देवघर/नगर संवाददाता। बसंत पंचमी के मौके पर जिले के सारठ प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय बेलवरना में सरस्वती पूजा भक्तिमय माहौल में सम्पन्न हुआ। सरस्वती पूजा को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। सुबह से ही बच्चों का हुजूम उमड़ पड़ा। पंडित लक्ष्मीकांत झा ने बतौर यजमान सहायक शिक्षक दिलीप कुमार राय को विधि-विधान पूर्वक सरस्वती पूजा-अर्चना कराया। सभी बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की गई। वहीं इस मौके पर क ई बच्चों को विद्यारंभ संस्कार भी कराया गया। सभी बच्चों ने पुष्पांजली अर्पित कर मां को नमन किया। मौके पर प्रभारी प्रधानाध्यापक विश्वनाथ पंडित, सहायक अध्यापक ललन प्रसाद साह, राजेश्वर प्रसाद सिंह, अनिता सहाय, अंकिता सिन्हा, विप्रस अध्यक्ष पिंकू कुमार यादव, हरिकिंकर पंडित, प्रकाश पंडित, गौरव पंडित, श्यामसुंदर पंडित, मणिकांत यादव, पिन्टू मंडल, नीरज कापड़ी, पियु कुमारी, पायल कुमारी समेत अन्य बच्चे मौजूद थे।
परिजन 58 सालों की परंपरा को बढ़ा रहे हैं आगे
- बेटी के पैदा होने व शिक्षक की नौकरी लगने पर शिक्षा प्रेमी स्व. भुवनेश्वर झा ने शुरू की थी मां सरस्वती की आराधना
देवघर/नगर संवाददाता। बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि देवघर जिले के सारवां के दासडीह गांव में बेटी रीता देवी के पैदा होने व शिक्षक की नौकरी लगने के बाद आज से 58 साल पूर्व 1968 में सिमित संसाधनों के बीच गांव के स्व भुवनेश्वर झा ने बसंत पंचमी के मौके पर मां सरस्वती की आराधना शुरू की थी। जैसे जैसे समय बीतता गया पूजा की परंपरा व भव्यता बढ़ती गई। शिक्षक की नौकरी से 2001 में सेवानिवृत होने के बाद उन्होंने मां सरस्वती की पूजा करने की जिम्मेवारी अपने पुत्रों के कंधे पर दे दिया। स्व. भुवनेश्वर बाबू मां सरस्वती के इतने बड़े भक्त थे कि वह प्रारंभ में स्कूल से ड्यूटी करने के बाद सारवां के सुदूरवर्ती मड़वा गांव से मां की प्रतिमा एक कंधे पर और एक कंधे पर पूजन सामग्री लेकर घर पहुंचते थे। लोगों का कहा है कि उस समय सारवां में दासडीह गांव के बाद सारवां नवयुवक संघ द्वारा सारवां बाजार में सरस्वती पूजा होती थी। स्व भुवनेश्वर झा ने कठिन परिस्थितियों में पूजा की शुरुआत की। कालांतर में उनके पुत्र अशोक कुमार झा, जयप्रकाश झा, प्रमोद कुमार झा व कुमोद रंजन झा ने अपने पिता द्वारा 58 साल पूर्व शुरू की गई परंपरा का निर्वाह्न आज भी कर रहे हैं। इस वर्ष मां सरस्वती की प्रतिमा बंगाल के आसनसोल से लाया गया है। सोमवार को पंडित बबलू झा ने विधि-विधान से मां की प्रतिमा की पूजा संपन्न कराया। यजमान के रूप में स्व भुवनेश्वर झा पौत्र आलोक झा व अन्य ने भक्तिभाव से पूजा अर्चना कर मां से आर्शीवाद मांगा। जानकार बताते हैं कि स्व झा के साथ पूजा संपन्न कराने में उनके संबंधी अरूण पत्रलेख प्रारंभ से ही जुड़े रहे हैंैं। मां सरस्वती की पूजा को सफल बनाने में स्व. झा के पुत्र के अलावा उनकी पत्नी गीता देवी, बहू मिनौती देवी, ज्योति देवी, पुतूल देवी व श्वेता देवी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
जसीडीह में धार्मिक वातावरण के बीच मां शारदे की हुई पूजा
