साहिबगंज। संवाददाता मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलेंद्र कुमार के न्यायालय में संचिका गायब करने के आरोपी आईएएस अनिल कुमार ने आत्मसमर्पण कर दिया। न्यायालय ने उक्त आरोपी को पुलिस अभिरक्षा में लेते हुए एक पखवाड़े के लिए न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है। ज्ञात हो कि अपील वाद संख्या 1102ध्2012 मोहम्मद इकराम उल अंसारी बनाम जन सूचना पदाधिकारी सह जिला शिक्षा पदाधिकारी के मामले की संचिका जांच के दौरान गायब करने के आरोप में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियरन तिर्की ने जिरवाबाड़ी ओपी कांड संख्या 361 ध्2014 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी सुशील कुमार राय सहित अन्य के खिलाफ भादवि की धारा 468ए 471ए 409ए 420ए 120 बी के अंतर्गत प्राथमिक दर्ज कराई है। उक्त गायब संचिका में दिलीप कुमार पांडे लिपिक की सेवा समाप्ति के बाबत डब्लू पी ;एसद्ध2669ध्2003 से संबंधित आदेश की कॉपी संलग्न थी। उपरोक्त वाद के आरोपियों के स्पष्टीकरण से आरोपी के संचिका गायब करने की बात सामने आई थी। उक्त मामले में उच्च न्यायालयए झारखंडए रांची से अग्रिम जमानत आवेदन 927 ध् 2022ए 5 मई 2023 के खारिज होने के उपरांत मंगलवार को आरोपी अनिल कुमार ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में आत्म समर्पण किया। कोर्ट ने आगे की कार्रवाई के लिए एक पखवाड़े की तिथि निर्धारित की है। उक्त आरोपी की ओर से वरीय अधिवक्ता विजय करण एवं लाल बाबू यादव पैरवी कर रहे हैं।
किया है मामला
दरअसल साहिबगंज में डीएसओ के पद पर रहते हुए अनिल कुमार को शिक्षा विभाग में उस समय हुए एक नियुक्ति घोटाले की जांच का जिम्मा मिला था। जिसके बाद मामला दब गया। 2014 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियन तिर्की ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए संबंधित फाइल की खोजबीन की थी। लेकिन उन्हें फाइल नहीं मिली थी। जिसके बाद डीईओ भलेरियन तिर्की ने शिक्षा विभाग के प्रधान लिपिक गोपाल चंद्र सिंहए लिपिक पंचानन महतोए राहुल आनंद सिंहए दिलीप कुमार पांडेय व सतीश चंद्र सिंकू के खिलाफ जिरवाबाड़ी ओपी में मामला दर्ज करा दिया था। मामले की जांच में अनिल कुमार के फाइल ले जाने की बात सामने आई थी। इस मामले में पूर्व डीईओ सुशील कुमार राय को भी प्राथमिकी आरोपी बनाया गया था। इसके बाद अनिल कुमार का तबादला साहिबगंज से धनबाद हो गया। वहां से फिर पलामू के बंदोबस्त पदाधिकारी बने। इस दौरान साहिबगंज कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ था। जिसके बाद से अनिल कुमार पलामू से नवंबर 2022 से ही फरार चल रहे थे। 10 अप्रैल 2023 को सरकार ने उन्हें पलामू बंदोबस्त पदाधिकारी के पद से हटाते हुए मुख्यालय रांची में योगदान करने का निर्देश दिया था। अनिल कुमार बिहार प्रशासनिक सेवा के तीसरे बैच के अधिकारी हैं। उन्हें पिछले साल ही भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति मिली थी।