गोड्डा। विधि संवाददाता जिला जज प्रथम जनार्दन सिंह के न्यायालय ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित महागामा थाना क्षेत्र के दिग्घी निवासी सूरज कुमार बॉबी को दोषी पाकर 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 50,000 रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर एक वर्ष अतिरिक्त सजा काटनी होगी। अर्थ दंड की राशि पीड़िता के पुनर्वास के लिए भुगतान किया जायेगा। इसके अलावा पीड़िता को प्रतिकर मुआवजा के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को हस्तानांरित किया गया। इस संबंध में डालसा के अध्यक्ष सह उपायुक्त को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया। अभियोजन की ओर से प्रभारी लोक अभियोजक लुकाश हेम्ब्रम ने न्यायालय के समक्ष सात गवाहों का परीक्षण किया। उन्होंने बताया कि महागामा थाना में 14 जून 17 को दर्ज प्राथमिकी में 17 वर्षीया नाबालिग ने कहा था कि 13 जून 17 की रात वह अपने घर के छत पर सोई थी। करीब 12 बजे रात में सूरज कुमार बॉबी ने पिस्तोल का भय दिखाकर उसका हाथ पकड़कर जबरन अपने घर ले गया। इस दौरान उसने चिल्लाने का प्रयास किया लेकिन मुंह को कपड़ा से बंद कर दिया।घर ले जाकर एक कमरे में बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया। जब पीड़िता के माता- पिता ने छानबीन शुरू किया तो पीड़िता को छोड़ दिया और किसी को यह बात सुनाने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने मां-पिताजी को सारी घटना की जानकारी दी। इसके उपरांत पीड़िता के लिखित आवेदन पर महागामा थाना में मामला दर्ज कराया गया। उभय पक्षों की दलील सुनने के उपरांत न्यायालय ने आरोप को सही पाया और 376 (1) भादवि के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता कुंदन कुमार सिंह पैरवी कर रहे थे।