-घटना स्थल पर भय का माहौल तो अस्पताल में चीत्कार
-सुभानी और पीहू को स्थानीय लोगों ने मलबे से सुरक्षित निकाला
सुमरजीत सिंह/देवघर। बमबम बाबा पथ स्थित हंसकूप के नजदीक एक तीन मंजिला इमारत गिरने से रविवार को एक बार फिर बाबानगरी ने बड़ा हादसा देखा। हादसे ने तीन लोगों की जान ले ली। जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। हादसे के बाद घायलों व मृतकों के शवों को सदर अस्पताल ले जाया गया। घटनास्थल पर जहां सुबह से भय और दहशत दिखी, वहीं अस्पताल में रह-रह कर चीत्कार उठ रहा था।
सीता होटल के समीप बमबम बाबा पथ हंसकुप मुहल्ले में जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त भवन में 3 परिवार की 3 महिलाओं समेत 9 लोग अंदर थे। स्थानीय लोगों ने 2 बच्ची सुभानी कुमारी और पीहू कुमारी को निकाला। लेकिन, 3 महिला सहित 7 लोग फंसे रह गए। तिलेश्वर बर्णवाल उर्फ दिनेश बर्णवाल, दिनेश की पत्नी मुन्नी बर्णवाल उर्फ पूनम बर्णवाल, सुनील कुमार यादव, सुनील की पत्नी चंपा देवी उर्फ सोनी देवी और सुनील का पुत्र सत्यम कुमार मलबे में फंसा था। सभी को एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला।
-घायलों के इलाज की व्यवस्था पर सांसद को असंतोष
हादसे की सूचना पर गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुबह 6 बजे सूचना मिली कि एक इमारत गिर गई है। लोग परेशान हैं। सभी लोग आ गए, लेकिन रेस्क्यू टीम एक घंटे बाद पहुंची। प्रशासन के लोग देर से पहुंचे। डॉ दुबे ने कहा कि 10-12 साल पहले देवघर में एक बड़ी दुर्घटना हुई थी, तब केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की एक स्थायी टीम को देवघर में तैनात किया था। इस टीम ने ही रोप-वे हादसे के समय लोगों की जान बचायी थी। डॉ दुबे ने कहा कि डीसी देवघर का कहना है कि उनका प्रोटोकॉल कहता है कि घायलों को सदर अस्पताल देवघर ले जाना है। सांसद ने कहा कि मुझे नहीं पता कि ये क्या प्रोटोकॉल है। उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाना जरूरी है। घायलों को सदर अस्पताल ले जाया गया है, लेकिन घायलों का उचित उपचार देवघर एम्स में ही हो सकता है।
-जाको राखे साइयां मार सके न कोई
यह कहावत रिखिया थाना क्षेत्र के रढ़िया निवासी तिलेश्वर बर्णवाल उर्फ दिनेश बर्णवाल के परिजन के साथ सटीक बैठती है। घायल तिलश्वर ने बताया कि वह मकान के दो मंजिले पर किराये पर परिवार के साथ रह रहे थे। वहीं सामने एक चाय की दुकान चलाते थे। उन्हें दो बेटी है जिसका नाम सुभानी और पीहु है। बताया कि रात को खाना खाने के बाद दोनों बेटी पलंग पर सोयी थी और वह पत्नी के साथ नीचे सोये थे। सुबह करीब साढ़े पांच बजे मकान ढह गया। पत्नी पलंग के नीचे दब गयी। जबकि उनके ऊपर कमरे में रखा आलमिरा गिर गया। जिसके नीचे वह दब गये। चिल्लाया भी। लेकिन, आवाज बाहर नहीं जा रही थी। बताया कि बेटी कैसे मलवे के अंदर से निकली यह नहीं जान पाये। दोनों पति-पत्नी करीब छह घंटे तक मलवे के नीचे बचे रहे। कहा कि भोले बाबा ही थे जिसने हम दोनों पति पत्नी की जान बचायी।
-दो बेटे के सिर से माता-पिता का साया उठा
तीन मंजिली इमारत की ढहने से दो बेटे के सिर से माता-पिता का साया उठ गया। बांका जिला के चांदन थाना क्षेत्र के दर्दमारा निवासी सुनील कुमार यादव, पत्नी चंपा देवी उर्फ सोनी देवी की मौत मलबे में दबने से हो गयी। उसके दो पुत्र हैं नाम सत्यम कुमार है और दूसरे का नाम शिवम कुमार है। सत्यम भी इस घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है। वहीं शिवम कुमार अपनी दादी के साथ उसी मकान के पिछले भाग में रहता था। परिजनों ने बताया कि सुनील यादव एसबीआई के एक अधिकारी का ड्राइवर था। वाहन चलाकर ही अपने परिवार का भरण पोषण करता था। सत्यम की दादी का रो-रोकर बुरा हाल है। सत्यम और शिवम माउंट लिटेरा स्कूल में पढ़ाई करता है। वे लोग पिछले लगभग तीन वर्ष से उक्त मकान पर किराये पर रह रहे थे।
-पुश्तैनी घर में शिफ्ट करने वाले थे मृतक मनीष
