-ग्रामीण पिछले एक महीने से करते आ रहे थे ईसीएल से बिजली मांग को लेकर सांकेतिक आंदोलन
ललमटिया। संवाददाता गोड्डा जिला स्थित ललमटिया ईसीएल प्रबंधन की ओर से लोहंडिया ग्राम में बिजली मुहैया नहीं कराने पर लोहंडिया के हजारों ग्रामीणों ने ईसीएल का चक्का जाम कर कार्य को ठप कर दिया है। लोहंडिया के ग्रामीण पिछले एक महीने से ईसीएल से बिजली मांग को लेकर सांकेतिक आंदोलन करते आ रहे थे। लेकिन महीना, दिन बीत जाने के बावजूद लोहंडिया में ईसीएल की बिजली मुहैया नहीं कराई गई तो रविवार को स्थानीय ग्रामीणों ने कोयला खदान में उतर कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर ईसीएल का चक्का जाम कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक ईसीएल की बिजली उपलब्ध नहीं कराई जाती है तब तक अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करते रहेंगे और बिजली लेकर ही यहां से जाएंगे। वहीं विरोध प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने कहा ईसीएल प्रबंधन अंग्रेजी शासन करना बंद करें। ईसीएल राजमहल कोल परियोजना ललमटिया के प्रभावित ग्रामीणों के साथ शोषण कर रही है। परियोजना से कई किलोमीटर दूर इलाके को ईसीएल की बिजली मुहैया कराई गई है। लेकिन खनन क्षेत्र से सबसे नजदीक लोहंडिया बाजार को प्रबंधन की ओर से बिजली न देना बड़ी नाइंसाफी है। ग्रामीणों ने कहा कि यह लड़ाई ईसीएल से आरपार की लड़ाई है जब तक प्रबंधन लोहंडिया बाजार को बिजली मुहैया नहीं कराती है तब तक सुनियोजित तरीके से खनन कार्य बंद रहेगा। वहीं जनप्रतिनिधियों ने बताया कि लोहंडिया बाजार के ग्रामीण पिछले एक माह से लगातार गांव में ईसीएल की बिजली की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रबंधन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। बीते 14 जून को ग्रामीणों ने खनन क्षेत्र को बिजली देने की मांग को लेकर कार्य बंद किया था। इसके बाद ग्रामीणों ने 27 जून को परियोजना प्रबंधन के नाम पत्र प्रेषित कर बिजली मुहैया कराने को लेकर 14 दिनों का अल्टीमेटम दी थी और कहा था कि दिए गए समय पर मांग पूरी नहीं की गई तो खनन क्षेत्र में कार्य को बंद किया जाएगा। वहीं 04 जुलाई को ग्रामीणों ने प्रबंधन के खिलाफ जल सत्याग्रह भी किया था। बीते 12 जुलाई को लोहंडिया बाजार में मशाल जुलूस के बाद भी प्रबंधन, ईसीएल की बिजली मुहैया नहीं कराई। जिसके बाद ग्रामीणों ने रविवार को पूरे तरीके से खनन क्षेत्र को बंद कर दिया है। ग्रामीणों ने कहा बंदी के दौरान उत्पादन एवं प्रेषण में जो भी नुकसान होगी सारी जवाबदेही राजमहल परियोजना के महाप्रबंधक, प्रभारी एवं जिम्मेवार पदाधिकारी की होगी।
झारोटेफ ने आयोजित किया कृषि मंत्री के सम्मान में स्वागत समारोह
