- सात नए रेलवे हॉल्ट का होगा निर्माण
- जसीडीह जंक्शन का 600 करोड़ रुपए में होगा कायाकल्प
देवघर/वरीय संवाददाता। झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ और और सरकार गठन के बाद से ही राज्य के मधुपुर और जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र में मंदिरों और हिन्दुओं पर बढ़ रहे हमले पर हेमंत सरकार को निशाने पर लिया। श्री दुबे ने साफ लफ्जों में कहा है कि, राज्य में एनआरसी हर हाल में लागू होगा और बांग्लादेशी मुसलमानों की जांच 1932 के खतियान से जोड़ कर कराई जाएगी। श्री दूबे रविवार को अपने देवघर आवास शिवधाम में कहा कि पिछले दिनों में बसकूपी, मदनकट्टा, मार्गोमुंडा और भगैया में जो भी घटनाक्रम हुआ है उसे स्पष्ट लगता है की यहां पर ऐसे मुसलमान हैं जिसे भारत की सभ्यता संस्कृति से कुछ लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा बांग्लादेशी घुसपैठ के बढ़ने और आदिवासी समाज के घटने पर चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि बजरंगबली मंदिर जो घटनाक्रम हुआ यह सब बांग्लादेशी मानसिकता को दर्शाता है जो कि संताल परगना में देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दा को वे सड़क से लेकर सदन तक ले जाने का कार्य करेंगे। सांसद ने कहा कि विकास अनवरत चलने वाला कार्य है। 65 किलोमीटर देवघर बाईपास रिंग रोड जिसकी लागत 1500 करोड़ होगी उसका कार्य शीघ्र ही शुरू होगा। पूर्व से देवघर एयरपोर्ट से तपोवन होते हुए बासुकीनाथ जाने वाले 7 किलोमीटर पथ पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि बैद्यनाथधाम स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस परिचालन होना है इसके लिए 17 करोड़ रुपए से रेलवे स्टेशन का डेवलपमेंट एवं रेलवे फाटक को बंद कर अंडरग्राउंड रोड निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि महेशमारा, सरैयाहाट के सर्वाधाम, हंसडीहा के बरहेत, गोड्डा के भट्टडा में रेलवे हॉल्ट बनाया जाएगा जिसका टेंडर निकल चुका है। दो और रेलवे हॉल्ट की स्वीकृति मिल चुकी है। जसीडीह रेलवे स्टेशन के कायाकल्प के लिए 600 करोड रुपए का डीपीआर बन चुका है जिसका काम आगामी वर्ष में शुरू हो जाएगा।
बंगाल ने झारखंड को आलू की आपूर्ति पर लगाई रोक, – सीएम हेमंत ने मामला सुलझाने का दिया निर्देश
देवघर/वरीय संवाददाता। पश्चिम बंगाल की सरकार ने दूसरे राज्यों में आलू की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। इसका सबसे अधिक असर झारखंड के बाजारों पर पड़ा है।
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले से लगती बंगाल की सीमा पर स्थित डिबूडीह चेकपोस्ट पर पिछले पांच दिनों के अंदर 200 से भी अधिक आलू लदे ट्रकों को रोका गया। झारखंड में आलू की फसल फिलहाल तैयार नहीं हुई है। जुलाई से लेकर दिसंबर तक यहां के बाजारों में बंगाल से बड़े पैमाने पर आलू की आवक होती है।। यहां आलू की कीमतों में पांच से 10 रुपये तक का इजाफा हुआ है। व्यापारिक संगठनों की गुहार पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को राज्य सरकार के अफसरों को निर्देश दिया है कि वे आलू की आवक को लेकर पैदा हुए गतिरोध को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। पश्चिम बंगाल की सरकार ने यह रोक पांच दिन पहले लगाई है। इसके बाद बंगाल से आलू लेकर झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार सहित अन्य राज्य राज्यों के लिए निकले वाहनों को चेक पोस्ट पर रोक लिया गया। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले से लगती बंगाल की सीमा पर स्थित डिबूडीह चेकपोस्ट पर पिछले पांच दिनों के अंदर 200 से भी अधिक आलू लदे ट्रकों को रोका गया। कई ट्रक अब भी सीमा पर खड़े हैं, जबकि कई ट्रकों पर लदा आलू वापस कोल्ड स्टोरेज या पश्चिम बंगाल में होलसेलर्स के पास भेज दिया गया है। बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में आलू की कीमतों पर नियंत्रण के लिए वहां की सरकार ने दूसरे राज्यों की आपूर्ति पर रोक लगाने का निर्देश 27 नवंबर को जारी किया है। इधर, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने रविवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से इस मामले में फोन पर बात की। झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने बताया है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही एक कमेटी बनाकर आलू की आपूर्ति से जुड़े विषय पर निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि झारखंड और बंगाल दोनों राज्यों के बीच सब्जियों की फसल की बड़े पैमाने पर खरीद-बिक्री होती है। झारखंड में आलू की फसल फिलहाल तैयार नहीं हुई है। जुलाई से लेकर दिसंबर तक यहां के बाजारों में बंगाल से बड़े पैमाने पर आलू की आवक होती है। झारखंड से भी टमाटर, मटर और कई प्रकार की हरी सब्जियां बंगाल सहित दूसरे राज्यों में बड़े पैमाने पर भेजी जाती है।
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए जरूरी है जागरूकता और सावधानी : उपायुक्त
- ठगी के नए तरीके डिजिटल अरेस्ट का शिकार होते हैं तो बिना डरें इसकी सूचना नजदीक थाने या 1930 पर कॉल कर दर्ज कराए
- फेक ड्रग पार्सल स्कैम, मनी लॉन्ड्रिंग का डर बताकर ठगने का नया तरीका इजाद किया गया है
- किसी अनजान नंबर से इंटरनेट कॉल या वीडियो कॉल आता है तो सावधानी बरतें या ऐसे अनजान कॉल को इग्नोर करें
देवघर/वरीय संवाददाता। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी विशाल सागर ने डिजिटल अरेस्ट को लेकर जिलेवासियों को सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने बताया कि डिजिटल अरेस्ट एक साइबर फ्रॉड है, जिसमें धोखाधड़ी करने वाले लोग आपको अनजान नंबर से कॉल या वॉट्सएप करते हैं। कॉल पर ठग पुलिस, सीबीआई, ट्राई कर्मचारी, नारकोटिक्स, आरबीआई और कस्टम अधिकारी बनकर आत्मविश्वास से बात करते हैं। वॉट्सएप या स्काइप पर वीडियो कॉल करने को कहते हैं, जहां फर्जी अधिकारियों का एकदम असली सा सेटअप नजर आता है।
इसके अलावा ये फर्जी अधिकारी पीड़ित को इमोशनली और मेंटली टॉर्चर करते हैं। वे आपको बताते हैं कि आप क्रिमिनल हैं। या कहते हैं कि आपके आधार कार्ड/मोबाइल नंबर का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हो रहा है। सामने बैठा व्यक्ति पुलिस जैसी दिखने वाली वर्दी में होता है, ऐसे में ज्यादातर लोग डर जाते हैं और उनके जाल में फंसते चले जाते हैं। आसान भाषा में कहा जाए तो डिजिटल अरेस्ट में फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को डरा-धमकाकर रकम वसूली करना है। ऐसे में आवश्यक है कि