सारठ/संवाददाता। राष्ट्रीय पल्स पोलियो दिवस पर सारठ प्रखंड में पल्स पोलियो अभियान के तहत रविवार को सारठ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और बामनगामा पीएचसी में चिकित्सा पदाधिकरी सह नोडल पदाधिकारी डॉ. शानू आनंद द्वारा बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक खिलाकर इस अभियान का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर डॉ. कुमार मांहन, बीएएम सरोज कुमार सिंह, विक्रम पांडेय, भारती, एएनएम रिंकु, आशावाला, संजय कुमार समेत अन्य भी मौजूद थे। नोडल पदाधिकारी डॉ. आनंद ने बताया कि पल्स पोलियो की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत सारठ सीएचसी द्वारा सारठ प्रखंड के विभिन्न गांवों में कुल 175 बूथ बनाये गये हैं, जिसमें 33906 का लक्ष्य रखा गया है। इन बूथों में 0 से 5 वर्षो तक के सभी बच्चों को पल्स पोलियो की दवा खिलायी गई। इस अभियान के सफल संचालन के लिए सभी बूथों के पर्यवेक्षण के लिए 37 पर्यवेक्षक और मेडिकल ऑफिसर समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को प्रतिनियुक्त किया गया है।वहीं इन्होंने बताया कि 9 और 10 दिसम्बर को स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर भ्रमण कर छूटे हुए सभी बच्चों को पल्स पोलियो की दवा खिलायी जाएगी।
बेसहारों का सहारा सुविधाओं से लैस नि:शुल्क आश्रयगृह हमेशा रहता है वीरान
- नगर परिषद की उदासीनता मुख्य वजह
मधुपुर/संवाददाता। बेसहारों का सहारा हर सुविधाओं से सम्पन्न मधुपुर कोर्ट के पास तीन मंजिला भवन नि:शुल्क आश्रय गृह नगर परिषद के जागरुकता के अभाव में वीरान पड़ा रहता है। यह आश्रय गृह झारखंड सरकार के नगर विकास व आवास विभाग अन्तर्गत मधुपुर नगर परिषद से संचालित है। भवन सिविल कोर्ट के सामने बना हुआ है, जो स्टेशन और बस स्टैंड के पास 50-75 गज के फासले पर है। यह आश्रय गृह रैन बसेरा भी कहलाता है। यह भवन उनलोगों के लिए है जो यहां रात में ठहरना चाहते हैं। यहां सारी सुविधा मौजूद है। मसलन बेड, बिछावन चदर, कम्बल, पंखा शौचालय, स्नानघर वो भी फव्वारा के नीचे नहाने के साथ। साफ-सफाई और बिजली भी। हॉल भी है सामूहिक विश्राम के लिए। सबसे बड़ी बात है कि यह सारी सुविधाएं बिल्कुल नि:शुल्क है। बस आधार कार्ड का जोरेक्स कॉपी लगता है। लोगों का कहना है कि जागरूकता के अभाव में रैन बसेरा हमेशा खाली दिखता है। लोगों को पता ही नहीं है कि मधुपुर शहर में इतनी अच्छी सुविधाओ से लैस और ठहरने के लिए बिल्कुल फ्री में व्यवस्था है। यह जिम्मेदारी हम सभी नागरिकों की है कि इस ठंड में या कभी भी कोई लाचार आदमी जो लॉज, होटल, धर्मशाला में पैसा नहीं दे सकता हैं उसे इस आश्रयगृह का पता दे दें ताकि वह सकून का नींद सो सके। अगर कोई दिक्कत होती है तो वहां पर अंकित नंबर पर नगर परिषद के अधिकारियों को सूचना दे सकते हैं।
करौं के 160 बूथों पर पिलायी गयी दवा
