-संघ नौ सूत्री मांगों को लेकर 22 जुलाई, 2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल
पर कायम
गोड्डा। संवाददाता झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ, समाहरणालय संवर्ग के प्रदेश संयुक्त सचिव मोजाहिदुल इस्लाम ने कहा कि संघ अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर विगत 22 जुलाई, 2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। हड़ताल का 27 वें दिन भी सरकार की तरफ से वार्ता के लिए कोई पहल नहीं की है जो स्पष्ट करता है कि सरकार को कर्मचारियों की समस्याओं की कोई चिंता नहीं है। वहीं समाहरणालय, अनुमंडल, भूमि सुधार, प्रखंड एवं अंचल कार्यालय के कर्मी के हड़ताल में जाने से आम जनता का कार्य प्रभावित है। आम जनता की समस्या के प्रति भी सरकार संवेदनशील नहीं दिख रही है। सरकार की ओर से अब तक कर्मचारियों की मांगों को समझने का भी पहल नहीं किया गया है, जो विभाग के उच्च पदाधिकारियों की कार्य शैली को उजागर करता है। विभागीय प्रधान न तो कर्मचारियों की समस्या सुन रहे हैं और न ही आम जनता की कठिनाई को समझ पा रहे हैं। ऐसे में कर्मचारियों के बीच सरकार के प्रति निराशा है। उन्होंने कहा कि संघ की मांगों पर विचार करने और हड़ताल को जल्द समाप्त कराने के लिए राज्य के छह मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष सहित करीब तीन दर्जन विधायकों ने अनुशंसा पत्र सरकार को प्रेषित किया है। बावजूद इसके सरकार की ओर से अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। हड़ताल में गए कर्मचारी तृतीय वर्ग के कर्मी हैं जो मूलत: झारखंड के आदिवासी एवं मूलवासी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें 12 वर्ष पुरानी है और 2014 के फरवरी महीने में हुए हड़ताल में समझौते के अनुरूप मांगों पर विचार करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा जिस पर तत्कालीन सरकार का अनुमोदन प्राप्त है, सितंबर 2014 में ही विभाग को सौंपा गया है। पिछले 10 वर्षों में उक्त अनुशंसा को लागू नहीं किया गया। पिछले दो वर्षों से अपनी मांगों को लेकर सरकार से पत्राचार किया जा रहा है। काला बिल्ला, धरना, केंडल मार्च आदि किया जा रहा है फिर भी सरकार की ओर से उनकी मांगों पर संज्ञान नहीं लिया गया। विवश होकर कर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी धैर्य की परीक्षा ले रही है। संघ भी परीक्षा देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि 98-99 में 116 दिनों तक हड़ताल में रहे थे। जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करेगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगा।
पीड़ित परिवार को झामुमो ने प्रदान की आर्थिक सहायता
पोड़ैयाहाट। संवाददाता पोड़ैयाहाट प्रखंड के सलगाटांड़ के गोपी सिंह की पत्नी और तीन बेटी की असामयिक निधन से गांव शोकाकुल है। एक सप्ताह के अंतराल में हुई घटना को लेकर शनिवार को जेएमएम प्रखंड अध्यक्ष अवध किशोर हांसदा के नेतृत्व में झामुमो की टीम पीड़ित परिवार से मिल आर्थिक सहायता प्रदान की। टीम में पूर्व केंद्रीय सचिव प्रो. प्रेमनन्दन कुमार, केंद्रीय समिति सदस्य पुष्पेंद्र टुडू, राजेंद्र दास, प्रखंड सचिव श्याम हेंब्रम, युवा मोर्चा प्रखंड अध्यक्ष राजेश हांसदा, सचिव जगदीश हेम्ब्रम, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष आमिल अंसारी, जीवन अंसारी, कारूड़ीह पंचायत की मुखिया, सलगा मौजा के प्रधान जनार्दन सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे। उपस्थित ग्रामीणों ने घटना की पूर्ण जानकारी दी। लोगों ने बताया कि गोपी सिंह स्वयं बीमार रहते हैं। वे भूमिहीन भी हैं। उनके पास जीविका का कोई साधन भी नहीं है। प्रेमनंदन कुमार ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया और अपने तरफ से चावल, दाल, आलू, सभी को कपड़ा, धोती, कुर्ता, साड़ी, पेंट, शर्ट आदि देकर मदद किया।
चोरी के सामानों की बरामदगी