जैसे हम असली दुनिया में खुद की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं, ठीक उसी तरह वर्चुअल वर्ल्ड (काल्पनिक दुनिया) में भी खुद को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी बरते। साथ ही ऐसा किसी तरह का कॉल आने पर इसकी सूचना तुरंत अपने नजदीकी थाने या 1930 डायल कर पुलिस को अवगत कराएं। वही डिजिटल अरेस्ट की पहचान करने और बचने के लिए सतर्कता जरूरी है। अगर आपके पास किसी अनजान नंबर से कोई फोन, वॉट्सएप कॉल या वीडियो कॉल आता है तो कॉल पर बात करते वक्त घबराए नही सावधानी बरतें या ऐसे अनजान कॉल को इग्नोर करें।
डिजिटल अरेस्ट की पहचान कैसे करें : डिजिटल अरेस्ट की पहचान करने और बचने के लिए सतर्कता जरूरी है। अगर आपके पास किसी अनजान नंबर से कोई फोन या वॉट्सएप कॉल आती है तो कॉल पर बात करते वक्त सावधानी बरतें।
कॉल के वक्त याद रखें : - पुलिस अधिकारी कभी खुद की पहचान बताने के लिए वीडियो कॉल नहीं करेंगे।
- किसी भी राज्य की पुलिस आपको कभी कोई भी एप डाउनलोड करने को नहीं कहेगी।
- पहचान पत्र, एफआईआर की कॉपी और अरेस्ट वारंट ऑनलाइन नहीं भेजा जाता है।
- पुलिस अधिकारी कभी भी वॉयस या वीडियो कॉल पर बयान दर्ज नहीं कराते हैं।
- पुलिस कभी कॉल पर निजी जानकारी पूछने के लिए डराती-धमकाती नहीं है।
- पुलिस कभी भी परिवार व आसपास वालों से बात करने से नहीं रोकती है।
- देश के कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है।
– यहां क्राइम करने पर असली वाली गिरफ्तारी होती है, असली जेल होती है।
10 लाख की ठगी करने वाले साइबर आरोपी की तलाश में देवघर पहुंची राजस्थान पुलिस
देवघर/संवाददाता। लाखों की ठगी मामले की जांच के लिए राजस्थान पुलिस की टीम देवघर कुंडा थाना पहुंची है। राजस्थान के डीडवाना कुचामन जिला के डीडवाना थाना के महेन्द्र कुमार व ताराचंद कुंडा थाना क्षेत्र निवासी मनोज कुमार की तलाश में यहां आए हैं। वहां के एक व्यक्ति ओमप्रकाश मोट के बैंक खाता से 10 लाख की अवैध निकासी कर ली गई थी। बताया जाता है कि इसी वर्ष 18 अगस्त को पीड़ित के मोबाइल पर एक मैसेज आया। उसमें दो बार में उनके पीएनबी बैंक खाता से पांच-पांच लाख करके कुल दस लाख की निकासी करने की बात कही गई थी। बैंक जाकर पता चला कि उसके बैंक खाता से पैसा की अवैध निकासी की गई है। इस आधार पर डीडवाना थाने में मामला दर्ज किया गया था। मामले की जांच के क्रम में कुंडा थाना क्षेत्र निवासी मनोज कुमार के बारे में पता चला। उसी सिलसिले में राजस्थान की पुलिस टीम युवक की तलाश में यहां आई है।
छात्रा से 10 हजार की साइबर ठगी
देवघर/संवाददाता। नगर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक छात्रा ने ऑनलाइन गिफ्ट आर्डर किया। गिफ्ट नहीं पहुंचा तो गूगल सर्च इंजन से कस्टमर केयर का नंबर निकालकर कॉल की तो उसे एक नंबर देकर बात करने कहा गया। उस पर जेनरल कॉल नहीं हुआ तो वाट्सअप कॉल की। उपरांत उसे झांसे में लेकर दो – तीन स्कैनर देकर जीएसटी व सीजीएसटी के नाम पर अलग-अलग एकाउंट में 10000 रुपए ट्रांसफर करा लिया। इसके बावजूद भी उससे पैसा मांगता रहा तो ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद वह शिकायत देने साइबर थाना पहुंची। साइबर पुलिस शिकायत लेकर छानबीन में जुट गयी है।
