूजा अर्चना में शामिल हुए और महाप्रसाद भी ग्रहण किए। मालूम हो कि यह काली पूजा इस क्षेत्र का एकमात्र धार्मिक प्रतिष्ठान है जो इस क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस 12 फुट काली मंदिर में दूर-दराज से श्रद्धालु विभिन्न मन्नतों को लेकर माता की शरण में आते हैं। प्राचीनकाल से इस श्मशान काली मां के दैविक शक्ति के ऊपर लोगों की आस्था है। लोग विभिन्न समस्याओं के निराकरण को लेकर माता के दरबार में माथा टेकते हैं। विभिन्न मन्नतें करते हैं। साथ ही मन्नत पूरा होने के बाद यहां फल-फूल तथा बकरे की बलि भी चढ़ाते हैं। देर रात 12 बजे के बाद अमावस्या तिथि पर मां काली की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की गई। देर रात को पूजा-अर्चना के बाद भंडारा का भी आयोजन किया गया। जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और श्रद्धा पूर्वक प्रसाद ग्रहण किए। इस अवसर पर संतोष चक्रवर्ती, मनोज सिंह, निर्मल साधु, अजय मित्र सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद थे।
श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक ने किया सुदामा चरित्र का वर्णन
-कृष्ण-सुदामा दोस्ती के इसी नेक इरादे की लोग आज भी देते हैं मिसाल
बिंदापाथर/संवाददाता। बिंदापाथर थाना मुख्यालय स्थित भारत माता मेला परिसर नर-नारायण सेवा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का विश्राम हुआ। इस धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होने से संपूर्ण क्षेत्र में सप्ताह भर भक्ति और उत्साह का वातावरण बना रहा। कार्यक्रम के अंतिम दिन कथा वाचक धर्मप्राण मुकुंद दास अधिकारी ने श्रीमद्भागवत कथामृत के अंतर्गत भगवान श्रीकृष्ण के परम मित्र सुदामा चरित्र का मधुर वर्णन किया। इस मार्मिक प्रसंग में कथावाचक ने कहा कि सुदामा भगवान श्री कृष्ण के परम मित्र तथा भक्त थे। वे समस्त वेद-पुराणों के ज्ञाता और विद्वान ब्राह्मण थे। भगवान कृष्ण के सहपाठी रहे सुदामा एक बहुत ही गरीब ब्राह्मण परिवार से थे। उनके सामने हालात ऐसे थे, बच्चों के पेट भरना भी मुश्किल हो गया था। गरीबी से तंग आकर एक दिन सुदामा की पत्नी ने उनसे कहा कि वे खुद भूखे रह सकते हैं, लेकिन बच्चों को भूखा नहीं देख सकते। ऐसे कहते-कहते उनकी आंखों में आंसू आ गए। ऐसा देखकर सुदामा बहुत दु:खी हुए और पत्नी से इसका उपाय पूछा। इस पर सुदामा की पत्नी ने कहा आप बताते रहते हैं कि द्वारका के राजा कृष्ण आपके मित्र हैं। द्वारका के राजा के आपके मित्र हैं तो क्यों एक बार क्यों नहीं उनके पास चले जाते। सुदामा जब द्वारका पहुंचे भगवान कृष्ण नंगे पांव सुदामा को लेने के लिए दौड़ पड़े। वहां मौजूद लोग हैरान रह गए कि एक राजा और एक गरीब साधू में कैसी दोस्ती हो सकती है। भगवान कृष्ण सुदामा को अपने महल में ले गए और पाठशाला के दिनों की यादें ताजा कीं। कृष्ण ने सुदामा से पूछा कि भाभी ने उनके लिए क्या भेजा है। इस बात पर सुदामा संकोच में पड़ गए और चावल की पोटली छुपाने लगे। ऐसा देखकर कृष्ण ने उनसे चावल की पोटली छीन ली। भगवान कृष्ण सूखे चावल ही खाने लगे। सुदामा की गरीबी देखकर उनके आखों में आंसू आ गए। सुदामा कुछ दिन द्वारिकापुरी में रहे लेकिन संकोचवश कुछ मांग नहीं सके। विदा करते वक्त कृष्ण उन्हें कुछ दूर तक छोड़ने आए और उनसे गले लगे। सुदामा जब अपने घर लौटने लगे तो सोचने लगे कि पत्नी पूछेगी कि क्या लाए हो तो वह क्या जवाब देंगे। सुदामा घर पहुंचे तो वहां उन्हें अपनी झोपड़ी नजर ही नहीं आई। वह अपनी झोपड़ी ढूंढ़ रहे थे तभी एक सुंदर घर से उनकी पत्नी बाहर आईं। उन्होंने सुंदर कपड़े पहने थे। सुशीला ने सुदामा से कहा देखा कृष्ण का प्रताप, हमारी गरीबी दूर कर कृष्ण ने हमारे सारे दु:ख हर लिए। सुदामा को कृष्ण का प्रेम याद आया। उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। दोस्तों, कृष्ण और सुदामा का प्रेम यानी सच्ची मित्रता यही थी। कहा जाता है कि कृष्ण ने सुदामा को अपने से भी ज्यादा धनवान बना दिया था। दोस्ती के इसी नेक इरादे की लोग आज भी मिसाल देते हैं।