जसीडीह/संवाददाता। जसीडीह के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों, महाविद्यालय, विभिन्न इंस्टीट्यूटों, क्लबों आदि में सोमवार को धार्मिक वातावरण के बीच हर्षोल्लास से विद्या की देवी मां शारदे की पूजा की गई।इस अवसर पर जसीडीह रोहिणी मार्ग स्थित श्री लीलानन्द (पागल बाबा) उच्च विद्यापीठ जसीडीह में पंडित राजीव रंजन पांडेय ने विद्यापीठ के प्राचार्य संदीप कुमार मिश्रा के हाथों विधि-विधान से मां सरस्वती की पूजा अर्चना कराया। मां सरस्वती की पूजा में पागल बाबा के शिष्यों एवं विद्यापीठ के संचालकों कोलकाता निवासी किशोरी तोषनीवाल,अजय पोद्दार,ओम प्रकाश अग्रवाल, रवि झुनझुनवाला, शंकर जालान सहित उपप्राचार्य विरेन्द्र कुमार राय, शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्र छात्राओं ने शामिल होकर पुष्पांजलि दी। जबकि छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर चार चांद लगा दिया। पूजा के बाद छात्रा छात्राओं आदि को प्रसाद स्वरूप भोजन कराया गया। वहीं सगदाहा गांव के द फर्स्ट स्टेप कोचिंग सेंटर में राहुल कुमार आदि सहित सेंटर के विधार्थियों ने मां शारदे की पूजा की। साथ ही जसीडीह बाजार, धर्मपुर मोहल्ला, सिमरिया , हनुमान नगर, कालीपुर, गोपालपुर, मानिकपुर, टावाघाट, सरसा, कुशमाहा,रामचंद्रपुर, रतनपुर, संथाली मुहल्ला, थाना रोड राम बाग, बाघमारा, बसुवाडीह, रोहिणी, घोरलास, कोयरीडीह आदि क्षेत्रों के विद्यालयों, क्लबों आदि द्वारा पंडालों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर धार्मिक वातावरण के साथ हर्षोल्लास से पूजा-अर्चना की।
तीन दिवसीय शिवलिंग जीर्णोद्धार सह प्राण प्रतिष्ठा संपन्न
- सैकड़ों की संख्या में जुटे श्रद्धालु, महाप्रसाद का हुआ वितरण
- देर शाम विधायक ने टेका माथा
जसीडीह/संवाददाता। जसीडीह के कजरिया कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में आयोजित त्रिदिवसीय शिवलिंग जीर्णोद्धार सह प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम सोमवार को संपन्न हो गया। बासुकीनाथ से आये आचार्य आशुतोष झा के नेतृत्व में पंडित राजू झा, संतोष पांडेय, रुपेश मुन्ना पुरोहितों एवं मंदिर पुजारी सुजीत पांडेय ने वैदिक विधि विधान से सभी धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम संपन्न कराये। साथ ही सोमवार शिवलिंग प्राण प्रतिष्ठा के अंतिम दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं दर्शनार्थ उमड़ पड़े। इस दौरान सैकड़ों कुंवारी कन्याओं आदि को भोजन कराया गया। वहीं भंडारे के प्रसाद भी भक्तों के बीच वितरण किया गया। मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद मंदिर परिसर में ही हवन पूजा का आयोजन किया गया। भजन-कीर्तन एवं आरती की गयी। जिससे पूरा वातावरण शिवमय हो गया। तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम को सफल बनाने में शेखर सुमन उर्फ सुड्डू सिंह, प्रफुल्ल राय, पंचदेव पांडेय, देवेंद्र मिश्रा, प्रकाश मिश्रा, महेश सिंह, मनोरंजन कुमार, विपिन सिंह, दीपक सिंह, रमाकांत पाठक, संजीव सिंह, रणबीर सिंह, गोलू, गौरव आदि सहित कजरिया कॉलोनीवासियों ने सहयोग किया। इधर देर शाम विधायक सुरेश पासवान भी मंदिर पहुंचकर माथा टेका।
मारगोमुंडा में धूमधाम से हुई मां सरस्वती की पूजा