बेटा को रेप केस से बचाने का झांसा देकर मां से 30 हजार की साइबर ठगी
देवघर/संवाददाता। जिले के रिखिया थाना क्षेत्र के रामपुर इलाके के रहने वाली एक महिला से साइबर ठगों ने 30 हजार रुपए की ठगी कर लिया। महिला का बेटा बाहर में रहकर काम करता है। पीड़िता का नाम पुतुल देवी है। उसने साइबर थाना में आवेदन देकर शिकायत की है। कहा है कि उसके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से कॉल आया। कहा गया कि तुम्हारा बेटा रेप केस में फंस गया है। जल्दी से 1.50 लाख रुपए भेजो तभी छोड़ेगें। काफी मिन्नत करने पर उससे अंत में 60 हजार रुपए की मांग की गयी। उसने अपने खाता से बैंक जाकर उसे 30 हजार रुपए भेज दिया। उपरांत उसका फोन नहीं उठाने लगा। कुछ देर बाद जब बेटे से फोन पर बात हुुई तो उसने कहा कि वह ठीक है वह काम पर है। उपरांत उसे अपने साथ फ्रॉड होने का अहसास हुआ। इधर शिकायत लेकर साइबर थाना पुलिस छानबीन में जुट गयी है।
खाना बनाने के क्रम में महिला झुलसी
देवघर/संवाददाता। जिले के जसीडीह थाना इलाके के चांदपुर की रहने वाली एक महिला खाना बनाने के क्रम में झुलस गयी। आनन-फानन में परिजनों ने उसे इलाज के लिये सदर अस्पताल पहुंचाया। महिला का नाम निशु कुमारी है। परिजनों ने बताया कि वह सुबह चल्हे पर चावल चढ़ाई थी। चावल का पानी पसाने के के क्रम में बर्तन हाथ से फिसल गया। जिससे चावल का गर्म पानी उसके शरीर पर गिर गया। इस घटना में महिला के शरीर का कुछ भाग गंभीर रूप से जल गया। ऑन ड्युटी चिकित्सक के द्वारा इलाज कर उसे वार्ड में भर्ती कर दिया गया।
सड़क दुघर्टना में तीन घायल
देवघर/संवाददाता अलग- अलग स्थानों पर हुए सड़क हादसे में तीन लोग घायल हो गये। सभी को इलाज के लिये सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में परशुराम यादव जीत कुंडा, वरूण वर्मा देवीपुर और राहुल पोद्धार कुंडा का रहने वाला है।
पतंजिल परिवार के सभी विंग की हुई बैठक
देवघर/नगर संवाददाता। बम्पास टाउन स्थित सत्संग भवन में रविवार को पतंजलि परिवार के सभी विंग की जिला कार्यकारिणी की संयुक्त मासिक बैठक भारत स्वाभिमान के संरक्षक संजय मालवीय के मार्गदर्शन में हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अनुज कुमार त्यागी ने की। आगामी आठ दिसंबर को बोकारो जिला के चंद्रपुर डीवीसी फुटबॉल ग्राउंड में योग महासम्मेलन को लेकर बैठक होनी है। जिसमें देवघर से 200 भाइयों को चंद्रपुर योग महासम्मेलन में ले जाने का निर्णय हुआ। जिला अध्यक्ष श्री त्यागी ने बताया कि संपूर्ण झारखंड से इस योग महासम्मेलन में 10000 लोग शामिल होंगे। जिसमें मुख्य अतिथि पतंजलि योगपीठ के केंद्रीय प्रभारी राकेश मित्तल शामिल होंगे। इधर 22 दिसंबर रविवार को देवघर में वनभोज सह पतंजलि परिवार मिलन समारोह मनाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी संजीव सिंह, कोषाध्यक्ष श्रीप्रकाश चौधरी, युवा प्रभारी मनोज कुमार, मीडिया प्रभारी सुमित सौरव, शंभू कुमार बरनवाल, समीर कुमार, कुशेश्वर चौधरी, हरेंद्र कुमार, तरुण गुप्ता, गुड्डू बरनवाल, शंभू प्रसाद, सुनील कुमार, राकेश कुमार, अरुण प्रसाद, बिट्टू गुप्ता, उमाशंकर कुमार, रमेश यादव आदि शामिल थे।
बस स्टैंड के आसपास बढ़ती छिनतई की घटना पर धपरा समाज चिंतित
- समाज ने आपसी मंत्रणा कर ऐसे तत्वों को चिह्नित कर समाज से बाहर करने की पहल शुरू की
