-ऐसा करने वालों पर आर्थिक जुर्माने के साथ जेल की सजा का भी है प्रावधान
जामताड़ा/ संवाददाता। निजी वाहनों के व्यावसायिक उपयोग पर कानूनी रोक है। इसके बाद भी जिले में निजी वाहनों का व्यावसायिक वाहनों के रूप में बेरोकटोक उपयोग हो रहा है। जबकि ऐसा करने वालों पर आर्थिक जुर्माने के साथ जेल की सजा का भी प्रावधान है। वाहन मालिकों ने इन वाहनों का वन टाइम टैक्स जमा किया है। जिले में ऐसे वाहनों से टैक्स की चोरी छिपाकर नहीं बल्कि शहर के प्रमुख सड़क पर स्थित बस स्टैंड पर लगे सफेद नंबर वाली कार व अन्य यात्री वाहनों को सवारी का इंतजार करते खुलेआम देखा जा सकता है। ऐसे सफेद प्लेट नंबर वाले वाहनों का इस्तेमाल किराये पर न केवल सामान्य यात्री करते हैं बल्कि कई ऐसे सरकारी विभाग भी हैं जो निजी पंजीकृत वाहन व्यावसायिक उपयोग में कर रहे हैं। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार टैक्सी परमिट के लिए नये वाहन को दो वर्ष बाद प्रत्येक वर्ष फिटनेस प्रमाण पत्र देना होता है। साथ ही कॉमर्शियल वाहन को प्रतिवर्ष 700 रुपये टैक्स भी जमा करने का प्रावधान है। लेकिन ऐसा होने से सरकार को प्रत्येक वर्ष लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है।
क्या है नियम
वाहन कॉमर्शियल या निजी उपयोग के लिए खरीदा जा रहा है यह तय करने के बाद रजिट्रेशन कराना होता है। वाहन के निजी उपयोग के लिए प्राइवेट रजिट्रेशन करना होता है। इसके लिए वन टाइम टैक्स जमा होता है। वाहन चाहे छोटा ही क्यों न हो यदि उसका व्यावसायिक उपयोग हो रहा है तो परिवहन विभाग से कॉमर्शियल रजिस्ट्रेशन होता है। इसके लिए टैक्स जमा करना होता है। यह गाड़ी की मूल्य पर निर्भर करता है।
क्या है प्रावधान
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार प्राइवेट रजिस्ट्रेशन वाले वाहन के कॉमर्शियल उपयोग पर प्रतिबंध है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ ही आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है। एमवीआइ एक्ट के अनुसार पहली बार गलती पाए जाने पर 5,000 रुपये जुर्माना व तीन साल की सजा, दूसरी बार गलती पाए जाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना व एक साल की सजा हो सकती है। वाहन को भी जब्त करने का प्रावधान है।