हनवारा। संवाददाता महागामा प्रखंड के कुशमहरा पैक्स में रविवार को किसानों के लिए धान बीज वितरण केंद्र का शुभारंभ किया गया। जिसका उद्घाटन विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने किया। विधायक ने दर्जनों किसानों को एनएससी कंपनी की एमटीयू 70/29 प्रजाति के धान बीज का वितरण अपने हाथों से किया। इस अवसर पर विधायक दीपिका ने कहा कि झारखंड सरकार समय पर किसानों को अच्छी प्रजाति का धान उपलब्ध करा रही है। किसानों के लिए धान बीज पैक्स में उपलब्ध है। किसान समय पर बीज का उठाव अपने पैक्स केंद्र से कर सकते हैं। मौके पर जिप प्रतिनिधि याहया सिद्दकी, अब्दुल मन्नान, प्रमुख प्रतिनिधि असलम, बीस सूत्री अध्यक्ष फिरोज अख्तर, बीस सूत्री उपाध्यक्ष बिपिन बिहारी सिंह, पैक्स अध्यक्ष अब्दुल हन्नान, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी भूदेव मंडल, मुखिया प्रतिनिधि योगेंद्र रजक, कृषक मित्र सुरेश प्रसाद, डॉ. लक्ष्मण, मिनसार, अजमेर उर्फ मूसा समेत अन्य लोग शामिल थे।
शाम ढलते ही बाजार स्थित स्टैंड में सजती है शराबियों की महफिल
मेहरमा। संवाददाता ठाकुरगंगटी थाना क्षेत्र के माल मंडरो बाजार स्थित स्टैंड के पास शाम ढलते ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है। उक्त ताजा तस्वीर को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि चारों तरफ फैली शराब की बोतलों का अंबार लगा हुआ है जबकि भगैया-मंडरो बाजार मुख्य सड़क के रास्ते ठाकुरगंगटी और मिर्जाचौकी थाना की पुलिस नियमित पेट्रोलिंग करती है। इसके बावजूद देर रात तक शराबी शराब पीते हुए देखे जाते हैं। सबसे आश्चर्य की बात है कि जिस स्थान पर शराबियों का जमावड़ा लगता है उससे महज 10 कदम की दूरी में विद्या का मंदिर सरकारी स्कूल संचालित है। जहां प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे शराबियों के विरुद्ध कार्रवाई के बदले ठाकुरगंगटी थाने की पुलिस मुक दर्शक बनी हुई है। जिस स्थान पर शराबियों का जमावड़ा लगता है वह स्थान यात्रियों को बैठने के लिए विश्राम स्थल बताया जा रहा है।
आंगनबाड़ी केंद्र का चावल विभाग पहुंचा रहा सेविका का घर
-जिम्मेदार से पूछे जाने पर गोल मटोल दे रहे जवाब
मेहरमा। संवाददाता प्रखंड के बाल विकास परियोजना विभाग में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। ताजा मामला बीते शुक्रवार का है। बताते चलें कि बाल विकास परियोजना विभाग की ओर से संचालित प्रखंड के आंगनबाड़ी केंदों में पढ़ने वाले बच्चों को खाने के लिए सरकारी चावल उपलब्ध कराया जाता है। विभाग की ओर से उक्त चावल को आंगनबाड़ी केंद्र में पहुंचना है, लेकिन विभाग की सांठगांठ के कारण शुक्रवार को भल्लु आंगनबाड़ी केंद्र का चावल आंगनबाड़ी सेविका का घर बाराहाट बाजार पहुंचा दिया गया। जब इसकी सूचना मेहरमा बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ अभिनव कुमार को मोबाइल फोन पर दी गई तो उन्होंने ऐसी जानकारी दी कि समझ से परे था। भल्लु आंगनबाड़ी केंद्र गांव में संचालित है। लेकिन मेहरमा सीडीपीओ ने जानकारी दी कि जिस स्थान पर चावल पहुंचाया गया है वहीं आंगनबाड़ी केंद्र और आंगनबाड़ी सेविका का घर भी है। हालांकि यह गंभीर मामला है कि प्रखंड स्तर के जिम्मेदार पदाधिकारी को विभाग में चल रही लापरवाही की जानकारी तक नहीं है। अब देखना दिलचस्प होगा कि मामले में आखिर जिम्मेदार कौन हैं और दोषियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई होती है।
जवानों ने निकाला फ्लैग मार्च