गोड्डा/महागामा। महागामा प्रखंड परिसर में एनएमओपीएस, झारोटेफ की ओर से रविवार को कृषि, पशुपालन सहकारिता एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्री दीपिका पांडेय सिंह का स्वागत समारोह आयोजित किया। मंत्री पांडेय के साथ मंच पर एसडीओ, महागमा, प्रमुख, बीडीओ, सीओ उपस्थित थे। सर्वप्रथम कृषि मंत्री का स्वागत पुष्प पुंज एवं अंग वस्त्र प्रदान कर किया गया। स्वागत भाषण करते हुए झारोटेफ जिला अध्यक्ष डॉ. सुमन कुमार ने कहा कि पुराने पेंशन स्कीम का प्रस्ताव विधानसभा में मंत्री पांडेय की ओर से जोरदार तरीके से रखा गया था और इसका परिणाम सामने है। आगे भी मंत्री के रूप में इनसे बहुत कुछ अपेक्षाएं है। सभा को संबोधित करती हुई पांडेय ने कहा कि विधान सभा चुनाव के लिए बहुत कम समय बचा है, फिर भी वे आप कर्मियों के अधिकतम मांगों को वर्तमान झारखंड सरकार में पारित करवाने का प्रयत्न करेंगी। साथ ही किसानों के हित के लिए दिन रात कार्य करेंगी। मौके पर डॉ. सुमन कुमार, झारोटेफ के जिला सचिव सुभाषचंद्र, राजीव साह, आलोक कुमार, रीतेश रंजन, विद्यानंद प्रसाद, सज्जाद आलम, सुशील सिंह, नीरज कुमार सिंह, मुरारी प्रसाद शर्मा उपस्थित रहे।
अखिल भारतीय धानुक उत्थान महासंघ की बैठक
-सैकड़ों धानुक जाति ने लिया भाग
महागामा। संवाददाता जाति उत्थान विकास को लेकर धानुक उत्थान महासंघ के बैनर तले रविवार को ढोंढा गांव स्थित शिव मंदिर प्रांगण में बैठक आयोजित की गई। वहीं बैठक की अघ्यक्षता पूर्व मुखिया ढोंढा रामविलास मंडल ने की। वहीं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पुलिस निरीक्षक हरि किशोर मंडल, संस्थापक दीपक मंडल उपस्थित थे। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने मुख्य अतिथि को अंग वस्त्र देकर सम्मनित किया। वहीं कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में धानुक समाज के पुरुष, महिला उपस्थित थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले के विभिन्न गांवों में घूम-घूम कर अपने जाति और बिरादरियों से संपर्क कर संगठित करना है। मुख्य अतिथि पुलिस निरीक्षक मेहरमा हरि किशोर मंडल ने सभी उपस्थित ग्रामीण का स्वागत अभिनंदन किया और कहा कि हमलोग सभी संगठित होकर अखिल भारतीय धानुक उत्थान महासंघ को मजबूत करें और चट्टानी एकता का परिचय दें। साथ ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें। शिक्षित करें, तभी हमारा समाज का उत्थान हो पाएगा। और अपने स्वजाति समुदाय में एक नई परंपरा लागू करें बगैर दहेज का शादी करें, दहेज प्रथा को हटाना है। अखिल भारतीय धानुक उत्थान महासंघ के संस्थापक दीपक मंडल ने कहा कि अभी भी हमारी जाति काफी पिछड़ी है, इसमें सुधार की आवश्यकता है। इसके उत्थान के लिए काफी कार्य किया जाना है। इसलिए हम अपने जाति को आगे लाने, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक रूप से इसे मजबूत करने के लिए धानुक उत्थान महासंघ का गठन किया गया है। इसका कोई तत्काल राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। हम इसके विकास को लेकर गांव की और जा रहे हैं, लोगों से मिल रहे हैं,और सबों से सहयोग का आशा करते हुए बढ़ रहे हैं। मौके पर हेमन्त मंडल, पूर्व मुखिया धनकुड़िया, बीरबल मंडल, ओम प्रकाश मंडल, शंकर कुमार मंडल, अनिल मंडल, बिनोद मंडल, उमाकांत मंडल, निरंजन मंडल, सुभाष मंडल के अलावा सैकड़ों धानुक समाज के लोग उपस्थित थे। वहीं बैठक में बोरमा, बाजितपुर, चम्पा, कसबा, धनकुड़िया, चोरा, भैरोनगर, सोना टिकर,चम्पा, कसबा, मोहारा, चंदा गांव, धानुक समुदाय के ग्रामीण उपस्थित थे।