इसी महीने मृतक मनीष दत्त द्वारी अपने हरिहर बाड़ी स्थित पुश्तैनी घर मंे शिफ्ट करने वाले थे। भाई से बंटवारा नहीं होने के कारण पत्नी अनुपमा देवी के साथ 2012 से उक्त मकान में किराये पर रह रहे थे। उनका पुत्र 14 वर्षीय अंशुमन भारद्वाज अपने नाना जरमुंडी निवासी दिवाकर झा के साथ वर्तमान मंे सीता होटल के पास एक किराये के मकान में रहता था। दिवाकर झा ने बताया कि भाई लोगांे से बंटवारा हो गया था, लेकिन इनके हिस्से में शौचालय और पानी किचन की व्यवस्था नहीं थी। यही वजह थी कि वे किराये के मकान में रह रहे थे। बताया कि पुश्तैनी मकान में पानी किचन और शौचालय का काम अंतिम चरण में था। बताया जाता है कि अगले माह उन्हें वल्लोर आंख के इलाज के लिए जाना था। मगर, भगवान को कुछ और हीं मंजूर था।
-परिजनों चीत्कार से गमगीन हुआ सदर अस्पताल सुबह नौ के आसपास से ही देवघर अस्पताल में मृतक और घायल के परिजनों का जमावड़ा लगने लगा था। मृतक के परिजनों के चीत्कार से सदर अस्पताल परिसर गमगीन हो गया था। परिजन एक-दूसरे के समझाने- बुझाने में जुटे थे। लेकिन, महिलाओंे का रोना धोना कम नहीं हो रहा था।
-सदर अस्पताल के चिकित्सक और चिकित्साकर्मी दिखे अलर्ट
सदर अस्पताल मंे घटना में घायल लोगों का इलाज सही तरीके से हो, इसे लेकर सिविल सर्जन रंजन सिन्हा डटे दिखे। उनके साथ सदर अस्पताल के डॉ अशोक कुमार अनुज, डॉ प्रियंका, डॉ अमरीश ठाकुर, डॉ चितरंजन पंकज, डॉ राजेश रंजन सहित अन्य चिकित्साकर्मी डटे रहे। वहीं सदर अस्पताल में हो हंगामा नहीं हो इसे लेकर डीएसपी तारस सोरेन, इंस्पेक्टर सहदेव प्रसाद, कुंडा थाना के एसआई फकरूद्दीन अंसारी, सअनि राजकुमार टुडू सहित नगर और जसीडीह थाना की पुलिस उपस्थित थी।
जिले के नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत अहले सुबह बहुमंजिला इमारत के गिरने से मलबे में फंसे हुए सभी लोगों को बाहर निकाल लिया गया है, जिसमें घायल व मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से सहयोग के रूप में मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी।
विशाल सागर
उपायुक्त, देवघर
पूर्व मंत्री डॉ कृष्णानंद ने जतायी संवेदना
देवघर/वरीय संवाददाता। स्थानीय बमबम बाबा पथ स्थित एक मकान के गिर जाने की घटना पर पूर्व मंत्री डॉ.कृष्णानंद झा ने घटना को दु:खद बताया। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन से पीड़ितों को यथासंभव सहयोग करने का अनुरोध किया है। साथ ही घटना में मारे गए लोगों के आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना भी की है।
एनडीआरएफ पर भरोसा: निशिकांत
देवघर/नगर संवाददाता। घटना स्थल पर मौजूद सांसद निशिकांत दुबे ने घटना पर दुख जताते हुए देवघर डीसी व एनडीआरएफ की टीम का आभार जताया। कहा कि देवघर में आज सुबह 6 बजे के आसपास बमबम झा पथ पर तीन मंजिला मकान ढह गया। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत की टीम भिजवाया। सुबह से वे ख़ुद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं व स्थानीय लोगों के साथ घटना स्थल पर मौजूद हैं। स्थानीय लोगों ने अभीतक 3 लोगों को तथा एनडीआरएफ ने 1 महिला को बचाया है। बचाव कार्य जारी है, घायलों के लिए देवघर एम्स ने इलाज की सुविधा कर रखी है। उन्होंने मृतकों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए घायलों के समुचित ईलाज की व्यवस्था करने की बात कही। साथ ही सरकार से हादसे के शिकार लोगों को मुआवजा देने की मांग की।
घटना दुखद, मृत व घायलों को मिले मुआवजा : नारायण
देवघर/नगर संवाददाता। स्थानीय विधायक नारायण दास ने घटना को दुखद बताते हुए हादसे में मृत लोगों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त कर घायल लोगों के समुचित ईलाज किए जाने की बात कही। साथ ही मृतक के आश्रित व घायल लोगों को मुआवजा दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कहा है कि इस हादसे में 7 लोगों को बाहर निकाला गया है। कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने एनडीआरएफ की टीम की प्रशंसा की। साथ ही लोगों से अपील करते कहा कि जर्जर हुए मकान में ना रहें। जर्जर भवन में कैसे लोगों को रहने की इजाजत गृह स्वामी द्वारा दी गयी, इसको गंभीरता से लिया जाए और मकान मालिक पर मामला दर्ज कराया जाए। वहीं बाजार या अन्य जगहों पर जर्जर भवन में रहने वाले को भी जिला प्रशासन को सहयोग करने का आग्रह किया जाएगा कि ऐसे घरों में रहने वालों की सूचना प्रशासन को दें।