मधुपुर/संवाददाता। अनुमंडल के करौं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ डॉ अरुण कुमार के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फीता काटकर किया गया। प्रभारी डॉ केके सिंह द्वारा बताया गया की कुल 160 केद्रों में पोलियो की खुराक दिए जाने का व्यवस्था की गयी है। साथ ही 36900 बच्चों को पोलियो का दो बूंद पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें प्रथम दिन बूथ पर, द्वितीय एवं तृतीय दिन घर घर जाकर बच्चों को पोलियो का दवा पिलाई जानी है। इस बार कुल 14 डिपो, 31 सुपरवाइजर, 327 वैक्सीनेटर, 5 मॉनिटर को कार्य पर लगाये गये हंै। प्रभारी ने बताया कि प्रथम दिन 80 प्रतिशत बच्चों को केंद्र पर ही पोलियो खुराक पिलाने का लक्ष्य सभी कर्मियों एवं पदाधिकारी को दिया गया है। कहा कि किसी भी सूरत में एक भी बच्चे पोलियो खुराक से वंचित न हो इसका ख्याल रखा जाए। किसी भी कमी इसमें कोताही नहीं बरता, क्योंकि इससे बच्चों का भविष्य निर्भर करता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉक्टर अरविंद कुमार डॉक्टर अरूप धल, बीडीएम अमित कुमार, बीपीएम रत्नेश कुमार सिंह, बम संजय पाठक, मनोरंजन राय, विनोद माझी, उत्पल सिंह, प्रेमिका मुर्मू, मोनिका मिंज, नीलम लकड़ा, रूबी कुमारी आदि का योगदान सराहनीय रहा।
पोलियो रोधी दवा से वंचित नहीं हो कोई बच्चा : शब्बीर
मंत्री प्रतिनिधि ने दो बूंद पोलियो की दवा पिलाकर की अभियान की शुरुआत
मधुपुर/संवाददाता। अनुमंडलीय अस्पताल में रविवार को सूबे के मंत्री प्रतिनिधि शब्बीर हसन, प्रखंड प्रमुख पद्मिनी देवी और अस्पताल उपाधीक्षक डॉ मो शाहिद ने बच्चों को पोलियो की दो बूंद पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया। मौके पर मंत्री प्रतिनिधि ने कहा कि किसी भी सूरत में कोई भी बच्चा पोलियो की दवा पीने से वंचित नही रहे। पल्स पोलियो कार्यक्रम की निगरानी समुचित ढंग से हो। प्रखंड प्रमुख पद्मिनी देवी ने कहा कि एक्शन प्लान के मुताबिक शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जन्म से 5 वर्ष के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। जन प्रतिनिधि जागरुक होकर अपने-अपने क्षेत्र में बच्चों को पोलियो की दवा पिलवाएं। उपाधीक्षक ने बताया कि पल्स पोलियो कार्यक्रम 8 दिसंबर से शुरू होकर 10 दिसंबर तक चलेगा। प्रथम दिन शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के आंगनवाड़ी केंद्र स्थित पोलियो बूथ पर जन्म से 5 वर्ष के बच्चों को दो बूंद पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। छूटे हुए बच्चे को कार्यकर्ता 9 और 10 दिसंबर को घर घर जाकर पोलियो की खुराक पिलाएंगे। पोलियो अभियान को लेकर कुल 236 बूथ बनाया गया है। जिसमें शहरी क्षेत्र में 51 और ग्रामीण क्षेत्र में 185 बूथ का है। मधुपुर क्षेत्र में कुल 52579 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य है। जिसके लिए 28865 घर में स्वास्थ्य कर्मी जाकर जन्म से 5 वर्ष के बच्चों को पोलियो की दो बूंद पिलाएंगे। अभियान की सफलता को लेकर 45 सुपरवाइजर जिसमें 11 शहरी क्षेत्र और 34 ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिनियुक्त किया गया है। वैक्सीनेटर के रूप में 370 पोलियो कर्मी ग्रामीण क्षेत्र में और 102 कर्मी शहरी क्षेत्र में पल्स पोलियो की दवा पिलाएंगे। कार्यक्रम की मॉनिटरिंग हेतु 8 चिकित्सकों को प्रतिनियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रथम दिन बूथ पर 80 प्रतिशत बच्चों को पोलियो की दवा पिलाया गया। कहा कि अगर किसी भी बूथ पर पोलियो वैक्सीन की जरूरत हो तो शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 19 डिपो होल्डर बनाया गया है सुपरवाइजर अपने निकटतम डिपो होल्डर से दवा प्राप्त कर सकते हैं।