दिल्ली में रसोइ का काम कर रही थी लड़की, मिलेे महज 5000 रुपये
दुमका/वरीय संवाददाता। मानव तस्करी का शिकार हुई दुमका की एक आदिवासी लड़की डीसी और एसपी के हस्तक्षेप से तीन साल बाद दुमका लौट गयी है। दुमका जिले के शिकारीपाड़ा थाना अंतर्गत पोखरिया गांव निवासी दीदीमुनी मरांडी की पुत्री मिरू टुडू (20) तीन साल पूर्व आकर्षक नौकरी की पेशकश पर कथित तौर पर नई दिल्ली तस्करी की गई थी। पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट थाना अंतर्गत कीर्तिपुर गांव की आरती हंसदा ने इस काम के लिए प्रतिमाह 10,000 रुपये दिलवाने का वादा किया था, जब उसने मीरू से उसी थाना क्षेत्र के अंतर्गत मखदूमहाड़ी गांव की एक अन्य लड़की चंद्रमुनि मुर्मू के साथ स्थानीय साप्ताहिक हाट में उसके पास संपर्क किया था। मिरू की मां दीदीमुनि मरांडी ने पिछले महीने उपायुक्त रविशंकर शुक्ला और एसपी अंबर लकड़ा से संपर्क की थी। उसके बाद ही उसकी वापसी हो पायी है। मीरू टुडू ने बताया कि 2019 में उसे काम दिलाने का झांसा देकर दिल्ली ले जाया गया था जहां वह पिछले 3 वर्षों से रसोई का काम कर रही थी। परंतु इन 3 वर्षों में उसे कोई मजदुरी नहीं दी गई। मात्र 5000 रुपया दिया गया है और साथ ही परिजनों से बात भी नहीं करने दिया जा रहा था। बताते चलें कि आरती हांसदा शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पोखरिया गांव से मीरू टूडू और मकड़ापहाड़ी गांव से भी एक बालिका को दिल्ली ले गई थी। कुछ माह के बाद ही दोनों बच्चियों का अपने परिजनों के साथ संपर्क टूट गया। पुलिस का दबाव बढ़ता देख आरती हांसदा की बेटी सोनाली ने मीरू टूडू को दिल्ली से लाकर घर पहुंचा दिया। मकड़ापहाड़ी की रहने वाली दूसरी बालिका अब तक वापस नहीं लौटी है। एसडीपीओ मोहम्मद नूर मुस्तफा अंसारी ने कहा कि जल्द ही दूसरी बच्ची भी घर पहुंच जाएगी। शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह ने कहा कि मिरू टुडू के नियोक्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अदालत में दर्ज किए जाने वाले उसके बयान के आधार पर शुरू की जाएगी। शनिवार को पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मीरू का अदालत में बयान कलमबंद करवाया। दीदीमुनि की मदद करने वाले एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता हाबिल मुर्मू ने कहा कि प्रशासन को ऐसे माता-पिता की दुर्दशा का जवाब देने के लिए काफी संवेदनशील होना चाहिए जिनके बच्चों को इस तरह से प्रताड़ित किया गया था। हाबिल ने कहा कि मिरू की तरह कई आदिवासी लड़कियां आकर्षक वेतन पर नौकरी के झूठे वादों पर दूर स्थानों पर तस्करी कर दी जाती है, जिसपर संवेदनशीलता से कार्रवाई की जानी चाहिये।
सीडब्ल्यूसी ने दिया आपत्तिजनक वीडियो बनानेवाले पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश
दुमका/नगर संवाददाता। बाल कल्याण समिति ने 16 वर्षीय बालिका की आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करने के मामले का संज्ञान लेते हुए हंसडीहा थाना के प्रभारी को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर त्वरित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देंश दिया है। चाइल्डलाइन दुमका के केन्द्र समन्वयक मधुसूदन सिंह द्वारा बाल कल्याण समिति के समक्ष हंसडीहा थाना क्षेत्र की एक 16 वर्षीय बालिका के साथ तामिलनाडू के कांचीपुरम जिला के श्रीपेरूमबदुर इलाके में हंसडीहा थाना क्षेत्र के ही एक युवक द्वारा आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के मामले की रिपोर्ट की गयी। यह बालिका अप्रैल 2021 में तालिनाडु के कांचीपुरम जिले के कट्रम्बक्कम में काम करने के लिए गयी थी। वहां वह शुरू के तीन दिनों में सनोवर अंसारी के घर पर रही जो मूल रूप से हंसडीहा थाना क्षेत्र का रहनेवाला है। इसी दौरान सनोवर ने उसका स्नान करते हुए वीडियो बना लिया और इस आपत्तिजनक वीडियो को सोसल मीडिया में वायरल करने की धमकी देकर उसपर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव देने लगा। बालिका ने इस घटना की लिखित शिकायत कांचीपुरम के पुलिस अधीक्षक से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक 20 अधिकारियों एवं समितियों को करते हुए युवक पर कानूनी कार्रवाई करने की गुहार लगायी है। सीडब्ल्यूसी सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय एवं कुमारी विजय लक्ष्मी ने इस मामले की सुनवायी करते हुए हंसडीहा थाना प्रभारी को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। सीडब्ल्यूसी ने हंसडीहा थाना प्रभारी को पत्र भेजकर सनोवर अंसारी, पिता- रूस्तम अंसारी, सरैयाहाट, दुमका के खिलाफ पोक्सो एवं आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए कृत कार्रवाई से अवगत कराने का पत्र जारी किया है।