मारपीट करने के मामले में आरोपी को भेजा जेल
फतेहपुर/संवाददाता। फतेहपुर थाना में ललिता टुडू (41), पति भीम हेम्ब्रम मंझलाडीह गांव के रहने वाले महिला ने आरोपी संतोष मंडल पर गंभीर आरोप लगाया। दर्ज आवेदन में खिजुरिया गांव के स्थायी निवासी के ऊपर पीड़ित महिला ने आवेदन में लिखा है कि गाली-ग्लौज, मारपीट एवं छेड़खानी करते हुए स्त्री लज्जा भंग करना तथा जाति सूचक शब्द बोलकर अपमानित करने की बात कही है। महिला ने फतेहपुर थाना में आवेदन देकर मामला दर्ज कराया है। वहीं पुलिस ने महिला के आवेदन पर कांड संख्या 37/24 दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। थाना प्रभारी रंजीत कुमार गुप्ता के नेतृत्व में गुप्त सूचना के आधार पर मुरीडीह गांव से छापामारी करके आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
घटवाल-घटवार आदिवासी महासभा की हुई बैठक
नारायणपुर/संवाददाता। नारायणपुर प्रखंड के लटकाहीर, गाड़ापाथय गांव में रविवार को घटवाल-घटवार आदिवासी महासभा संघ प्रखंड इकाई की बैठक हुई। अध्यक्षता संघ के जिला अध्यक्ष दुबराज राय ने की। बैठक में संघ की ओर से विभिन्न बिन्दुओं पर विचार-विमर्श कर चर्चा की। इसके पश्चात बैठक में संघ के जिला अध्यक्ष दुबराज राय ने बताया हमलोग घटवाल-घटवार एक ही जाति के हैं। परन्तु प्रशासनिक दिग्भ्रमितता के कारण खतियान में हमलोग का घटवार की जगह घटवाल उल्लेख कर दिया गया है। जिसके कारण हमलोगों को आज खतियान के आधार पर जाति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो पा रहा है। जबकि इसी खतियान के आधार पर हमलोगों को पूर्व में जाति प्रमाण पत्र निर्गत हो रहा था। फरवरी 2024 के बाद से अंचल कार्यालय से हमलोगों को जाति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जा रहा है। जिससे हमलोगों को परेशानी हो रही है। हमलोगों का जाति प्रमाण पत्र इनदिनों नहीं बनने के कारण हमलोगों को शैक्षणिक एवं अन्य प्रशासनिक क्षेत्र में कार्य नहीं हो पा रहा है। जाति प्रमाण पत्र नहीं रहने के कारण हमलोगों को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इसे गंभीरता पूर्वक लेकर हमलोगों को अगर जल्द जाति प्रमाण पत्र निर्गत कराने की मांग किया। बैठक में लैम्पस में धान की बिक्री करने तथा समाज को शिक्षा के क्षेत्र में उपर उठाने को लेकर बच्चों को शिक्षित करने समेत कई अन्य बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया गया। मौके पर संघ के प्रखंड अध्यक्ष जागेश्वर सिंह, भवानी राय, हरि प्रसाद राय प्रेम राय आदि मौजूद थे।
मेला देखने गये व्यक्ति के साथ मारपीट
नारायणपुर/संवाददाता। नारायणपुर थाना क्षेत्र के सोनबाद मेला में हुई मारपीट की घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया। घटना रविवार अहले सुबह करीब 03 बजे की बताई जा रही है। घटना के बाद घायल व्यक्ति का इलाज रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणपुर में किया गया। जहां इलाज के दौरान घटना के संबंध में जानकारी देते हुए नारायणपुर थाना क्षेत्र के चंपापुर पंचायत अंतर्गत पड़ने वाले करमोई निवासी बीरालाल हांसदा (51) ने बताया कि वह शनिवार रात को थाना क्षेत्र के सोनबाद गांव में आयोजित काली पूजा का मेला देखने गया था। इसी दौरान उनका चचेरा साला का पुत्र ने ससुराल में पूर्व से चल रहे जमीन विवाद को लेकर उनके साथ मारपीट किया। जिससे इस मारपीट की घटना में घायल होकर घटना स्थल पर बेहोश होकर गिर गया। घटना के बाद मुझे मेरे परिवार वालों ने इलाज कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणपुर में लाकर भर्ती करवा दिया। जहां पर अपना इलाज कराने के बाद मारपीट की घटना की सूचना नारायणपुर थाना को दे दिए हैं।