मारगोमुंडा/संवाददाता। प्रखंड क्षेत्र में बसंत पंचमी के अवसर पर विभिन्न चौक-चौराहों पर बनाए गए पंडालों में स्थापित विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा सोमवार को बड़े ही धूमधाम के साथ की गई। इस दौरान मार्गोमुंडा चौक, पीपल चौक, लहरजोरी, महजोरी, पिपरा, पट्टाजोरी, केंदुआटांड़, पांडेसिंहा, खमरबाद, पंदनिया, फगो, बिरसिंडिह, डेलीपाथर, सुगापहाड़ी कानो, मारनी, चेतनारी खरजोरी, महुवाटाड़, एकद्वारा, द्वारपहरी, छोटी चरपा, बड़ी चरपा, अर्जुनपुर, लालपुर, कोठापहाडी, ताराजोरी, डुमरिया बरसतिया, धावाटाड़, खिजुरियाटाड, शलमंद्रा, कोलख़ा, चतरमा, बनसीमी, सिमराढाब, सहरबेड़ा, कोरिडिह, करंजो, कुशमाहा, टिटीचापर, नोनीयाद, बलवा, लहरजोरी नावाडीह, छातापाथर, जगाडीह, सिमरा, नवाडीह, बेरगाडीह, फुलची, यादि विभिन्न गांव के चौक-चौराहों पर बनाए गए पंडालों में विधिवत पूजा की गयी। पूजा के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। पूजा को सफल बनाने के लिए अपने-अपने गांव स्थित पूजा स्थलों में पूजा समिति के अलावा ग्रामीण भी काफी सक्रिय रुप से जुटे रहे।
लूट व छिनतई मामले में एक अरोपित को पुलिस ने भेजा जेल
मधुपुर/संवाददाता। मधुपुर पुलिस ने लूट और छिनतई मामले में एक अरोपित को पकड़कर जेल भेज दिया। मामले मे पुलिस ने बताया कि आरोपित टार्जन उर्फ पाको लालगढ़ का रहने वाला है।
पुलिस ने बताया कि आरोपित टार्जन विगत वर्ष देवीपुर थाना क्षेत्र के कसाठी गांव के एक युवक के साथ पतरो नदी के पास सुनसान जगह पर मारपीट कर हजारों की नकदी समेत मोबाइल छिन लिया था। घटना के बाद पीड़ित युवक ने मधुपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया था। मामला दर्ज होते ही पुलिस अनुसंधान में जुट गई। इधर लूट के मोबाइल से आरोपित ने रुपया का भी ट्रांजेक्शन कर लिया था। पुलिस आरोपित की खोज कर रही थी। पुलिस के बढ़ते दबाव को देखते हुए आरोपित भागने की फिराक में था। इस बीच पुलिस ने गुप्त सूचना पर उसे नाटकीय ढंग से मधुपुर रेलवे स्टेशन धर दबोचा था।
महिला ने मधुपुर थाना में जानलेवा हमला और छेड़खानी का मामला दर्ज कराया
मधुपुर/संवाददाता। मधुपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गुनियासोल गांव निवासी महिला पूनम देवी ने गांव के ही मुकेश पूजहर और संजय पुजहर पर गली गलौज करते हुए घर में घुसकर धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर पति प्रकाश पुजहर को गंभीर रूप से घायल करने का आरोप लगाते हुए थाना में प्राथमिक की दर्ज कराया है।
महिला ने पुलिस को बताया की मुकेश पुजहर का मंझला भाई किसी लड़की को भगाकर लाया था। उसके पति प्रकाश पुजहर द्वारा लड़की के संबंध मे उससे पूछताछ करने के कारण दोनों आरोपी गाली-गलौज करते हुए घर में घुस गए और धारदार हथियार से प्रकाश पुजहर पर जानलेवा हमला कर उसे बेहोश कर दिया। अपने पति को लहूलुहान व बेहोश देखकर जब हल्ला करने लगी तो उसके साथ मारपीट किया गया।
झारखंड के बजाय आदिवासी दूसरे राज्यों में ज्यादा सुरक्षित : राफिया
रांची/एजेंसी। भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज ने कहा है कि झारखंड के बजाय आदिवासी दूसरे राज्यों में ज्यादा सुरक्षित हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरने से राज्य के आदिवासी समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। राफिया ने यह बातें झारखंड मुक्ति मोर्चा के 46वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान केवल हवा-हवाई है और इसकी कोई वास्तविकता नहीं है। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा था कि पूरे देश में जहां कहीं भी आदिवासी हैं, वे झारखंड आएं, हम उन्हें बसायेंगे।
