दंडाधिकारी सहित पुलिस बल को करना पड़ा विरोध का सामना
- दिन भर सारवां बस पड़ाव रहा गहमागहमी का माहौल
देवघर/सारवां/संवाददाता। लंबे संघर्ष व न्यायालय में चले मुकदमों में जीत मिलने के बाद आज वर्षों से घर बनाकर रहने वाले लोगों का आशियाना अनुमंडल पदाधिकारी सह दंडाधिकारी देवघर के निर्देश के बाद पुलिस बल व दंडाधिकारी की उपस्थिति खाली कराया गया। न्यायालय के निर्देश के बाद अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर सोनारायठाढ़ी के बीएओ को इसके लिए दंडाधिकारी नियुक्त किया गया था। इस दौरान सारवां थाना पुलिस के अलावा पांच महिला पुलिस कर्मी व दस पुरूष जवानों को देवघर पुलिस लाइन से भेजा गया था। जिसमें लाठी बल, आर्म फोर्स, टीयर गैस से पुलिस के जवान लैस थे। दंडाधिकारी व सारवां थाना पुलिस बुधवार को अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश का अनुपालन कराने के लिए दोपहर 12 बजे से लेकर शाम तक मशक्कत करना पड़ा। इस दौरान दोनों पक्षों के लोगों के साथ सारवां बस पड़ाव अन्य लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। घटनास्थल सारवां प्रखंड क्षेत्र के भंडारो पंचायत में पड़ता है, जहां जमीन खाली कराया गया। इस दौरान दूसरे पक्ष की ओर से भारी विरोध किया गया, लेकिन पुलिस प्रशासन के आगे सब बौने साबित हुए। अंतत: पुलिस को कड़ा रुख अपनाया गया और घर व दुकान खाली कराया गया। दंडाधिकारी ने बताया कि संथाल परगना प्रमंडल दुमका के न्यायालय वाद आरएमए केस नंबर 105/2013,14 के भंडारो मौजा नंबर 127 जमावंदी नंबर 84 के दाग नंबर 260 के कूल रकवा 16 डीसमील जमीन को खाली कराने के पारित आदेश को तामीला कराने काम किया गया। दुकानदार ने अपना समान हटा लिया था, लेकिन घर बनाकर रहने वाले लोग घर खाली नहीं कर रहे थे।। जिसके बाद पुलिस जवानों के सहयोग से घर को खाली कराने का काम किया गया। देर शाम तक उक्त जमीन पर बने घर को जेसीबी मशीन से ध्वस्त करने की बात भी कही जा रही थी, लेकिन खबर लिखे जाने तक घर को खाली करने का काम जारी था। मौके पर सारवां थाना के एएसआई बी राम, सुबास राम, बैंजा उरांव के अलावा शस्त्र पुलिस बल व महिला बल के जवान व ग्रामीण पुलिस घटनास्थल पर मौजूद थे। अनुमंडल कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने के दौरान दिनभर सारवां बस पड़ाव में महौल गर्म रहा। दूसरे पक्ष के लोगों का कहना था कि हम लोग लंबे समय से इस भूमि रहे हैं और कई पीढ़ी गुजर गए। कोर्ट में हम हमारे पक्ष में फैसला नहीं आने के बाद हम लोगों ने हाईकोर्ट में अपील किया है।लेकिन इस संबंध में दंडाधिकारी के समक्ष कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सके। हम लोगों आठ दिन का समय दिया गया है। अंतत: उक्त भूमि पर कब्जे को खाली कर शंकर राय नामक व्यक्ति को दखल कब्जा दिलाया गया।