प्रखंड में बनाये गये हैं 250 पोलियो बूथ और 13 सब डिपो
नारायणपुर/संवाददाता। आगामी 08 दिसंबर से चलने वाले तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की सफलता को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नारायणपुर में आवश्यक तैयारियां जोर-शोर से पूर्ण की जा रही है। इस बात की जानकारी रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नारायणपुर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. केदार महतो ने दी। उन्होंने बताया कि पल्स पोलियो अभियान की सफलता को लेकर नारायणपुर प्रखंड में 250 पोलियो बूथ एवं 13 सबडिपो बनाया गया है। जिसमें 52 सुपरवाइजर एवं 499 वैक्सीनेटर को नियुक्त कर 0 से 5 वर्ष तक के 41 हजार, 551 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। डां केदार महतो ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने को लेकर सुपरवाइजर एवं वैक्सीनेटर को प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अभियान को लेकर आइस पैक, वैक्सीन बॉक्स आदि की भी साफ-सफाई कर दुरूस्त किया गया है ताकि अगामी 08 दिसंबर को प्रखंड क्षेत्र में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिला कर इस अभियान की शुरूआत की।
झामुमो विधायक की जीत पर निकाला गया विजय जुलूस
करमाटांड़/संवाददाता। सारठ विधानसभा से ऐतिहासिक जीत पर निकाला गया विजय जुलूस। रविवार को सारठ विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह के नेतृत्व में विजय जुलूस करमाटांड़ के दर्जनों गांवों तक निकाला गया। सैकड़ों समर्थक विजय जुलूस में शामिल हुए। विजय जुलूस पट्टाजोरिया मोड़ से कजरा मोड़, ताराबहाल मोड़, नावाडीह मोड़, शीतलपुर मोड़, अलगचुवां मोड़, सतुवाटांड़ मोड़, हीरापुर मिशन मोड़ होते हुए करमाटांड़ सुभाष चौक, अंबेडकर चौक, रेलवे फाटक हुए गणपत महतो चौक, करमाटांड़ बस्ती करमाटांड़ होते हुए कालाझरिया तक विजय जुलूस निकाला गाया। हर चौक-चौराहे पर विधायक का फूल माला, बुके, शॉल ओढ़ा कर स्वागत किया गया। लोग डीजे, गाजे-बाजे के साथ नाचते दिखे। मिठाईयां बांटी गई। आतिशबाजियां भी की गई। मौके पर शिवनारायण मंडल, रामरतन मंडल, जिला परिषद सदस्य सुरेंद्र मंडल, बिट्टू मंडल, मुबारक अंसारी आदि उपस्थित थे।
नौ दिवसीय मारुति नंदन रुद्र महायज्ञ का होगा आयोजन
जामताड़ा/संवाददाता। जामताड़ा जिला के नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत दक्षिणीडीह में नौ दिवसीय श्री-श्री 1008 मारुति नंदन रुद्र महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यज्ञ की सफलता को लेकर गांव के राम-जानकी, हनुमंत मंदिर में बैठक हई। जिसमें निर्णय लिया गया कि बनारस से प्रसिद्ध कथावाचिका शालिनी त्रिपाठी प्रतिदिन शाम चार बजे से रात आठ बजे तक रामचरितमानस की कथा सुनाएगी। उसके बाद रसलीला का प्रतिदिन आयोजन होगा जो मथुरा से पधार रहे हैं। वहीं पंडाल, मेला एवं आर्थिक सहयोग राशि जमा करने पर विचार-विमर्श किया गया। वहीं कमेटी के सदस्यों ने बताया कि 02 मार्च को भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी। जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। आगे बताया कि तीन मार्च से 11 मार्च, 2025 तक यज्ञ का आयोजन होगा। जिसमें एक दिन काशी सुमेरु मठ के शंकराचार्य भी यज्ञ में पधारेंगे। मौके पर हरिहर प्रसाद सिंह, सच्चिदानंद सिंह, जय किशोर सिंह, रामदेव सिंह, पिंटू सिंह, प्रफुल्ल राय, मुरली सिंह, संदीप सिंह, चंदन सिंह, कुंदन किशोर, गोखिल तुरी, गणेश रजवार, राजकुमार रजवार, विशु पंडित, हरखू पंडित आदि उपस्थित थे।