राफिया ने कहा कि हकीकत यह है कि झारखंड राज्य के आदिवासी भाई-बहन आज असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जबकि अन्य राज्यों में आदिवासी पूरी तरह से सुरक्षित हैं। झारखंड के आदिवासी समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण राज्य में आदिवासी समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है ।
मुख्यमंत्री पहले राज्यभर के आदिवासी समुदाय की सुरक्षा को सुनिश्चित करें फिर आमंत्रण दें। राफिया नाज़ ने कहा कि झारखंड के आदिवासी समुदाय की भूमि और संसाधनों पर लगातार बांग्लादेशी घुसपैठियों का कब्जा हो रहा है, जो न केवल उनके अस्तित्व के लिए खतरा बन चुका है, बल्कि उनकी सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी मिटाने की साजिश की जा रही है। ये घुसपैठ झारखंड के सांप्रदायिक और सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में सीमा सुरक्षा की स्थिति और राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण बांग्लादेशी घुसपैठियों का लगातार बढ़ता प्रभाव राज्य की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुका है।
भाजपा इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की मांग करती है और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार से आग्रह करती है कि आदिवासी समुदाय को पूरी सुरक्षा और न्याय मिले। उन्होंने हमारी पार्टी आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है और हम राज्य सरकार से बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील करते हैं।
भाजपा ने जारी की 27 सांगठनिक अधिकारियों की सूची
रांची/एजेंसी। प्रदेश भाजपा ने सोमवार को जिला चुनाव अधिकारी एवं सह चुनाव अधिकारियों की सूची जारी की है। सभी जिलों के लिए एक चुनाव अधिकारी एवं दो सह चुनाव अधिकारी घोषित किए गए हैं। ये पदाधिकारी संगठन पर्व को जिला में संपन्न कराएंगे। इसके पहले पर्यवेक्षकों की घोषणा घोषणा हुई थी।
भाजपा प्रदेश चुनाव अधिकारी सह सांसद डॉ प्रदीप वर्मा ने संगठन पर्व के कार्यों को ज़लिों में संपन्न कराने के लिए जिला चुनाव अधिकारी एवं सह चुनाव अधिकारी की घोषणा की है।
जारी की गई सूची में पार्टी के सभी 27 सांगठनिक जिलों के लिए एक चुनाव अधिकारी (डीआरओ) और दो जिला सह चुनाव अधिकारी (सीओ डीआरओ) की घोषणा की गई है। सूची के अनुसार रांची महानगर जिला गीता कोड़ा चुनाव अधिकारी और सुनील साहू एवं ओम प्रकाश सह चुनाव अधिकारी, रांची ग्रामीण जिला चुनाव अधिकारी घूरन राम सह चुनाव अधिकारी लक्ष्मण सिंह मुंडा और मनोज चौधरी सह चुनाव अधिकारी,खूंटी जिला में नन्द जी प्रसाद चुनाव अधिकारी और संतोष साहू और गंदौरी गुड़िया सह चुनाव अधिकारी,गुमला जिला केलिए राकेश भास्कर चुनाव अधिकारी एवं सविंदर सिंह और भैरो सिंह खैरवार सह चुनाव अधिकारी,सिमडेगा जिला में किसलय तिवारी चुनाव अधिकारी, दुर्ग विजय सिंहदेव और श्रद्धानंद बेसरा सह चुनाव अधिकारी, लोहरदगा जिला केलिए पवन साहू चुनाव अधिकारी,बिंदेश्वर बेग और बालकृष्ण सिंह सह चुनाव अधिकारी बनाए गए हैं।
पलामू में सुरेश प्रसाद साव चुनाव अधिकारी, नरेंद्र पांडे और लवली गुप्ता सह चुनाव अधिकारी, गढ़वा जिला के लिए अमरदीप यादव चुनाव अधिकारी ओमप्रकाश केसरी और मधुलता सह चुनाव अधिकारी, चतरा जिला मनोज महतो बाजपेयी चुनाव अधिकारी,प्रदीप सिंह, नवीन साह सह चुनाव अधिकारी, लातेहार जिला रामबाबू तिवारी चुनाव अधिकारी हरे कृष्ण सिंह और लाल कौशल नाथ शाह देव सह चुनाव अधिकारी बनाए गए हैं।
