देवघर/वरीय संवाददाता। अपने वतन के यशस्वी हिन्दी सिनेमा के पहले सुपरस्टार जतिन खन्ना उर्फ राजेश खन्ना की पुण्यतिथि है। आज ही के दिन 18 जुलाई, 2012 को उनकी मृत्यु हुई थी। मौके पर स्थानीय ओमसत्यम इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म, ड्रामा एंड फाइन आर्ट्स के निदेशक सह विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा- राजेश खन्ना भारतीय हिन्दी फ़ल्मिों के प्रसिद्ध अभिनेता थे। राजेश खन्ना का वास्तविक नाम जतिन खन्ना था। अपने रूमानी अंदाज, स्वाभाविक अभिनय और कामयाब फिल्मों के लंबे सिलसिले के बल पर करीब डेढ़ दशक तक सिने प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले राजेश खन्ना के रूप में हिन्दी सिनेमा को पहला ऐसा सुपरस्टार मिला, जिसका जादू चाहने वालों के सिर चढ़कर बोलता था। राजेश खन्ना फिल्म निर्माता और राजनीतिज्ञ भी रहे। राजेश खन्ना ने लगभग 163 फिल्मों में अभिनय किया, जिसमें 106 फिल्मों वे मुख्य नायक रहे। राजेश खन्ना को तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिला और 14 बार नामांकित हुए। उनका अभिनय करियर शुरूआती नाकामियों के बाद इतनी तेजी से परवान चढ़ा कि उसकी मिसाल बहुत कम ही मिलती हैं। वर्ष 1969 में आई फिल्म ‘आराधना’ ने राजेश खन्ना के करियर को उड़ान दी और देखते ही देखते वह युवा दिलों की धड़कन बन गए। फ़ल्मि में शर्मिला टैगोर के साथ उनकी जोड़ी बहुत पसंद की गई और वह हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार बनकर प्रशसंकों के दिलोदिमाग पर छा गए। ‘आराधना’ ने राजेश खन्ना की किस्मत के दरवाज़े खोल दिए और उसके बाद उन्होंने अगले चार साल के दौरान लगातार 15 हिट फिल्में देकर समकालीन तथा अगली पीढ़ी के अभिनेताओं के लिए मील का पत्थर क़ायम किया। वर्ष 1970 में बनी फिल्म ‘सच्चा झूठा’ के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फ़ल्मिफेयर अवार्ड दिया गया। वर्ष 1971 राजेश खन्ना के अभिनय करियर का सबसे यादगार साल रहा। उस वर्ष उन्होंने ‘कटी पतंग’, ‘आनन्द’, ‘आन मिलो सजना’, ‘महबूब की मेंहदी’, ‘हाथी मेरे साथी’ और ‘अंदाज’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं। ‘दो रास्ते’, ‘दुश्मन’, ‘बावर्ची’, ‘मेरे जीवन साथी’, ‘जोरू का ग़ुलाम’, ‘अनुराग’, ‘दाग’, ‘नमक हराम’ और ‘हमशक्ल’ के रूप में हिट फिल्मों के जरिए उन्होंने बॉक्स ऑफिस को कई वर्षों तक गुलज़ार रखा। भावपूर्ण दृश्यों में राजेश खन्ना के सटीक अभिनय को आज भी याद किया जाता है।
भयहरण दुबे बाबा मंदिर सरसकुंडा में वार्षिक पूजा को लेकर बैठक
सोनारायठाढ़ी/संवाददाता। प्रखंड क्षेत्र में भय हरण दुबे बाबा से प्रसिद्ध सरसकुंडा गांव में वार्षिक पूजा 29 जुलाई को होगी। इसकी सफलता को लेकर मंदिर के अध्यक्ष सच्चिदानंद मिश्र समेत मंदिर कमेटी के सभी मेंबरों के साथ बैठक की। बैठक में पूजा करने के लिए आने वाले श्रद्धालुगण को कतारबद्ध तरीके से पूजा कराने पर चर्चा हुई अत्यधिक भीड़ के कारण भक्तों को परेशानी नहीं हो। वही मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि इसको लेकर एक बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी।
शिक्षक-अभिभावकों की बैठक में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने पर जोर