अभियान की सफलता को लेकर प्रत्येक दिन शाम में 4 बजे सुपरवाइजर और मॉनिटर के साथ इवनिंग ब्रीफिंग किया जाएगा। मौके पर डॉ सुनील मरांडी, आशा कुमारी, मोहम्मद अली, प्रशांत सौरभ,दामोदर वर्मा, अजय कुमार दास, किरण कुमारी, बादल हांसदा,ललन कुमार समेत चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान हुआ शुरू
- शून्य से पांच वर्ष के बच्चों को दी गई जिंदगी के दो बूंद
- जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने किया बूथों का निरीक्षण
पालोजोरी/संवाददाता। तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ रविवार को सीएचसी में चिकित्सा पदाधिकारी, पंचायतों में पंचायत प्रतिनिधि सहित पालोजोरी प्रखंड के कुल 120 बूथों पर शून्य से पांच वर्ष के बच्चों को जिंदगी के दो बूंद पोलियो ड्रॉप पिलाकर किया गया। अभियान के तहत पालोजोरी प्रखंड में तकरीबन 33 हजार बच्चों को लक्षित किया गया है। प्रत्येक बूथ पर दो दो वैक्सीनेटर और कुल 21 पर्यवेक्षक अभियान की सफलता के लिए लगाए गए हैं। रविवार को बूथ पर दवा पिलाई गई, जबकि आज और कल छूटे हुए बच्चों को उनके घर पर जाकर पोलियो ड्रॉप पिलाई जाएगी। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी कुमारी रंजना ने पालोजोरी के कई बूथों का निरीक्षण किया और बूथ पर तैनात वैक्सीनेटर को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने बूथ डे पर ज्यादा से ज्यादा कवरेज के लिए प्रेरित किया।
बंदना पर्व पर अवकाश घोषित कराने को ले आदिवासी सरकारी कर्मियों ने मंत्री को दिया ज्ञापन
मारगोमुंडा/संवाददाता। आदिवासी समुदाय के सरकारी कर्मियों ने बंदना पर्व में सरकारी छुट्टी घोषित कराने को लेकर रविवार को अल्पसंख्यक कल्याण एवं जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सरकारी कर्मियों ने कहा है कि आदिवासी समुदाय के लिए बंदना पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण है और यह पर्व आदिवासी समुदाय द्वारा 9 से 13 जनवरी तक विधि-विधान के साथ नए फसल एवं पशु आदि की सेवा कर नए वर्ष की सुख शांति एवं समृद्धि के लिए विधिवत पूजा की जाती है। सरकारी अवकाश नहंी रहने के कारण सरकारी कर्मियों को यह पर्व मनाने में परेशानी होती है। आदिवासियों के महत्वपूर्ण पर्व पर सरकारी अवकाश घोषित करने की मांग की गयी है। आवेदन में तिमोथी मुर्मू, मंगलेश्वर हेम्ब्रम, ओबेंद्र हेंब्रम, सुनील हेम्ब्रम, शिवलाल मरांडी, विष्णु देव मरांडी, दिलीप कुमार मुर्मू, शुबलाल मरांडी के हस्ताक्षर हैं।
बूथों पर बच्चों को पिलायी गयी दवा
मारगोमुंडा/संवाददाता। पल्स पोलियो अभियान के तहत रविवार को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न बूथों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई। इस दौरान डॉ केके सिंह ने कहा पोलियो की खुराक से 0 से 5वर्ष तक एक भी बच्चा छूटे नहीं। जिसको लेकर निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अभियान में चक्र के तहत बूथों एवं घर घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। वहीं अभियान के तहत पोलियो की खुराक पिलाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाये गए विभिन्न बूथों का निरीक्षण बाल विकास परियोजना की पर्यवेक्षिका कुमारी शोभा और लता कुमारी ने किया।
