इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 को लगायी थी राष्ट्रीय आपातकाल
-लोकतंत्र की हत्या कहानी को भाजपा जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगी
गोड्डा/ संवाददाता । भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय में गुरुवार को प्रदेश की ओर से नियुक्त चार सदस्यीय टीम ने प्रेस- कॉन्फ्रेंस किया। जिला उपाध्यक्ष अजय साह, संजीव मिश्रा, जिला महामंत्री कृष्ण कन्हैया, जिला महामंत्री कृष्ण मुरारी चौबे ने बारी-बारी से कहा कि 25 जून, 1975 को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश भर में आपातकाल की घोषणा की थी जो कि भारत के इतिहास में काला दिन की तरह था। लोकतंत्र की हत्या एवं आम नागरिकों के अधिकारों का हनन किया गया। देशभर में विपक्षी नेताओं और संघ परिवार के पदाधिकारियों को जेल में बंद कर दिया गया था। विपक्षी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करके अज्ञात स्थानों पर रखा गया एवं मीसा एक्ट के तहत कार्रवाई की गयी। आपातकाल के दौरान समाचार पत्रों को एक विशेष आचारसंहिता पालन करने के लिए पूरी तरह से विवश कर दिया गया था। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी पूरे देश भर में सभी मंच, मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा काला दिवस के रूप में 25 जून को मनाएगी। वहीं कांग्रेस पार्टी द्वारा लोकतंत्र की हत्या की कहानी जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगी। देश के सभी नागरिकों को कांग्रेस के उक्त घृणित कार्य को बताने का कार्य करेगी। इसी आपातकाल के दौरान सभी नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया था। इसकी जड़ में 1971 में हुए लोकसभा चुनाव का था जिसमें उन्होंने अपने मुख्य प्रतिद्वंदी राजनारायण सिंह को पराजित किया था। लेकिन चुनाव परिणाम आने के चार साल बाद राजनारायण सिंह ने हाईकोर्ट में चुनाव परिणाम को चुनौती दी थी। 12 जून, 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जगमोहन लालू ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर उन पर छह साल तक चुनाव न लड़ने का प्रतिबंध लगा दिया। और उनके मुकाबले हारे इंदिरा गांधी के चिर-प्रतिद्वंदी राजनारायण सिंह को चुनाव में विजयी घोषित कर दिया गया था। इस प्रकार इंदिरा गांधी ने चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया था। कांग्रेस को उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में एक भी सीट नहीं मिली। प्रेसकॉन्फ्रेंस में उपस्थित जिला मीडिया प्रभारी बिमंत साह और लाल बहादुर सिंह उपस्थित थे।