गोड्डा। संवाददाता बकरीद को लेकर रविवार संध्या में नगर थाना से लेकर मस्जिद चौक हॉस्पिटल रोड होते हुए असनबानी चौक तक जवानों ने पैदल फ्लैग मार्च निकाला। मौके पर सदर एसडीएम बैजनाथ उरांव, प्रशिक्षु डीएसपी गौरव कुमार, नगर थाना प्रभारी मधुसूदन मोदक, महिला थाना प्रभारी गुलाब किस्पोट्टा, नगर थाना सब इंस्पेक्टर भोले नाथ दास, अशोक कुमार दुबे, सत्येंद्र तिवारी, सलाई गोप, अमित मार्की, गौरव कुमार सहित आईआरबी के जवान, मोबाइल टाइगर के जवान, जिला बल के जवान शामिल थे।
विशेष लोक अदालत में करायें मामलों का त्वरित निष्पदन : डालसा
-29 को आयोजित लोक अदालत में होगा भूमि अधिग्रहण, विस्थापन, राजस्व, प्रतिकर विवादों का निपटारा
गोड्डा। संवाददाता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जिले के विभिन्न प्रखंडों में गठित लीगल एड क्लीनिक की ओर से विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान डालसा की टीम ने विशेष लोक अदालत के माध्यम से विभिन्न प्रकार के मामलों का निष्पादन कराने की जानकारी दी। बसंतराय प्रखंड के महेशपुर गांव में आयोजित विधिक शिविर में डालसा की ओर से पीएलवी हसीब, मंजूरी बीबी आदि ने कहा कि झालसा की ओर से 29 जून, 2024 को व्यवहार न्यायालय परिसर में विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष लोक अदालत में भूमि अधिग्रहण के मामले, राजस्व मामले, विस्थापन के मामले सहित इन सभी मामलों से संबंधित प्रतिकर एवं संबंधित अन्य मामलों का निष्पादन किया जाएगा। इधर 29 जुलाई से लेकर तीन अगस्त तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से विशेष लोक अदालत लगाया जाएगा। इसमें मामले का त्वरित निष्पादन होगा। मामले के त्वरित और नि:शुल्क निष्पादन को लेकर लोक अदालत सबसे बेहतरीन तरीका है। लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन सुनिश्चित हो, इसके लिए अधिक से अधिक ग्रामीणों को इससे संबंधित जानकारी दी जा रही है। कहा कि जानकारी के अभाव में लोग योजनाओं के लाभ से वंचित हो जाते हैं। मामले से संबंधित सभी वादों को 23 जून, 2024 तक चिह्नित करके पक्षकारों को नोटिस प्राप्त करा देना है। 24 जून, 24 से 28 जून, 24 तक पूर्व लोक अदालत की बैठक होगी। इसमें समझौता करने के लिए पक्षकारों को समझाया जाएगा और 29 जून, 2024 को मामलों का अंतिम रूप से निष्पादन करा दिया जाएगा। इस विशेष लोक अदालत को सफल बनाने के लिए प्रत्येक प्रकार के मामलों के लिए न्यायिक अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है। साथ ही स्थाई लोक अदालत सभी प्रखंड में कैंप बैठक करेगी। इसी प्रकार सदर प्रखंड में जायसवाल मांझी व चंपा कुमारी, पथरगामा में जोबाती मुर्मू व अजय टुडू, महागामा में रामविलास महतो, मेहरमा में विमल टुडू व दयानंद यादव, ठाकुरगंगटी में मुन्नी रानी व जयकृष्ण यादव, बोआरीजोर में अनिता टुडू व सुषमा मुर्मू एवं पोड़ैयाहाट क्षेत्र में शंकरचंद्र सेन व मीनू बेसरा ने जन जागरुकता अभियान चलाया।
अंगिका भाषा को सूची से हटाने पर हाईकोर्ट में मामला दर्ज
गोड्डा। संवाददाता संथालपरगना की अति प्राचीन भाषाओं में अंगिका का स्थान अहम है। लेकिन मौजूदा सरकार ने इस भाषा को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से हटा दिया है। सरकार के उक्त निर्णय के खिलाफ अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के प्रदेश महासचिव डॉ. प्रदीप प्रभात और मंच के जिलाध्यक्ष डॉ. राधेश्याम चौधरी ने संयुक्त रूप से झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि संथालपरगना अंग प्रदेश का हिस्सा रहा है। यहां प्राचीन काल से ही लोग अंगिका भाषा बोलते हैं। इसकी पढ़ाई भी होती है। अंगिका साहित्य अपने