सोनारायठाढ़ी/संवाददाता। गुरूवार को सोनारायठाढ़ी प्रखंड के 109 विद्यालयों में शिक्षक-अभिभावक बैठक आयोजित की गई। जिसमंे विद्यालय के पोषक क्षेत्र के एचसी पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता ने भाग लिया। जिसमें विद्यालय में बच्चों की नियमित उपस्थिति पर सबसे अधिक चर्चा की गई। विद्यालय में जब सभी संसाधन उपलब्ध हैं तो फिर बच्चे का विद्यालय से अनुपस्थित होना एक चिंता का विषय है और अभिवावकों को इस हेतु जागरूक होना आवश्यक है। विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह में आयोजित रेल प्रोजेक्ट परीक्षा पर चर्चा की गई एवं अभिभावकों को उनके बच्चों की कापियां दिखायी गई कि बच्चे विद्यालय में किस प्रकार पठन-पाठन में प्रगति कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त अभिभावकों को निपुण भारत के तहत एफएलएन कार्यक्रम के बारे में बताया गया। विद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण सभी संकुल साधन सेवी, प्रखंड साधनसेवी एवं प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रौशन कुमार सिंह द्वारा किया गया।
कोलियरी के सहकर्मियों को निर्धारित समय के बाद भी नहीं मिल रहा प्रोन्नति, कर्मियों मे रोष
चितरा/संवाददाता। एस पी माइंस चितरा कोलियरी में कार्यरत दर्जन भर से अधिक ईसीएल कर्मियों को सर्विस लिंक्ड प्रोमोशन (एसएलपी) नियम के तहत निर्धारित समय पर कार्यालय आदेश के महीनों बाद भी लंबित प्रोन्नति नहीं दी गई, जिससे भुक्तभोगी सहकर्मियों में प्रबंधन के प्रति रोष व्याप्त है। बता दें कि कोलियरी में कार्यरत सहकर्मी मुकेश मिश्रा, युगल किशोर राय, विपुल कुमार सिंह सहित अन्य को एसएलपी नियम के अनुसार पांच से आठ वर्ष के दरम्यान यानी 01.01.2024 को संबंधित कर्मियों को प्रोन्नति दिया जाना था, लेकिन सात माह गुजरने को है, लेकिन अभी तक प्रोमोशन को लेकर कोई गतिविधि नहीं देखी जा रही है। नाराज कर्मियों ने कहा कि संबंधित अधिकारी द्वारा नियमों का अवलोकन करने की बात कही जा रही है। इस वजह से लगातार टाल मटोल की स्थिति बनी हुई है। कहा कि लंबित प्रोन्नति नहीं मिलने से हमलोगो का बेसिक प्रतिशत में बढ़ोतरी नहीं हो रही है और इससे आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। कर्मियों ने मांग किया है कि नियम तहत अविलंब प्रोन्नति दी जाय।
सेवानिवृत कोयला कर्मी का निधन, गांव में शोक की लहर
चितरा/संवाददाता। एसपी माइंस चितरा कोलियरी से पिछले वर्ष जून के अंतिम माह को सेवानिवृत हुए पूर्व कोयला कर्मी चितरा के भवानीपुर निवासी राथो राय की गुरुवार शाम को आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन से परिजनों सहित पूरे गांव में शोक की लहर छा गई है। इस संबंध में मृतक के पुत्र प्रकाश राय, विकास राय, निवास राय ने बताया कि वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जिनका इलाज स्थानीय स्तर पर किया जा रहा था। मौके पर सगे संबंधी सहित ग्रामीण अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे हुए थे।
प्रखंड कार्यालय से सटे पालोजोरी पंचायत सचिवालय का हाल बुरा
- अबतक बना हुआ है कंफ्यूजन सचिवालय है विवाह भवन
पालोजोरी/संवाददाता। पंचायती राज व्यवस्था के तीसरे टर्म के दो साल पूरे होने के बावजूद पालोजोरी प्रखंड कार्यालय से सटे पालोजोरी पंचायत सचिवालय की हालत नहीं सुधर पाई है। गुरूवार को रोज़गार दिवस पर जब पंचायत सचिवालय का भ्रमण किया गया, तो देखा गया कि सचिवालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। एक तरफ राज्य सरकार यह कहती है कि पंचायत सचिवालय को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर ऐसा बना दिया जायेगा कि पंचायत के लोगों को प्रखंड कार्यालय न जाना पड़े। लेकिन पालोजोरी पंचायत सचिवालय में ढंग से बैठने की जगह तक नहीं है। पालोजोरी पंचायत के मुखिया सहित कई लोगों का कहना है कि इसे विवाह भवन के रूप में बनाया गया था, जो बाद में पंचायत सचिवालय के तौर पर काम करने लगा। रोजगार दिवस पर मौजूद पंचायत के मुखिया अंशुक साधू ने बताया कि पंचायत सचिवालय का भवन जर्जर रहने के कारण यहां आधुनिक सुविधाएं बहाल नहीं हो पा रही हैं। पंचायती राज विभाग से नए पंचायत सचिवालय भवन की मांग की गई है। जिला पंचायती राज पदाधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि नए पंचायत सचिवालय भवन की मांग बीडीओ अपने स्तर से करेंगे।