हजारीबाग विनोद सिंह चुनाव अधिकारी, कैलाशपति ओझा और टुन्नु गोप सह चुनाव अधिकारी,रामगढ़ सरोज सिंह चुनाव अधिकारी, चंद्रशेखर चौधरी,संजय सिंह सह चुनाव अधिकारी,कोडरमा सुबोध सिंह गुड्डू चुनाव अधिकारी, नितेश चंद्रवंशी और जूही दास गुप्ता सह चुनाव अधिकारी,गिरिडीह शशि भूषण भगत चुनाव अधिकारी, अशोक उपाध्याय और प्रदीप साहू सह चुनाव अधिकारी, धनबाद महानगर अमित मंडल चुनाव अधिकारी, राजकुमार अग्रवाल और चंद्रशेखर सिंह सह चुनाव अधिकारी, धनबाद ग्रामीण के लिए विनय जायसवाल चुनाव अधिकारी, जयप्रकाश सिंह और विकास महतो सह चुनाव अधिकारी, बोकारो चुन्नूकांत चुनाव अधिकारी ,वीरभद्र प्रसाद और ईश्वरचंद्र प्रजापति सह चुनाव अधिकारी जामताड़ा बबन गुप्ता चुनाव अधिकारी, सुकुमानी हेंब्रम मितेश साह सह चुनाव अधिकारी, दुमका शैलेन्द्र सिंह चुनाव अधिकारी, सुरेश मुर्मू और बबलू मंडल सह चुनाव अधिकारी, पाकुड़ दिलीप वर्मा चुनाव अधिकारी,मीरा प्रवीण और कामेश्वर दास सह चुनाव अधिकारी,साहेबगंज संजीव जजवाड़े चुनाव अधिकारी, कृष्णा महतो और कृपानाथ मंडल सह चुनाव अधिकारी देवघर राज सिन्हा चुनाव अधिकारी, दिवाकर गुप्ता और राकेश नरौने सह चुनाव अधिकारी,गोड्डा अभय सिंह चुनाव अधिकारी, अजय साह और अनीता सोरेन सह चुनाव अधिकारी, जमशेदपुर महानगर मनोज कुमार सिंह चुनाव अधिकारी, मिथिलेश सिंह यादव और खेलाराम बेसरा सह चुनाव अधिकारी, पूर्वी सिंहभूम आरती कुजूर चुनाव अधिकारी,सुमन कल्याण मंडल और गुरुचरण रजवार सह चुनाव अधिकारी, पश्चिम सिंहभूम अशोक शर्मा चुनाव अधिकारी,जगदीश पाट पिंगुवा और गोविंद पाठक सह चुनाव अधिकारी, सरायकेला खरसावां जिला केलिए जटाशंकर पांडेय चुनाव अधिकारी ,विजय महतो और देवाशीष राय सह चुनाव अधिकारी बनाए गए हैं।
अफीम की अवैध खेती करने के तीन आरोपित गिरफ्तार
खूंटी/एजेंसी। जिले में अफीम की खेती करनेवालों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है। इसी क्रम में पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्र में अफीम की खेती करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में सायको थाना क्षेत्र से अनीडीह निवासी मंगरा पाहन और पीड़ीहातू निवासी लखीमनी देवी तथा मुरहू थाना क्षेत्र से मुरूद गांव निवासी मार्टिन ओड़ेया शामिल है। यह जानकारी खूंटी के एसडीपीओ वरूण रजक ने सोमवार को अपने कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी। एसडीपीओ ने बताया कि अफीम की खेती करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के क्रम में तीनों को गिरफ्तार किया गया है। तीनों को अफीम के खेत में काम करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है।
रंगदारी के मामले में फरार आरोपी गिरफ्तार : सायको थाना क्षेत्र से रंगदारी के एक मामले में फरार चल रहे आरोपित मुरहू थाना के रूगुवा वीरडीह गांव निवासी हिंदू हस्सा पूर्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एसडीपीओ वरूण रजक ने बताया कि सायको थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति से चार व्यक्तियों ने 20 हजार रुपये की रंगदारी मांगी थी। इस मामले में दो आरोपित पहले ही पकड़े जा चुके हैं। हिंदू हस्सा पूर्ति को उसके घर से गिरफ्तार किया गया। एक आरोपित अभी भी फरार है। उसके खिलाफ सायको थाने में 12 अक्टूबर 2023 को मामला दर्ज किया गया था।