आप में काफी सम़ृद्ध रही है। ऐसे में संथालपरगना के लाखों लोगों की बोलचाल और पत्र व्यवहार की प्रमुख भाषा अंगिका को राज्य की क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटाया जाना अलोकतांत्रिक है। इससे लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। संथाल जनजातियों और यहां के मूलवासियों की भाषा भी अंगिका रही है। झारखंड की नियोजन नीति में यह पूर्व में शामिल रही है। क्योंकि अंग जनपद ही आज का संथालपरगना प्रमंडल है। झारखंड सरकार बंगाल की भाषा बंगला और ओडिशा की भाषा उड़िया को झारखंड नियोजन नीति नियमावली में स्थान दे रखी है। इससे अंगिका भाषियों को कोई गुरेज नहीं है, लेकिन अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटाया जाना यहां की भाषा-संस्कृति पर आघात है। यहां का भूगोल, इतिहास, संस्कृति की जानकारी नहीं रखने वाले नौकरशाहों के कृत्य पर राजनीतिक हस्तक्षेप होनी चाहिए। नीति नियमावली बनाने वाले विशेषज्ञ को संथालपरगना के इतिहास की जानकारी रखनी चाहिए ।
बंदियों को पैरवी के लिए विधिक सहायता का प्रावधान : डालसा
-मंडल कारा में जेल अदलत का आयोजन
गोड्डा। संवाददाता जिला विधिक सेवा प्राधिकारण की ओर से मंडल कारा परिसर में रविवार को जेल अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान बंदियों को कानूनी जानकारी दी गई। विधिक सहायता मुहैया कराने के संबंध में तहकीकात हुई। डालसा की ओर से लीगल एड डिफेंस काउंसिल अजीत कुमार, रीतेश कुमार सिंह, राहुल कुमार, लीली कुमारी, जेलर सोनू कुमार ने सजायाप्ता बंदियों से संबंधित जानकारी प्राप्त की एवं विधिक सहायता मुहैया करने की दिशा में पहल की गई। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से गरीब व अभिवंचितों के लिए विधिक सहायता की व्यवस्था है। वे विधिक सहायता से संबंधित मामले की सुनवाई को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लीगल एड डिफेंस काउंसिल का गठन किया गया है। ऐसे में विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए जेल प्रशासन के माध्यम से आवेदन देने की जरुरत है। जिन बंदियों ने विधिक सहायता के लिए आवेदन दिया है उनका कार्य प्रगति पर है। इनमें से कई बंदियों को बेल मिल चुका है। इस दिशा में आवश्यक पहल करने की जरूरत है।
ईद उल अजहा आज, लोगों ने हाटों में जम कर की बकरे की खरीदारी
-अल्लाह के नजदीक सबसे बड़ा दिन है कुर्बानी का दिन : पैगंबर मुहम्मद
हनवारा। संवाददाता ईद-उल-अजहा (बकरीद) सोमवार को मनाई जाएगी। बकरीद को लेकर मुस्लिम धर्मावलंबियों में उत्साह है। हनवारा हाट में बीते शनिवार को लोगों ने बकरे की जम कर खरीदारी की। बाजारों में दिनभर चहल-पहल रही। कुर्बानी के लिए बकरों की खूब खरीदारी हुई। लोगों ने सेवई सहित अन्य सामान की खरीदारी की। ईद उल अजहा को लेकर हनवारा में 20 हजार रुपए तक का एक बकरा कुबार्नी के लिए बिका। इसके अलावा लोगों ने अपने सामर्थ्य के अनुसार बकरे की खरीदारी की। बकरीद को लेकर हनवारा में विशेष बाजार लगा। बकरीद को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों में खुशी देखी जा रही है। ईद उल अजहा को लेकर मास्टर अजहरुद्दीन ने 15 हजार रुपये में एक बकरा कुर्बानी के लिए खरीदा है। वहीं मोहनपुर के असफाक ने 40 हजार में दो बकरे को खरीदा है।
धूमधाम से मनायी जाती है ईद उल अजहा