सीएचसी में आरसीएच पदाधिकारी ने की अभियान की शुरुआत
सारवां/संवाददाता। सीएचसी में आरसीएच पदाधिकारी सह प्रभारी सिविल सर्जन युगल किशोर चौधरी, बीडीओ रनीश कुमार व प्रमुख फुकनी देवी द्वारा राष्ट्रीय पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम उद्घाटन बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर किया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बीके सिन्हा ने बताया कि सारवां व सोनारायठाढ़ी प्रखंड में 34300 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पहले दिन बूथ पर दवा पिलायी गयी। 9 और 10 को डोर टू डोर बच्चों को ड्रॉप पिलायी जाएगी। मौके पर डॉ देवानंद तिवारी, डॉ सुबोध कुमार वर्मा, डॉ जैकी शेखर, बीडीएम प्रशांत कुमार, बाम आलोक कुमार, लेखापाल चितरंजन सिंह, मनोज पांडे, विरेंद्र विक्रम, शहनाज, विक्रम चौधरी, संतोष, मुन्ना, प्रकाश, सोनू, अजीत, साधना, गोपी आदि स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
आरडीडी हेल्थ ने किया सीएचसी का निरीक्षण
सारवां/संवाददाता। स्वास्थ्य विभाग के आरडीडी दुमका के डॉ अजय कुमार सिंह ने रविवार को सारवां सीएचसी जांच को पहुंचे। इस दौरान आरडीडी ने शीत ताप नियंत्रण गृह पहुंच कर रूम के संचालक सह एएनएम शहनाज से पोलियो दवा के साथ अन्य दवा को कोल्ड चैन में रखने के लिये कितने ताप पर रखा जाता आदि के संबंध में पूछताछ की। इस दौरान उनके द्वारा विभिन्न विभागों की जांच की गई। मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बीके सिन्हा से पोलियो ड्रॉप के अलावा बच्चों व गर्भवती माताओं के टीकाकरण कार्यक्रम की जानकारी ली। इस अवसर पर उनके द्वारा कई निर्देश दिये गये। मौके पर बीडीएम प्रशांत कुमार, आलोक कुमार के साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
अनियंत्रित हाइवा ने बिजली पोल में मारी ठोकर
- बड़ी घटना टली
सारवां/संवाददाता। सारवां थाना क्षेत्र अंतर्गत बस स्टैंड कॉपरेटिव बैंक भंडारो पांडेय टोला के समीप बीती शाम एक अनियंत्रित हाइवा ने बिजली पोल में टक्कर मार दिया। पास में शादी समारोह रहने के कारण व बस स्टैंड के समीप लोगों की काफी भीड़ थी। जिसके कारण कुछ देर के लिए यहां अफरा-तफरी मच गयी। हालांकि दुर्घटना में किसी को कुछ नहीं हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि जिस समय हाइवा ने पोल में धक्का मारा उस समय बिजली बहाल थी और तारों से चिंगारी निकलने लगी। तार टूट जाने के कारण कई गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गयी। जांच के लिए पुलिस घटनास्थल पर पहुंची थी।
मारवाड़ी युवा मंच ने लगाया नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर
- 75 मरीजों का किया गया इलाज