अफीम की खेती के आरोप में अब तक 30 लोग गिरफ्तार : अफीम की खेती करने के आरोप में पुलिस ने अब तक 30 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। अबतक खूंटी थाना क्षेत्र से दो, मुरहू से छह, अड़की से सात, सायको से छह, मारंगहादा से पांच और कर्रा से एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। सायको से दो और मुरहू से एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया। एसडीपीओ ने बताया कि जिले में अब 3145 एकड़ भूमि में लगी अफीम की अवैध फसल को नष्ट किया जा चुका है, वहीं ग्रामीणों ने स्वत: 450 एकड़ भूमि में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया है।
18 से अधिक टैक्टर से किया जा रहा है नष्ट : जिले में अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए पुलिस व्यापक अभियान चला रही है। अलग-अलग थाना क्षेत्र में 18 से अधिक ट्रैक्टरों से अफीम की फसल को नष्ट किया जा रहा है। अब अफीम की फसल में फूल आने लगे हैं। इसे देखते हुए अभियान को और तेज कर दिया गया है।
सिरसी-ता-नाले को किया जाएगा आदिवासी तीर्थस्थल के रूप में विकसित : मंत्री
गुमला/एजेंसी। कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि धर्म, समाज को एकजुट करने की शक्ति प्रदान करता है। आदिवासी समाज सदियों से सूर्य, चंद्रमा, धरती, जल, जंगल और प्रकृति की पूजा करता आ रहा है और यही हमारी पहचान का मूल आधार है।
उन्होंने घोषणा की कि सिरसी ता नाले क्षेत्र को आदिवासी तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जाएगा और इसे राष्ट्रीय स्तर पर कुंभ मेले की तरह मान्यता दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। कल्याण मंत्री चमरा लिंडा सोमवार को गुमला जिले के डुमरी प्रखंड स्थित अकासी पंचायत में आयोजित सिरसी-ता-नाले (दोन) कंकड़ो लता राजकीय में समारोह में लोगों को संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने कहा कि अब हर साल माघ पंचमी के अवसर पर इस स्थल पर भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे। इस आयोजन को उन्होंने आदिवासी धर्म और संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह स्थल आदिवासियों के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जागरूकता का केंद्र बनेगा, जहां लोग आत्मिक शांति और अपने दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकेंगे। लिंडा ने सरना धर्म को भारत सरकार से मान्यता दिलाने के लिए चल रहे संघर्ष को जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि यह आयोजन उसी दिशा में एक सशक्त कदम है। सिसई विधायक जिग्गा सुसारन होरो ने कहा कि अगले वर्ष इस आयोजन को और भी भव्य रूप दिया जाएगा। उन्होंने उन श्रद्धालुओं की भी सराहना की जो उपवास करके लंबी दूरी तय कर इस पवित्र स्थल तक पहुंचे। खूंटी विधायक राम सूर्य मुंडा ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो परंपराएं स्थापित की हैं, उन्हें संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। हमें अपने जंगल, पहाड़ और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों को सुरक्षित रखना होगा। चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव ने इसे ऐतिहासिक आयोजन बताते हुए कहा कि सरकार धार्मिक स्थलों के माध्यम से ऐतिहासिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है। इस आयोजन से समाज अपनी संस्कृति से और अधिक जुड़ सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयास से अब लोग कंकड़ों लता के ऐतिहासिक महत्व को जान सकेंगे। इस अवसर पर ि़खजरी विधायक राजेश कच्छप सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य अतिथि गुमला के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी और हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित
वेस्ट बोकारो के 46 युवा आउटडोर लीडरशिप कैंप में हुए शामिल
रामगढ़/एजेंसी। टाटा स्टील फाउंडेशन ने तुमुंग में तीन दिवसीय आउटडोर लीडरशिप कैंप का शुभारंभ किया। इस वर्ष कैंप के लिए वेस्ट बोकारो से 46 युवाओं का चयन किया गया। जहां उन्हें जागरूकता कार्यशालाओं, करियर काउंसलिंग और रोमांचक गतिविधियों जैसे क्लाइंबिंग, राफ्टिंग और बोटिंग का अनुभव मिला। कैंप का शुभारंभ टाटा स्टील, वेस्ट बोकारो डिवीजन के कैपेसिटी एन्हांसमेंट प्रोजेक्ट के चीफ राजेश कुमार ने किया।
इस अवसर पर टाटा स्टील फाउंडेशन, वेस्ट बोकारो के यूनिट लीड आदित्य कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी एवं संगठन के सदस्य भी उपस्थित रहे। यह आउटडोर लीडरशिप कैंप प्रतिभागियों को उनकी रोजमर्रा की दिनचर्या से अलग हटकर खुद को तरोताजा करने के लिए आयोजित हुआ था। साथ ही नेतृत्व, विकास व नेटवर्किंग के महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित होने का अवसर देता है। यह एक सुरक्षित और सहयोगी वातावरण में नए अवसरों की खोज करने में सहायक है। कैंप प्रतिभागियों को अपनी आंतरिक क्षमताओं, चुनौतियों और उन्हें पार करने की रणनीतियों को खुलकर साझा करने के लिए प्रेरित करता है। रोमांचक गतिविधियां टीमवर्क की भावना को मजबूत बनाती हैं, जिससे युवा और महिलाएं न केवल आत्मविश्वास हासिल करते हैं, बल्कि उद्यमिता और नए अवसरों से जुड़े नवीन विचारों पर मिलकर काम करने की प्रेरणा भी पाते हैं।
2015 में शुरू हुई इस पहल में अब तक अनेक युवा और महिलाओं ने हिस्सा लिया है। इसका सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव जागरूकता में बढ़ोतरी रहा है। जिससे कई युवाओं को अपने गांवों में बाल विवाह और समयपूर्व विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की शक्ति मिली है। इन आउटडोर लीडरशिप कैंपों के जरिए साझा सीख और अनुभवों ने उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया है।
वित्तीय वर्ष 2023, 2024 और 2025 में कुल 400 युवाओं ने आउटडोर लीडरशिप कैंप का हिस्सा बनकर परस्पर सीखने और साझा अनुभवों से अपने व्यक्तित्व को निखारा। इस पहल ने न केवल नेतृत्व क्षमता को मजबूत किया बल्कि कई प्रतिभाओं के लिए नए रास्ते भी खोले।ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी सुनीता सोरेन की है, जो किशोरावस्था में प्रोजेक्ट रिश्ता से जुड़ी थीं। 2019 में जब उन्होंने आउटडोर लीडरशिप कैंप में भाग लिया, तो उनके जुनून और समर्पण ने उन्हें आगे बढ़ने की दिशा दिखाई। उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें 2020 और 2023 में उत्तराखंड में आयोजित विशेष कैंप में आमंत्रित होने का अवसर दिलाया। इन अनुभवों ने न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया, बल्कि उनके भीतर एक प्रशिक्षक बनने की योग्यता भी विकसित की। अपनी निरंतर मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर सुनीता ने खुद को साबित किया और अब वे टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन, तुमुंग में बतौर प्रशिक्षक अपनी नई भूमिका निभा रही हैं।