गोड्डा। अखबार हॉकर श्याम रजक की हत्या करने वाले नाबालिग अपराधी नशे की दुनिया में रमे हुए हैं। जिला मुख्यालय में 15 से 25 आयु वर्ग के नाबालिग एवं युवाओं का जगह जगह नशे के लिए जमघट लगता है। पुलिस नशाखोरों पर नकेल कसने में उदासीन बनी हुई है।
गोड्डा हाट परिसर में अमूमन दिन भर नशाखोरों का जमावड़ा लगा रहता है। शहर के शिवपुर मोहल्ले में नवनिर्मित कन्हवारा पुल के पास खेत के मैदान में सुबह से लेकर देर शाम तक कम उम्र के नशाखोर किशोरों एवं युवाओं की चौकड़ी जमी रहती है। नशाखोरी में नाबालिग लड़कों की भी अच्छी खासी संख्या रहती है। कन्हवारा पुल के पूरब नदी किनारे भी नशेड़ियों का जमघाट लगा रहता है। राज कचहरी तालाब, बस स्टैंड परिसर आदि स्थानों में भी जमकर नशा पान करते युवाओं एवं कम उम्र के किशोरों को देखा जा सकता है। शराब, गांजा आदि के अलावे कई तरह का नशा इन स्थानों पर होता है। पुलिस ने कुछ दिन पहले कोकीन के कारोबार में लिप्त आधा दर्जन युवाओं को दबोचा था। लेकिन शहर में जगह-जगह नशापान करते युवाओं एवं किशोरों की टोली के प्रति पुलिस बेखबर प्रतीत हो रही है। या कहा जाए कि जानकारी रहने के बावजूद पुलिस नशाखोरी के खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज करती है।
अखबार विक्रेता श्याम रजक की हत्या को अंजाम देने वाले नशाखोर 15- 16 साल के नाबालिग हैं। चर्चा है कि नशाखोर किशोरों एवं युवाओं का एक ग्रुप है, जिसे डेविल्स ग्रुप के नाम से जाना जाता है। इस ग्रुप में 50- 60 नाबालिग एवं युवा शामिल हैं। बताया जाता है कि नशाखोरी के लिए पैसे का जुगाड़ करने के क्रम में इस ग्रुप के युवा अपराध करने में भी संकोच नहीं करते हैं।
मृतक श्याम रजक के 15 वर्षीय पुत्र निरंजन रजक ने बताया कि नशाखोरों द्वारा उसके घर के पिछवाड़े खेत के मैदान पर नशाखोरी की जाती थी। उसे भी नशाखोर किशोरों ने अपने ग्रुप में शामिल होने के लिए दबाव डाला था। इस मुद्दे पर बतकही भी हुई थी। मामला पुलिस तक भी पहुंचा था। लेकिन पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
कांग्रेस के युवा नेता अमरेंद्र कुमार अमर कहते हैं कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण नशे के लिए शहर के कम उम्र के युवाओं की जगह-जगह चौकड़ी जमती है। लेकिन पुलिस द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है।