मास्टर जहीरुद्दीन ने कहा कि पूरे विश्व में ईद उल अजहा (बकरीद) का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनायी जाती है। यह इस्लाम के दो ईदों में से एक है। इसे हिजरी कैलेंडर के अनुसार आखिरी महीने जुल हिज्जा में मनाया जाता है। यह वही महीना है। जब प्रत्येक वर्ष विश्व के कोने-कोने से श्रद्धालु मक्का पहुंच कर हज अदा करते हैं जो इस्लाम के पांच आधारभूत स्तंभों में से एक है। लक्की मेडिकल के संचालक नजमुद्दीन ने कहा कि इस ईद को ईद उल-अजहा या ईद उल कुर्बानी (ईश्वर से नजदीकी तलाश करने व अपने संबंध को मजबूत करने का त्योहार) भी कहा जाता है। ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो इस त्योहार को हजरत इब्राहिम की याद में मनाई जाती है। जब ईश्वर के हजरत इब्राहिम नि:संतान थे। उन्होंने ईश्वर से बार-बार प्रार्थना किया तो ईश्वर ने उन्हें बुढ़ापे में संतान का सुख दिया। जब ईश्वर (खुदा) ने हजरत इब्राहिम को स्वप्न में कहा कि वह अपने प्रिय (जिगरी) पुत्र का कुर्बानी करें तो उन्होंने अपने पुत्र से इस विषय पर पूछा कि उनकी क्या राय है। इस पर उस बालक (इस्माइल) ने कहा, ऐ मेरे पिता, जो कुछ आपको आदेश दिया जा रहा है उसे कर डालिए। अल्लाह ने चाहा तो आप मुझे धैर्यवान पाएंगे। ईश्वर ने इस्माइल की जगह एक भेड़ (दुंबा) को फीदिये के रूप में देकर इब्राहिम व उनके पुत्र के इस महान बलिदान को स्वीकारते हुए कयामत तक लोगों की नसीहत के लिए इस ईद को मनाने का हुक्म पैगंबर मोहम्मद के जरिए संपूर्ण मानवता को दिया। अल्लाह के अंतिम पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) ने कहा था कि अल्लाह के नजदीक सबसे बड़ा दिन कुर्बानी का दिन है। इस प्रकार हम देखते हैं कि ईद उल अजहा हमें अपने जीवन में बलिदान की भावना को उजागर कर ईश्वर से सान्निध्य स्थापित करने का महान पर्व है न कि सिर्फ मांसाहार के लिए एक परंपरा। इसमें मिठाईयां व अन्य प्रकार के खाद्य दान दिए जाते हैं। नए कपड़े में ईद की नमाज के बाद एक-दूसरे को मुबारकबाद देकर लोग समाज में एक दूसरे से मिलने-जुलने जाते हैं। जिससे हमारा सामाजिक व पारिवारिक संबंध और भी मजबूत होता है।
गायत्री प्रज्ञा पीठ में जिला समन्वय समिति का हुआ पुनर्गठन
महागामा। संवाददाता प्रखंड अंतर्गत मोहनपुर के खदहरा माल स्थित गायत्री प्रज्ञा पीठ में जिला समन्वय समिति, गोड्डा के पुनर्गठन के लिए उपजोन समन्वयक बुधन वर्मा की उपस्थिति में शनिवार को बैठक का आयोजन किया गया। जिले के सभी प्रखंडों से करीब सैकड़ों परिजन उपस्थित हुए। जिला समन्वय समिति के विभिन्न पदों के लिए व्यक्तियों का चयन किया गया। इस दौरान सर्वसम्मति से पुन: एक बार भवेंद्र कुमार को जिला समन्वयक के रूप में कार्य करने के लिए चुना गया। साथ ही उनके सहयोगी के रूप में जिला उपसमन्वयक विनोद कुमार साह को चुना गया। वहीं अन्य पदों पर जिला महिला समन्वयक वंदना पांडेय, जिला महिला उपसमन्वयक आरती शर्मा, जिला युवा समन्वयक नीतीश कुमार सिंह, युवा उपसमन्वयक धर्मेंद्र प्रसाद सिंह, भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा समन्वयक अनिरुद्ध प्रसाद यादव, भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा उपसमन्वयक हलधर प्रसाद यादव, जिला समन्वयक (आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी) किरण देवी महतो, जिला उपसमन्वयक रेखा देवी, गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ, उपासना समन्वयक दिलिप कुमार, गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ, उपासना उपसमन्वय लक्ष्मी कुमारी, सप्त आंदोलन समन्वयक राकेश रंजन, सप्त आंदोलन उपसमन्वयक कौशल किशोर भंडारी को पदभार दिया गया। वहीं बैठक की व्यवस्था बनाने में सीताराम सिंह, कृष्ण मुरारी, कैलाश मंडल, उदय भगत, उदित नारायण, सत्यनारायण कुमार, धनंजय कुमार, वंदना पांडेय का महत्वपूर्ण योगदान रहा।