मधुपुर/संवाददाता। स्थानीय सीताराम डालमिया रोड स्थित खेड़िया धर्मशाला में देवघर के मैत्रेयी हॉस्पिटल के सहयोग से मारवाडी युवा मंच के तत्वावधान मे एक दिवसीय नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर में प्रसिद्ध जनरल एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर प्रवीण कुमार एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर उमा द्वारा 75 रोगियों का उपचार कर उचित परामर्श दिया गया। इस दौरान मधुमेह, रक्तचाप समेत स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा बच्चेदानी, नि:संतान, कमर दर्द,जोड़ों का दर्द, बांझपन आदि संबंधित जांच की गई। नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर में अस्पताल के सीईओ पंकज तिवारी, प्रबंधक संजय चटर्जी, मंसूर अली एवं मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष अमित मोदी, सचिव तुषार डालमिया, कोषाध्यक्ष विवेक कलबलिया, यश डालमिया, हर्ष डालमिया, उत्तम मोदी, प्रिंस बथवाल, सुमंत गुटगुटिया, विष्णु यादव आदि मौजूद थे।
आउट सोर्सिंग कंपनी के ठेका मजदूरों ने वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर किया कामकाज ठप
- दो खेमे में बंटे मजदूरों के बीच तकरार से माहौल बना रहा तनावपूर्ण
- कंपनी द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद कामकाज हुआ चालू
चितरा/संवाददाता। एसपी माइंस चितरा कोलियरी के दमगढ़ा आउट सोर्सिंग कंपनी में कार्यरत ठेका मजदूरों द्वारा वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर गत शनिवार शाम से आउट सोर्सिंग का कामकाज ठप कर दिया गया, जो रविवार दोपहर तक बंदी की स्थिति बनी रही। बाद में आउट सोर्सिंग कंपनी के निदेशक द्वारा आश्वासन दिए जाने पर दोपहर बाद से कामकाज पुन: शुरू हुआ। इधर सुबह के 11 बजे के करीब वेतन बढ़ौतरी की मांग कर रहे ठेका मजदूर दो खेमे में बंट गए। जिसके बाद एक पक्ष द्वारा काम शुरू कराने पर अड़े। वहीं दूसरा पक्ष काम बंद कराने के लिए सड़क पर उतरे। इस दौरान एक पक्ष के समर्थन में पहुंचे यूनियन नेता योगेश राय, निर्मल मरांडी, पूर्व मुखिया श्याम बाउरी, राजू दास, विक्की भोक्ता सहित अन्य व दूसरे पक्ष के समर्थन में उतरे चितरा मुखिया प्रतिनिधि सुजीत रजक, सुकुमार मंडल, सोनू यादव आदि के बीच तीखी नोक-झोंक हो गई। जिससे माहौल थोड़ी देर के लिए तनावपूर्ण हो गया। दूसरी ओर तनावपूर्ण स्थिति की सूचना पर चितरा थाना के प्रभारी थाना प्रभारी साहेब राम किस्कू, एसआई राम अनूप प्रसाद, एएसआई सचिदानंद सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और बिगड़ते माहौल को देखते हुए मजदूरों की भीड़ को सड़क से हटाया। वहीं ईसीएल के सिक्योरिटी एवं सीआईएसएफ भी पहुंचे। वहीं काफी देर बाद आउट सोर्सिंग कंपनी के निदेशक से वार्ता के दौरान आश्वासन दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर मजदूरों का वेतन बढ़ा दी जायेगी। इसके बाद आक्रोशित मजदूर सभी शांत हुए और कामकाज शुरू किया गया।
क्या है मामला : बता दें कि आउट सोर्सिंग कंपनी में कार्यरत हेल्फर स्तर के मजदूरों को मात्र चार हजार रुपए मासिक मजदूरी दी जाती है। वहीं ऑपरेटर व हाइवा चालकों को 16 हजार तक वेतन दी जाती है। जिससे अन्य मजदूरों में नाराजगी थी। इस संबंध में मजदूरों ने कंपनी से कई बार वेतन बढ़ाने की मांग भी की गई थी, लेकिन कोई फायदा मजदूरों को नहीं हुआ। इससे मजदूरों में काफी आक्रोश पनपने लगी। वहीं रविवार को आक्रोश फुटकर आंदोलन का रूप ले लिया। फिलहाल अब मजदूर आगामी 15 दिसंबर का इंतजार करने लगे हुए हैं।