- समाज के प्रतिनिधिमंडल ने बस एसोसिएशन अध्यक्ष दिनेशानंद झा से मुलाकात कर मांगा प्रशासनिक हस्तक्षेप में सहयोग
देवघर/नगर संवाददाता। रविवार को धपरा समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने देवघर जिला बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेशानंद झा से रविवार को बस स्टैंड परिसर में मुलाकात कर छिनतई व चोरी की घटना को लेकर चिंता जताई। साथ ही समाज ने घटनाओं में संलिप्त धपरा समाज के भटके असामाजिक तत्वों को समाज से बहिष्कृत करने की पहल शुरू की और प्रशासनिक हस्तक्षेप में सहयोग मांगा। दरअसल हाल के दिनों में निजी बस स्टैंड, क्लब ग्राउंड, आरएल सराफ पथ, लक्ष्मी मार्केट, गणेश मार्केट, स्टेडियम गली के समीप छिनतई व चोरी की घटनाओं में संलिप्त धपरा समाज के भटके असामाजिक तत्वों के खिलाफ समाज में आवाज उठाई गई। समाज ने आपसी मंत्रणा कर ऐसे तत्वों को चिह्नित कर समाज से बाहर करने के पहल को शुरू किया। इस दिशा में प्रशासनिक सहयोग के लिए बस एसोसिएशन अध्यक्ष दिनेशानंद झा से मुलाकात किया और उनका सहयोग मांगा। श्री झा ने इस पहल को सराहनीय बताया और हरसंभव प्रशासनिक सहयोग का आश्वासन दिया। साथ ही आंदोलन की अगुवाई कर रहे सुनील राम और चंदन कुमार ने उनसे से कहा कि लगातार हो रही असामाजिक तत्वों द्वारा किये जा रहे चोरी व छिनतई जैसै कृत्यों के वजह से हमारा धपरा समाज बदनाम हो रहा है। प्रत्येक घटना के बाद पुलिस इन तत्वों को ढूंढने के लिए हमारे मुहल्ले में छापेमारी करती है और नाहक मुहल्ले के आम लोगों को भी इससे परेशानी उठानी पड़ती है। इससे हमलोग भी परेशान हो चुके हैं। इससे समाज का हर वर्ग विशेषकर महिला और बुजुर्ग चिंतित हैं। समाज के लोगों ने रविवार सुबह समाज की एक बैठक आहूत की और इस मामले में युवाओं से सार्थक पहल करने का आह्वान किया। इसके बाद तत्काल हमलोगों ने निर्णय लेते हुए पहले ऐसे तत्वों को चिह्नित करना शुरू किया और उन्हें शहर के चौक चौराहे व विभिन्न जगहों पर ढूंढने का प्रयास किया। साथ ही ऐसे कृत्य नहीं करने का सख्त हिदायत देते हुए कहा कि हम अपने मुहल्ले में अपराधियों को किसी भी हाल में पनाह नहीं दे सकते हैं। मुलाकात के दौरान अध्यक्ष ने वस्तुस्थिति से अवगत होते हुए हर संभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया और पुलिस के वरीय पदाधिकारियों से मुलाकात के लिए समय मांगा ताकि यह सामाजिक कोढ़ खत्म हो सके। इस दौरान सुनील राम, चंदन कुमार, देवा धपरा, सूनील धपरा, राम धपरा, रामू कुमार, बंटी कुमार, कपिल कुमार, देवा कुमार, विकास कुमार, मिथुन राम, विकेश कुमार, पवन कुमार, कृष्णा कुमार, राजेश राम समेत बस एसोसिएशन के अन्य सदस्य आदि उपस्थित थे।
इधर देवघर जिला बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेशानंद झा ने कहा कि धपरा समाज ने बहुत नेक पहल की है। हरसंभव समाज को सहयोग करने के लिए वचन दिया है। अपराधियों की कोई जात व धर्म नहीं होता है। बाहर से आकर देवघर में अपराध को बढ़ावा देने वाले चंद लोगों के वजह से स्थानीय लोग बदनाम हो रहे हैं। प्रशासन इस दिशा में गंभीरतापूर्वक कार्रवाई करें। जल्द ही इसको लेकर जिले के वरीय पदाधिकारी से मुलाकात किया जाएगा ताकि देवघर में लोग सुरक्षित और भयमुक्त तरीके से जीवन यापन कर सके।