गोड्डा। संवाददाता बीते 04 अगस्त को पवन कुमार मंडल, पिता स्व. राजधनी प्रसाद मंडल साकिन तिलकनगर फसिया डंगाल, नगर थाना-गोड्डा के घर में चोरी हुई थी। सोने की चेन और मोबाइल की चोरी हुई थी। वादी के लिखित आवेदन के आधार पर चोर के विरुद्ध घर में घुसकर सामान चोरी करने के आरोप में गोड्डा नगर थाना कांड सं. 184/24 के तहत केस दर्ज कर लिया गया। अनुसंधान के क्रम में सोनुआ ओर हसन जो फसिया डंगाल के रहने वाले हैं को घटना के दिन घटना स्थल के आसपास देखा गया था। जिसके आधार पर सोनुआ को पकड़ कर पुलिस ने पूछताछ की। उनके निशानदेही के आधार पर चोरी के सामानों की बरामदगी कर ली गई है।
देश के सभी नागरिकों को न्याय पाने का अधिकार : सचिव
-मंडल कारा परिसर में जेल अदालत का आयोजन
-बंदी को भी सामान्य लोगों की तरह मौलिक अधिकार प्राप्त
गोड्डा। संवाददाता नालसा के निर्देश के आलोक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मंडल कारा परिसर में स्वतंत्रता दिवस पर जेल अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान बंदियों को कानून का पाठ पढ़ाया गया। मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि बंदी को भी सामान्य लोगों की तरह मौलिक अधिकार प्राप्त है। सभी को न्याय प्राप्त करने का अधिकार है। आर्थिक अभाव के कारण यदि कोई भी बंदी अपने केस की पैरवी नहीं कर पाते हैं तो वे जेल प्रशासन के माध्यम से संबंधित कोर्ट के समक्ष आवेदन देंं। उन्हें विधिक सहायता मुहैया कराया जाएगा। बचाव पक्ष के पैरवी के लिए प्राधिकरण की ओर से एलएडीसी का गठन किया गया है। ये समय-समय पर बंदियों के मामले से संबंधित जानकारी बंदियों को अवगत कराते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जेल में बंद किशोरों की खोज कर उसे बाल संरक्षण गृह में भेजा जाएगा। अगर कोई किशोर को जेल भेजा जाता है तो इसकी सूचना तुरंत डालसा को देने का निर्देश दिया ताकि इस संबंध में निर्णय लिया जा सके। जेल अधीक्षक विनय कुमार मिश्रा ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बंदियों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाती है जो केस की पैरवी करने में अक्षम हैं, वे एक आवेदन दें ताकि आपके केस की पैरवी हो सके और आपको उचित न्याय मिल सके। संचालन एलएडीसी रीतेश कुमार सिंह ने किया। मौके एलएडीसी के संजय कुमार सहाय, अजीत कुमार, अंजन कुमार घोष, राहुल कुमार, लीली कुमारी, पीएलवी नवीन कुमार, प्रभारी जेलर प्रियरंजन कुमार आदि उपस्थित थे। इसके पूर्व मंडल कारा का निरीक्षण किया गया और बंदियों की समस्याओं को सुना गया।
जल जमाव के कारण सड़कों पर सफर करना लोगों के लिए बना परेशानी का सबब
हनवारा। संवाददाता महागामा के हनवारा में हल्की बारिश से जगह-जगह जल जमाव के कारण सड़कों पर सफर करना लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। महागामा प्रखंड क्षेत्र के हनवारा-संहौला मुख्य सड़क पर नरैनी के पास हनवारा नारायणपुर के पास हल्की बारिश के बाद सड़क पर जल जमाव हो जाता है। पूरी तरह से जर्जर हो चुकी सड़क से गुजरने के लिए वाहन चालकों को सोचना पड़ता है। दुर्भाग्य की बात यह है कि हनवारा बीच सड़क पर जल जमाव की इस समस्या से निजात दिलाने को लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासन का ध्यान कई बार स्थानीय लोगों की ओर से आकृष्ट कराया गया, लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं है। स्थानीय लोगों ने बताया कि हनवारा नरैनी एवं नारायणपुर मुख्य सड़क बिहार-झारखंड को जोड़ने वाली सड़क निकलती है। जर्जर सड़क होने से बीच सड़कों पर जल जमाव की स्थिति बनी रहती है। जिस कारण सड़क की स्थिति भी जर्जर है। बारिश के दौरान जल निकासी नहीं होने से हनवारा की मुख्य सड़कों पर जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जल जमाव का मुख्य कारण जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। मुख्य सड़क गंदा पानी से जलमग्न हो जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नेता लोग चुनाव आते ही बड़े-बड़े वादे करते हैं किए गए विकास कार्यों को गिनाते हैं। लेकिन यह मुख्य सड़क विकास कार्य के किये वादे की पोल खोल रही है।